चुनावी साल में वित्त विभाग ने सरकारी कार्यों के खर्च के लिए खोले हाथ

लिमिट से ज्यादा हो सकेंगे विभागों में काम

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चुनावी साल में वित्त विभाग ने सरकारी कार्यों के खर्च के लिए खोले हाथ

भोपाल
चुनावी साल में वित्त विभाग ने सरकारी विभागों में खर्च के लिए हाथ खोल दिए है। निर्माण विभागों जलसंसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए सूचकांक की अधिकतम सीमा ज्यादा रखी गई है तो वहीं पूंजीगत कामों के लिए प्रशासकीय विभागों और लोक निर्माण विभाग में बढ़ा दिया गया है। इससे सीएम राइज योजना और लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत अब तय लिमिट से ज्यादा राशि के कामों को कराया जा सकेगा।

सरकारी महकमों में बजट से कामों को स्वीकृति देने के लिए वित्त विभाग ने सूचकांक तय कर रखे है। अब इनमें इजाफा किया गया है। इससे सबसे अधिक फायदा सीएम राइज योजना में होंने वाले कामों के लिए और लोक निर्माण विभाग की योजनाओं को होंने वाला है।

निर्माण विभागों में यह होंगे सूचकांक-
निर्माण विभागों में सूचकांक बढ़ाए गए है इससे ये अधिक काम करा सकेंगे। जो तीन सूचकांक बजट खर्च करने के लिए होते है उनमें सूचकांक एक के अंतर्गत जलसंसाधन विभाग 6, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण 5, लोक निर्माण और पीएचई में चार-चार सूचकांक रखे गए है। वहीं सूचकांक दो के तहत यह सीमा जलसंसाधन,एनबीडीए के लिए चार-चार, लोक निर्माण के लिए साढ़े तीन और पीएचई के लिए तीन रखी गई है। सूचकांक तीन में सभी विभागों के लिए सूचकांक तीन रखा गया है। इन चार विभागों को छोड़कर अन्य सभी विभागों में सूचकांक एक की अधिकतम सीमा तीन रखी गई है।

सीएम राइज योजना और लोक निर्माण विभाग के लिए एक बार सूचकांक बढ़ाया- स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग में सीएम राइज योजना के तहत स्कूल भवन निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के काम किए जा रहे है। लोक निर्माण विभाग भी कई काम कर रहा है। पूंजीगत कामों के प्रबंधन में जिन विभागों के पूंजीगत व्यय सूचकांक तीन है उन्हें बढ़ाकर साढ़े तीन तथा लोक निर्माण विभाग में सूचकांक एक की अधिकतम सीमा चार से बढ़ाकर 4.25 की गई है।