31 उपवास के तपस्वी की प्रेरणा से महापौर प्रहलाद पटेल ने जैन धर्म का अनुसरण करते हुए उपवास किया
*रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट*
कहते हैं कि सद्गुण और सद्कर्म से व्यक्ति के गुणों में निखार आता हैं।और निखरे हुए व्यक्तित्व की सराहना होना भी वाजिब ही हैं।हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के रतलाम शहर के महापौर प्रहलाद पटेल कि जिनके सहज और सरल व्यक्तित्व और अद्भुत गुण गायन कला से तो वह विख्यात हैं ही,कल उनमें एक गुण और देखने में आया और वह हैं जैन धर्म के उपवास को करते हुए निराहार और निर्जल रहना और दुसरे दिन उसी जैन समाज के घर पंहुच कर पारना (उपवास खोलना) करना।
बता दें कि शहर के एक तपस्वी लोकेश हीरालाल लाल मेहता ने मास खमण यानी 31 दिनों तक निराहार रहकर केवल गर्म पानी का उपयोग किया था जिनसे मिलने महापौर प्रहलाद पटेल उनके निवास पर पंहुचे थे जहां लोकेश मेहता से प्रेरित होकर महापौर प्रहलाद पटेल ने भी उपवास करने कि बात रखी थी।
और अनन्त चतुर्दर्शी पर्व पर महापौर प्रहलाद पटेल ने जैन धर्म के अनुसार केवल गर्म पानी पर उपवास किया और उपवास के दुसरे दिन उपवास खोलने के लिए वह लोकेश हीरालाल मेहता के निवास पर पंहुचे थे।
उनके द्वारा उपवास करना जैन समाज में हर्ष और चर्चा का विषय हैं।