– कुंवर पुष्पराजसिंह की रिपोर्ट
बागली। समीपस्थ ग्राम बैहरी में युवक पूर्व सरपंच की गुंडागर्दी से इतना आजिज आ चुका है कि उसने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री सहित अन्य जिम्मेदारों को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग कर डाली। इसी के साथ युवक की वृद्ध माता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक वीडियो जारी कर कहा कि मोदीजी या तो जमीन दिलवा दो या मौत दिलवा दो। जबकि महिला विगत 12 सितम्बर को ही अपनी समस्या को लेकर मध्यप्रदेश के एडीजीपी से मिली थी और उन्होंने मारपीट की एक वीडियो फुटेज देखकर देवास पुलिस अधीक्षक को कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया था।
जानकारी के अनुसार सीताबाई पति नवलसिंह के पिता को 6 बीघा जमीन का पट्टा मिला था। जिसे नवलसिंह की मृत्यु के बाद छीन लिया गया। इसके बाद फिर से पट्टा जारी हुआ तो गांव के पूर्व सरपंच मनोहर सोलंकी ने उस जमीन पर कब्ज़ा कर रखा था। इसके बाद सीताबाई और उनके बेटे मानसिंह सोलंकी ने राजस्व न्यायालय के चक्कर लगाने शुरू किये। शुरुआत तहसीलदार के न्यायालय से हुई। जहां पर सीताबाई की जीत हुई लेकिन मनोहर सोलंकी ने एसडीएम न्यायालय में अपील की और ये राजस्व न्यायालयों की लड़ाई आयुक्त न्यायालय उज्जैन तक चली। जहां से सीताबाई के पक्ष में डिक्री हुई और तहसीलदार बागली को जमीन का कब्ज़ा सीताबाई को दिलवाने के आदेश मिले।
प्रशासन ने सीताबाई को कब्ज़ा भी दिलवा दिया लेकिन पूर्व सरपंच मनोहर सोलंकी जमीन को छोड़ना ही नहीं चाहता था। इस कारण कब्ज़ा मिलने के बाद जब सीताबाई खेती करने के लिए गई तो पूर्व सरपंच मनोहर सोलंकी, गब्बू पिता बद्रीलाल ने अपने घर की महिलाओं लक्ष्मीबाई पति गब्बू, रेखाबाई पति लच्छू, सरजूबाई पति बद्रीलाल, जमनाबाई पति हिन्दुसिंह को आगे कर दिया जिन्होंने सीताबाई का गला दबाकर मारने का प्रयास किया। इस घटना का एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। पिछली 12 सितम्बर को सीताबाई और उनके पुत्र मानसिंह ने प्रदेश के डीजीपी से मुलाकात की थी और उन्हें भी यह वीडियो दिखाया जिस पर एडीजीपी ने देवास पुलिस अधीक्षक को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया था लेकिन मनोहर सोलंकी और उसके परिवार पर कार्यवाही नहीं। हुई जिस कारण शुक्रवार को सीताबाई और उसके पुत्र मानसिंह ने राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कलेक्टर देवास को पत्र लिखा। साथ ही वीडियो भी जारी किया।
“हस्तलिखित पत्र है”
मानसिंह सोलंकी ने इच्छा मृत्यु की मांग का पत्र सादे कागज पर हाथ से लिखा। जिसमें उसने साफ लिखा कि पूर्व सरपंच मनोहर सोलंकी और उसके परिवार ने परेशान कर कर रखा है कई बार थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। उसने हालिया घटना का भी जिक्र किया और पूर्व सरपंच के पक्ष के लोगों को भी नामजद किया। साथ ही एडीजीपी से हुई मुलाकात का भी उल्लेख किया।