पोषण आहार पर CM बोले, IAS गौरी सिंह ने क्यों दिया था इस्तीफा, सरकार सख़्त, अब तक 104 पर एक्शन

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पोषण आहार पर CM बोले, IAS गौरी सिंह ने क्यों दिया था इस्तीफा, सरकार सख़्त, अब तक 104 पर एक्शन

भोपाल:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पोषण आहार मामले में कांग्रेस के आरोपों को लेकर कहा कि सभी तथ्यों की हम बारीकी से जांच कर रहे हैं और उसके आधार पर अंतिम कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि तब कौन थे जिन्होंने वापस इन पोषण आहार संयंत्रों को एमपी एग्रो के नाम पर फिर ठेकेदारों को सौंपने का षड्यंत्र किया था। आखिर आईएएस गौरी सिंह ने क्यों इस्तीफा दिया था और इन लोगों ने कैबिनेट का फैसला करके एमपी एग्रो को सौंप भी दिया था लेकिन जब बीजेपी की सरकार फिर से आई तब हमने यह पोषण आहार संयंत्र फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जो इनको चला रहे हैं।

उन्होंने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा जाता मध्यप्रदेश के महालेखाकार ने वर्ष 2018 से वर्ष 2021 के बीच महिला एवं बाल विकास विभाग के कतिपय कार्यालयों का आडिट किया। आडिट के आधार पर महालेखाकार ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट विभाग को 12 अगस्त, 2022 को भेजी है। इस ड्राफ्ट रिपोर्ट को ही अंतिम निष्कर्ष मानकर विगत कुछ दिनों से भ्रम की स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस भ्रम को समाप्त करना आवश्यक है।
विधानसभा में उन्होंने कहा कि जिस रिपोर्ट को विपक्षी मित्रों द्वारा CAG (कम्पट्रोलर एण्ड ऑडीटर जनरल ऑफ इण्डिया) की रिपोर्ट बताया जा रहा है, वह दरअसल CAG की रिपोर्ट है ही नहीं। यह केवल एक ड्राफ्ट रिपोर्ट है, जो कि मध्यप्रदेश के महालेखाकार यानी AG ऑफिस द्वारा तैयार की गई है। इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में जो पैरा लिखे गए है, वे AG ऑफिस के प्रारंभिक आब्जर्वेशन्स हैं। इससे स्पष्ट है कि विभाग से महालेखाकार कार्यालय द्वारा अभी प्रारंभिक रूप से बिन्दु उठाए हैं। यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि महालेखाकार की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक की अवधि की है। यानी रिपोर्ट की अवधि में पिछली सरकार के शासन काल के 15 माह भी सम्मिलित है।

हमारी सरकार का ये स्पष्ट मानना है कि भले ही सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन ऑडिट दल द्वारा उल्लेखित किये गये सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच हो। इसीलिए विभाग ड्राफ्ट रिपोर्ट में उठाए गए सभी बिंदुओं का गंभीरतापूर्वक परीक्षण कर रहा है और हम सभी बिंदुओं पर महालेखाकार को तथ्यात्मक एवं युक्तियुक्त जवाब देंगे।

शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या में भी फर्क

ड्राफ्ट रिपोर्ट का एक मुख्य बिंदु शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को लेकर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने बेस लाइन सर्वे नहीं किया। साथ ही विभाग ने स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रही किशोरी बालिकाओं की संख्या 36 लाख बताई, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार यह आंकड़ा 9 हजार है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या 5.51 लाख स्वीकार की है।वास्तविकता यह है कि ऑडिटर ने जो 36 लाख का आंकड़ा बताया है, वो मध्यप्रदेश की 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं की कुल संख्या है, न कि शाला त्यागी बालिकाओं की। हमारी सरकार ने 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का बेस लाइन सर्वे कर रिपोर्ट सितंबर, 2018 में भारत सरकार को भेजी थी। रिपोर्ट में किशोरी बालिकाओं की संख्या कुल 2 लाख 52 हजार थी। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 की अवधि के लिए हितग्राही बालिकाओं की कुल संख्या 5.51 लाख ही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 7 जिलों- धार, सागर, मण्डला, देवास, नर्मदापुरम, रीवा एवं शिवपुरी में 7 पोषण आहार संयंत्रों का निर्माण 60 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया। दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार आई तो एक बार फिर पोषण आहार व्यवस्था में निजी फर्मों की भागीदारी के प्रयास शुरू हुए। कांग्रेस सरकार ने नवम्बर, 2019 में निर्णय लिया कि ये संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेकर पुनः एम. पी. एग्रो को दे दिए जाएं। इस निर्णय के परिणामस्वरूप फरवरी, 2020 में एम.पी.एग्रो ने सभी पोषण आहार संयंत्रों को आधिपत्य में ले लिया। इस प्रकार पोषण आहार व्यवस्था को माफिया मुक्त रखने और स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के हमारे निर्णय को बदल दिया।

मार्च, 2020 में हमारी सरकार वापस आई तो हमने सितंबर, 2021 में ये निर्णय किया कि सभी पोषण आहार संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को फिर से सौंप दिए जाए। हमने सभी 7 संयंत्र नवम्बर, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिए। इन समूहों को 141 करोड़ रुपए की राशि एडवांस दी गई ताकि वे व्यवस्थित रूप से इन संयंत्रों का संचालन शुरू कर सकें। आज इन संयंत्रों का टेक होम राशन प्रदाय से लगभग 750 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का टर्न ओवर है।

शहर में भी स्वसहायता समूह को दिया काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी ठेकेदारी प्रथा से गर्म पका भोजन देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया। 200 से अधिक ठेकेदारों की जगह यह काम शहरी आजीविका मिशन के 2 हजार से अधिक समूहों को सौंप दिया गया। इन समूहों का कुल टर्न ओवर आज की तारीख में लगभग 60 करोड़ रुपए है।

84 में से 31 चालान कांग्रेस सरकार के समय के

ड्राफ्ट आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पोषण आहार का परिवहन ऐसे वाहनों से किया गया है, जिनके नम्बर किसी कार, स्कूटर या ट्रेक्टर के है या फिर वह नम्बर पोर्टल पर उपलब्ध ही नहीं हैं। ड्राफ्ट रिपोर्ट के साथ 84 चालानों का उल्लेख है, जिनमें उपयोग किए गए वाहन ट्रक के रूप में नहीं बल्कि अन्य किसी वाहन के रूप में पंजीकृत है अथवा जिनका ब्यौरा परिवहन के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि इन 84 चालानों में से 31 चालान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है।

उदाहरण के लिए पिछली सरकार के कार्यकाल में परिवहन में उपयोग किए गए क्रमांक JHOS BA 0511 का वाहन रिपोर्ट के अनुसार मोटर साईकिल बताया गया है। इसी प्रकार क्रमांक MP04-HA-0225 और क्रमांक MP09 HE 4058 वाहन कार के नम्बर है, ऐसा बताया गया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का एक और उदाहरण देता हूँ। दिनांक 5 अक्टूबर 2019 को जारी चालान से एक वाहन क्रमांक RJ17 GB-0877 का भी आडिट के अनुसार रिकार्ड नहीं पाया गया है। हमने सत्यापन कराया तो पता चला कि इस वाहन का सही नम्बर दरअसल RJ11 GB-0877 है, जो कि वास्तव में एक ट्रक है। स्पष्ट है कि ड्राफ्ट रिपोर्ट में दिए गए आब्जर्वेशन्स का सत्यापन आवश्यक है। ड्राफ्ट आडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की खपत को देखते हुए उत्पादन की मात्रा आनुपातिक रूप से अधिक पाई गई है। कुल 114 दिनों में बिजली खपत की तुलना में अधिक उत्पादन होना बताया गया है।
उदाहरणत: इन 114 दिनों में के लिए धार के 12 दिन, मण्डला में 68 दिन का उल्लेख है। धार के 12 दिन की पूरी अवधि कांग्रेस शासनकाल से संबंधित है। मण्डला के 68 दिन की अवधि में से 15 दिन कांग्रेस शासन काल से संबंधित है। सागर और शिवपुरी संयंत्र में सभी दिवस मार्च, 2020 के बाद के है।

