Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

600 से ज्यादा भरतनाट्यम के परफॉर्मेंस करने वाली IAS अधिकारी की कहानी

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Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

IAS बहुमुखी प्रतिभाओं के ऐसे धनी होते हैं, इसमें कोई शक नहीं! पर, आश्चर्य तब होता है, जब अपनी रूचि के क्षेत्र में देश और दुनिया में विख्यात होते हुए भी वे प्रशासनिक सेवा में आते हैं! ऐसी ही एक प्रतिभा है तमिलनाडु की IAS कविता रामू जो जानी-मानी भरतनाट्यम डांसर हैं। उन्होंने मंच पर 600 से ज्यादा परफॉर्मेंस दिए! भरतनाट्यम तो जैसे उनका जुनून है। जब वे चार साल की थीं, तब उनकी मां उन्हें गुरु नीला कृष्णमूर्ति के पास ले गईं। उन्होंने गुरु नीला से भरतनाट्यम की मूल बातें सीखी और उसके बाद तो डांस उनका जुनून ही बन गया। उन्होंने 4 साल की वर्ष में भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया था और भरतनाट्यम सिखाने का प्रयास उनकी मां ने किया था‌।

Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

आज वे IAS हैं, पर वे ऐसी अनोखी कलाकार हैं, जिनका कोई सानी नहीं! देश-विदेश में कई स्टेज परफार्मेंस कर चुकीं इस महिला IAS को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। दरअसल, यूपीएससी परीक्षा पास कर IAS बनने वालों की कोई न कोई अलग सी कहानी जरूर होती है। वे सामान्य पढ़ाकू जैसे स्टूडेंट नहीं होते, बल्कि कुछ अलग ही होते हैं। कोई गरीबी से लड़ते हुए इस मुक़ाम तक पहुंचता है, तो कोई लाखों की नौकरी को छोड़कर देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास करने की धुन में इस शिखर को पाता है।

Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

IAS कविता रामू भी इन्हीं में से एक हैं, जिनकी डांसर के रूप में पहचान थी और आज वे एक सफल IAS अधिकारी हैं।
उनकी मां मनिमेगली शादी से पहले अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकीं थीं। फिर प्रख्यात डांसर नीला कृष्णमूर्ति को गुरु बनाकर डांस की बारीकियां सीखनी शुरू की। यह बात 1981 की है, जब कविता महज आठ वर्ष की थीं। तब तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में विश्व तमिल कांफ्रेंस का आयोजन हो रहा था। उस अंतरराष्ट्रीय स्तर के समारोह में इस आठ साल की बच्ची ने दमदार परफॉरमेंस से समां बांध दिया, तो लोग हैरान रह गए। इतने बड़े आयोजन में सफल प्रस्तुति देने पर बच्ची का काफी आत्मविश्वास बढ़ा. फिर स्टेज परफार्मेंस का सिलसिला शुरू हो गया।

Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

इस दौरान कविता की मुलाकात प्रख्यात डांसर केजे सरसा से हुई तो उनके अंडर में भरतनाट्यम की ट्रेनिंग लेनी शुरू की। देखते ही देखते ही कविता रामू मशहूर हो गईं।


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कविता रामू अपने पिता से बहुत प्रेरित थीं। उनके पिता भी आईएएस अधिकारी थे और इसलिए उन्होंने भी इसी क्षेत्र में जाने का फैसला किया। कविता रामू न केवल यूपीएससी क्रैक करने में सफल रहीं बल्कि शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में भी नाम कमाया। आईएएस अधिकारी बनने के फैसले के साथ ही ग्रेजुएशन के लिए इकोनॉमिक को चुना। उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (लोक-प्रशासन) से किया और कॉलेज टॉपर रही। कविता पढ़ने में काफी मेधावी रहीं! 1999 में उनका चयन तमिलनाडु स्टेट सिविल सर्विसेज में हो चुका था। फिर 2002 में उन्होंने यूपीएससी को क्रेक की।

Kissa-A-IAS:मां से सीखा डांस के प्रति समर्पण, पिता की तरह IAS बनी

तमिलनाडु कैडर मिला और सिविल सेवक के रूप में अपने करियर के दौरान, कविता रामू को चेन्नई के नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सहायक आयुक्त, वेल्लोर में राजस्व मंडल अधिकारी और तमिलनाडु रोड सेक्टर प्रोजेक्ट (TNRSP) में राहत और पुनर्वास के लिए संयुक्त आयुक्त के रूप में तैनात किया गया। उन्होंने तमिलनाडु राज्य पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक और संग्रहालयों के निदेशक के रूप में भी काम किया है।


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कविता रामू तमिलनाडु के कैडर राज्य में अपनी सेवा को देती है। आज भी उनका पैशन भरतनाट्यम है। पर, जब वे मंच पर थिरकना शुरू करती हैं, तो कई लोग झूम उठते हैं। कविता रामू की पहचान देश के मशहूर IAS अधिकारियों में तो होती है। इसके साथ ही साथ वह देश की जानी-मानी भरतनाट्यम डांसर भी है। ड्यूटी के साथ अपने पैशन के लिए समय निकालना आसान नहीं होता, पर कविता रामू इसके लिए सुबह से लग जाती हैं। वे सबसे पहले उठकर योगा करती हैं और अपनी ड्यूटी पर 8 बजे निकल जाती है। रात को 8 बजे घर आती है। इस दौरान उन्हें जब भी अपने पैशन के लिए समय मिलता है, वे डांस का अभ्यास जरूर करती हैं।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।