PS के निर्देश पर 2 सड़कों की जांच करने आए SE, कहा- PWD के EE ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर दी अनुमति

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इटारसी से चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट

इटारसी। शहर के विश्राम गृह के दोनों तरफ शहर एवं ग्राम निवेश योजना के तहत बनाई गई सीमेंट सड़कों के निर्माण को लेकर जांच शुरू हो गई है।
PWD के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के निर्देश पर विभाग के अधीक्षण यंत्री (SE) पीसी वर्मा, एसडीओ एके महाला, एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक प्रवीण निमजे, उपयंत्री एके मेहतो ने सड़क एवं लोनिवि की जगह का सीमाकंन किया।
अधीक्षण यंत्री श्री वर्मा ने बताया कि उन्हें शासन से इस मामले की जांच कर कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश प्राप्त हुआ है, अतः स्थल का निरीक्षण किया गया है। प्रथम दृष्टि में लोक निर्माण विभाग की जमीन पर सीमेंट कांक्रीट का निर्माण किया जाना पाया गया है और जिस अधिकारी द्वारा अनुमति देने की बात की जा रही है, उसे अनुमति देने का कोई अधिकार ही नहीं था। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और इस पर शासन को निर्णय लेना है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग के कार्यपालन यंत्री एसके पाटिल ने नगर पालिका के पत्र पर एक अनुमति पत्र जारी किया था। पत्र में विश्राम गृह के दक्षिणी छोर और सांची पार्लर से नेहरूगंज तक एवं आडिटोरियम से पेंटीकास्टल चर्च तक सड़क चौड़ीकरण की अनुमति दी गई। सूत्रों के अनुसार श्री पाटिल ने पत्र में लिखा है कि दोनाें तरफ नपा की कम चौड़ाई की सड़के है। इन मार्गो पर अति व्यस्त यातायात रहता है, इसलिए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के नवीन मास्टर प्लान के अंतर्गत सड़क चौड़ी होना चाहिए। नपा ने इस संबंध में अनुमति मांगी है, अतः जनहित में नपा को अनुमति दी जाती है।
सूत्रों के अनुसार श्री पाटिल ने रिक्त भूमि पर अस्थाई अतिक्रमण को अपने स्तर पर नपा से हटाने की बात भी कही थी। श्री वर्मा ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार इस तरह की अनुमति देने का अधिकार शासन स्तर से ही है। बताया गया है कि छह लोगों ने इस प्रकरण में शिकायत की थी, जिसके बाद विभागीय जांच शुरू हुई है।

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अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान शासन द्वारा बेची गई जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले मुकेश गांधी, ज्ञानेंद्र उपाध्याय भी मौजूद थे। मुकेश गांधी ने बताया कि अधिकारियों द्वारा उन्हें लिखित सूचना के आधार पर बुलाया गया था। विश्राम गृह की जमीन के एक हिस्से को शासन ने निजी कंपनी को बेच दिया है। इस जमीन को खरीदने वाली कंपनी द्वारा भूमि के दोनों और सड़क का निर्माण किया गया है। जमीन खरीदने वाली कंपनी ने उस जमीन पर भी सड़क निर्माण किया है, जो शासन द्वारा बेची ही नहीं गई है।

ज्ञात रहे कि उच्चतम न्यायालय ने विश्राम गृह की इस जमीन के मामले में मुकेश गांधी और ज्ञानेंद्र उपाध्याय की याचिका पर स्थगन आदेश दिया हुआ है। श्री वर्मा ने बताया कि 7.50 मीटर की सड़क की जगह 11.50 मीटर एवं 7.40 मीटर चौड़ी सड़क पर 12.50 मीटर चौड़ी सीसी रोड पाई गई है।