महिला सरपंच ने अपनी पंचायत को नशा मुक्त कराने का लिया निर्णय, कराई गांव में मुनादी

आस्था का केंद्र पड़रिया धाम और ग्राम पंचायत में शराब बिकना हुई बंद..

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छतरपुर: मध्य प्रदेश सरकार ने चाहे शराबबंदी से इंकार कर दिया हो, लेकिन प्रदेश की पंचायतें और उनकी महिला पंच सरपंच इस मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपनी पंचायत में जो सक्रियता दिखाते हुए हाल ही में गांव में शराब बेचना और पीना दोनों का जमकर सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था।

इस गतिविधि को आगे बढाते हुये ग्राम पंचायत पडरिया की नव निर्वाचित सरपंच अभिलाषा रामगोपाल तिवारी ने ग्राम पंचायत मे बैठक का आयोजन कर सर्वसम्मति से पंचायत मे शराब बंद करने का निर्णय किया है। साथ ही पड़रिया धार्मिक स्थल व लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र होने के कारण मास, मदिरा की बिक्री पर रोक लगने का निर्णय लिया है।

●गांव में मुनादी कराई गई..

सरपंच अभिलाषा रामगोपाल तिवारी ने लोगो को सम्बोधित करते हुये कहा कि मास, मदिरा का सेवन करने से स्वास्थ्य के साथ-साथ पैसो की बर्बादी होती है। घर-गांव में लडाई-झगडे होते हैं जिससे क्राईम ग्राफ तो बढ़ता ही है और कई परिवार बर्बाद होते हैं। अतः इसकी बिक्री नहीं होनी चाहिये। इसी क्रम मे पूरी पंचायत की ओर से मुनादी कराई जा रही है और अगर कोई अवैध शराब और नशाखोरी की सामग्री बेचता पाया गया तो उस पर ग्राम पंचायत द्वारा कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

ग्राम पंचायत पडरिया के इस निर्णय की सरपंच संघ द्वारा तारीफ की जा रही और सभी ने मिल कर सहयोग करने की बात कही है।

●यह है पूरा मामला..

पंचायती चुनाव के बाद शपथ होने के बाद पंचायतों में उनके कामकाजों में गतिविधियां तेज होने लगीं हैं। इसी क्रम में गत दिनों बक्सवाहा की 39 पंचायतो के सरपंचो की बैठक का आयोजन गोला की मडिया पर किया गया था। जहां सभी सरपंचो ने सरपंच सघं का गठन किया जिसमे सर्वसम्मति से ललिता गोपाल यादव को सरपंच संघ का अध्यक्ष, चतुर सिंह को उपाध्यक्ष और कुलदीप आसाटी को सचिव पद पर मनोनीत किया गया था। इसके बाद सभी ने शराबबंदी कराने हेतु पैदल मार्च और आंदोलन करते हुए तहसीलदार और थानेदार को ज्ञापन दिया था। और यह उसी का असर है जो धीरे-धीरे दिखने लगा है।