आदिवासी राजा शंकर शाह के बलिदान के अनछुए पहलुओं को किताब में उजागर करेंगे IAS शर्मा

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आदिवासी राजा शंकर शाह के बलिदान के अनछुए पहलुओं को किताब में उजागर करेंगे IAS शर्मा

भोपाल: मध्यप्रदेश में एक वरिष्ठ IAS अधिकारी आदिवासी राजा शंकरशाह के बलिदान के अनछुए पहलुओं को किताब में उजागर करेंगे।

दरअसल शहडोल कमिश्नर IAS राजीव शर्मा आदिवासी राजा शंकर शाह के जीवन के अनछुए पहलुओं को उजागर करने उनके जीवन पर केन्द्रित उपन्यास लिखने जा रहे है। शंकर शाह के बलिदान दिवस पर कल 18 सितंबर से उन्होंने अपना उपन्यास लेखन शुरु भी कर दिया है और अगले छह महीने में यह उपन्यास बाजार में आ जाएगा। स्वाहा नाम से लिखा जा रहा यह उपन्यास उनका चौथा उपन्यास होगा। उनके उपन्यास, किताब सहित सात कृतियां अब तक बाजार में आ चुकी है। सहस्त्रबाहु जल्द ही आने वाली है और उनकी अगली कृति स्वाहा होगी।

राजा शंकर शाह दुर्गा के भक्त थे। उनकी कविताओं में भी चंडिका की स्तुति का जिक्र मिलता है। राजा शंकर शाह ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था इसलिए उन पर केन्द्रित इस उपन्यास का नाम स्वाहा रखा जाएगा।
शर्मा राजा शंकरशाह के सिंगोरगढ़ के किले सहित उनसे जुड़े कई स्थलों का भ्रमण कर चुके है। इसमें वे राजा शंकर शाह के जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को उजागर करेगे।

इसके पहले IAS शर्मा तीन काव्य कृतियां मंडला पर एक किताब, एसडीएम के कर्तव्यों पर किताब, आदि गुरु शंकराचार्य पर भी किताब लिख चुके है। उनकी आने वाली किताब सहस्त्रबाहु है। इसके बाद अब उन्होंने शंकर शाह पर उपन्यास लिखना शुरु किया है।

शंकर शाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा थे। जिन्हें अंग्रेजों ने अपने पुत्र रघुनाथ शाह सहित 18 सितंबर 1857 को विप्लव भड़काने के अपराध में तोप के मुंह से बांध कर उड़ा दिया गया था। राजा शंकर शाह जमीदारों तथा आमजनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। अपनी मातृभूमि को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने के लिए उन्होंने युद्ध का आव्हान किया था। IAS शर्मा उनके स्वतंत्रता संग्राम में किए योगदान को अपने उपन्यास में समेंटैंगे।