KISSA-A-IAS:योगी को जेल में डालने वाले IAS के दिन अब फिरे!

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प्रशासनिक सेवाओं में कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती! लेकिन, असहज सी ये घटनाएं यदि सिर्फ कानून-व्यवस्था और जिम्मेदारी के निर्वहन तक सीमित हो, तो वे ज्यादा तूल नहीं पकड़ती! कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश के एक IAS डॉ हरिओम के साथ भी हुआ! उन्होंने साल 2007 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और 11 दिन तक बंद रखा था। तब वे मीडिया की सुर्खियों में थे। जब योगी राज्य के मुख्यमंत्री बने तो कयास लगाए गए थे कि अब शायद सरकार उनसे बदले की भावना से काम लेगी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ और हाल ही में IAS डॉ हरिओम को योगी सरकार ने वेलफेयर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। लेखक हैं, गायक हैं और विचारक भी हैं।

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डॉ हरिओम पिछले 5 सालों से गुमनामी में थे। लेकिन मार्च 2022 में उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें एक किताब भेंट की थी। IAS हरिओम की इस पद पर तैनाती को माना जा रहा है कि उनकी एक बार फिर से मुख्यधारा में वापसी हो गई। जब डॉ हरिओम ने गोरखपुर का DM रहते हुए तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार किया था, तब से ये माना जाने लगा था कि योगी आदित्यनाथ इस अफसर को पसंद नहीं करते। लेकिन, ऐसा नहीं रहा! उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके संबंध सुधार लिए।

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बचपन अमेठी के गांव में बीता
डॉ हरिओम उत्तर प्रदेश के ही अमेठी जिले के एक छोटे से गांव कटारी में जन्मे। 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने बिना लाइट के ही की। उनके गांव में तब लाइट नहीं हुआ करती थी। उनका बचपन बहुत मौज मस्ती से भरा रहा। बचपन से ही उनका गजल गाने, भजन कीर्तन करने में खूब मन लगता था। ग्रामीण परिवेश के दौरान ही संगीत उनके रोम-रोम में बस गया। लेकिन, हरिओम बताते हैं कि उनके पिता उन्हें शुरू से ही सिविल सर्विसेज के लिए प्रेरित करते थे। उनका रुझान इस तरफ तब आया जब वे पढ़ने के लिए इलाहाबाद आए।

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उनके पिता उन्हें आईएएस और पीसीएस की तैयारी के लिए प्रेरित करते रहते थे। लेकिन, हरिओम केवल एक अच्छा छात्र बनने की कोशिश करते रहे। उनके शिक्षक भी कहते रहे कि वे होनहार छात्र हैं और उनमें सिविल सेवा परीक्षाओं को पास करने की क्षमता है। लेकिन, यह रास्ता खुला इलाहाबाद और जेएनयू में जाने से। हरिओम जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने गए, तो वहां के माहौल का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। उनके ज्यादातर साथी आईएएस और पीसीएस के बारे में बात करते थे। यहीं उन्होंने तय किया कि वे सिविल सेवा की तैयारी करेंगे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1992 में हरिओम जेएनयू आ गए। दिल्ली में होने के कारण परीक्षा के लिए आवश्यक सभी तरह का गाइडेंस यहां उन्हें मिला। यही वो समय था, जब डॉ हरिओम ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए दृढ़ निश्चय कर लिया। जिसके बाद 1997 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लिया और IAS के लिए चुन लिए गए।

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गीत-संगीत के बेहद शौक़ीन
पेशे के साथ-साथ शौक बरकरार रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। वो भी तब, जब कंधों पर प्रशासनिक कार्यों का बोझ हो। लेकिन, 1997 बैच के IAS अधिकारी डॉ हरिओम बहुत अच्छा गाते हैं और उनके कई म्यूजिक एल्बम आ चुके हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वो सिंगर बनने का सपना देखते-देखते ही IAS बन गए। उनका बचपन भी गजल, गाने, भजन कीर्तन के बीच ही गुजरा। ग्रामीण परिवेश में ही संगीत उनकी रगों में बस गया था।


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वो मसला जब वे चर्चा में आए
डॉ हरिओम ने यूपी के कई जिलों में DM के रूप में काम किया। इन्होंने ही गोरखपुर में अपनी सेवा के दौरान तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तब योगी को 11 दिन जेल में रहना पड़ा। मामला 26 जनवरी 2007 का है, जब गोरखपुर में सांप्रदायिक तनाव जोरों पर था और तत्कालीन सांसद योगी ने गोरखपुर में धरना करने का ऐलान कर दिया था। पूरे शहर में कर्फ्यू लगे होने की वजह से DM डॉ हरिओम ने उन्हें गोरखपुर में घुसने से पहले ही रोक दिया। लेकिन, सांसद योगी अपनी जिद पर अड़ गए। इसके बाद प्रशासन ने आखिरकार उन्हें अरेस्ट करने का निर्णय लिया।

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गोरखपुर की जिला कारागार में बतौर सांसद योगी 11 दिन तक बंद रहे और DM हरिओम को हटा दिया गया। आपको बता दें कि गोरखपुर जेल से 11 दिन रहने के बाद जब उनकी रिहाई हुई और योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो पूरी बात बताकर रो पड़े थे।


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2012 के लोकसभा इलेक्शन के समय हरि ओम कानपुर के DM रहे। तब कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली परमिशन के बिना निकालने पर उनके खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया था। तब वो अपने एक्शन के लिए चर्चा में आए थे।

पूरा परिवार गाने का शौक़ीन
डॉ हरिओम ने बॉलीवुड तक का सफर भी तय कर किया। डॉ हरिओम ने मुंबई में एक गाने की रिकॉर्डिंग भी है। डॉ हरिओम ने हिंदी में पीएचडी की है। खास बात ये है कि उनकी पत्नी मालविका भी गाने की काफी शौकीन हैं। पत्नी और दो बेटियां जो स्कूल की स्टूडेंट्स हैं, वे भी गाती हैं। अपने कार्यकाल में वे 11 जिलों में बतौर DM तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, इलाहाबाद और सहारनपुर जैसे जिलों की भी कमान संभाली थी। डॉ हरिओम ने कई स्टेज प्रोग्राम भी किए। उन्होंने तीन किताब भी लिखी हैं, जबकि चौथी पर वो काम कर रहे हैं। उनकी तीन पुस्तकें भूत का परचम, अमेरिका मेरी जान, कपास के अगले मौसम में प्रकाशित हो चुकी हैं। अपने व्यस्त काम के बावजूद डॉ हरिओम हर रोज दो घंटे का रियाज करते हैं, यही नहीं खाली समय में वो लिखने का काम करते हैं। उन्होंने दो गाने ‘यारा वे और सोचा ना था जिंदगी’ भी रिकॉर्ड किए गए हैं।