आडिट रिपोर्ट में उल्लेख है कि मार्च, 2019 से जनवरी, 2020 के मध्य पोषण आहार संयंत्रों के माध्यम से जो पोषण आहार प्रदान किया गया, उनमें लैब की रिपोर्ट के अनुसार पोषक तत्व कम थे। इसका सीधा मतलब है कि टेक होम राशन की गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप नहीं थी। जिस अवधि में पोषण आहार की गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाई गई वह संपूर्ण अवधि (मार्च, 2019 से जनवरी, 2020) कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है। पिछली सरकार के कार्यकाल में लगभग 38 हजार 304 मीट्रिक टन मात्रा, जिसका मूल्य 237 करोड़ रुपए राशि है, के टेक होम राशन की गुणवत्ता अमानक होने के बावजूद भी उसे प्राप्त किया गया। इसके कारण संबंधित एजेन्सी का 35 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया था।

104 अफसरों के विरुद्ध अब तक कार्यवाही

पिछले ढाई साल का रिकार्ड उठाकर देख लें, पोषण आहार व्यवस्था से लेकर विभाग की किसी भी योजना के क्रियान्वयन में जिसने भी गड़बड़ी करने की कोशिश की है, सरकार ने उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। अब तक 104 अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, 22 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, 6 को नौकरी से निकाल बाहर किया गया है, 3 अधिकारियों की पेंशन रोकी गई है, 2 की वेतनवृद्धि रोकी गई है। 40 की विभागीय जाँच चल रही है और 31 अधिकारियों को लघु शास्ति दी गई है। महालेखाकार की रिपोर्ट अंतिम नहीं अंतरिम है, इस पर राज्य सरकार अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखेगी हर तथ्य हर आँकड़े की सूक्ष्मता से जाँच कर सरकार बिन्दुवार अपना मत AG को भेजेगी।

सीएम ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि अगर पूरी जाँच में कोई भी गड़बड़ी पाई जाएगी तो CAG की रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। हम लोक लेखा समिति द्वारा कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित करने की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। मैं यह भी आश्वस्त करना चाहूँगा कि दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही होगी, भले ही गड़बड़ी करने वाला कोई भी हो और गड़बड़ी किसी भी शासनकाल की हो।

चौहान ने कहा कि जो भ्रष्ट आचरण करेगा, सरकार उसे कठोर दण्ड देगी और जो भ्रम फैलाकर जनता को धोखा देने की कोशिश करेंगे, उन्हें जनता दण्डित करेगी। हमारी नीति स्पष्ट है, हमारी नीयत साफ है और इसीलिए हमारी सरकार दबाव के आगे न तो झुकेगी और न डरेगी। हम जन कल्याण और सुराज के लिए, मध्यप्रदेश को विकसित और आत्म-निर्भर बनाने के लिए काम करते थे, काम करते हैं और काम करते रहेंगे।

टेक होम राशन के परिवहन में जो वाहन स्कूटर, कार और ऑटो रिक्शा उनके कार्यकाल के हैं उनके नंबर सहित मेरे पास है हम उसकी भी जांच कर रहे हैं। टेक होम राशन जो गुणवत्ता में अमानक स्तर का पाया गया था वह कांग्रेस के शासनकाल का है जिसका हमने 36 करोड रुपए का पेमेंट रोका हुआ है। जितना भी क्षमता से अधिक टेक होम राशन को उत्पादन से लेकर अलग-अलग विषय हैं वह इनके कार्यकाल के भी हैं।