Badwani News: मिर्ची की फसल पर Virus का हमला, फसल उखाड़ कर फेंक रहे किसान

किसानों को हो रहा लाखों का नुकसान, 1 लाख किसान विधानसभा का करेंगे घेराव

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बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी जिले में मिर्ची की फसल पर वायरस का हमला, मिर्ची की फसल उखाड़ कर फेंक रहे क्षेत्र के किसान, किसानों को हो रहा लाखों का नुकसान, किसानों का आरोप- मध्य प्रदेश सरकार नहीं दे रही ध्यान, 21 तारीख को 1 लाख किसान विधानसभा का करेंगे घेराव

बड़वानी: जिले में एक बार फिर मिर्च पर वायरस का अटैक हुआ है। हालात ये है कि किसानों को खेत से मिर्च उखाड़कर फेंकना पड़ रही है।

बड़वानी में भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मंशा राम पंचोले ने बताया कि बड़वानी क्षेत्र में मिर्ची की फसल का रकबा लगातार घटता जा रहा है। पिछले 10 वर्षों से मिर्ची की फसल में किसानों को करोड़ों का घाटा हो रहा है।

कई बार इसको लेकर कृषि वैज्ञानिकों भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार को अवगत कराया जा चुका है लेकिन आज तक ना तो कोई वैज्ञानिक जांच करने आया है और ना ही प्रदेश सरकार के कानों पर जूं रेंग रही है।

इतना ही नहीं करोड़ों का घाटा उठा रहे किसानों को फसल बीमा भी नहीं मिला है और कहीं मिला भी है तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान। इसको लेकर भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि 21 नवंबर को भारतीय किसान संघ के बैनर तले भोपाल में एक लाख से अधिक किसान इकट्ठे होंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे।

वायरस का ये कोई नया मामला नहीं है। सन 2014 से लगातार मिर्च पर वायरस का अटैक होता आ रहा है और हर किसान मिर्च में नुकसान उठा फसल फेंकने को मजबूर हुआ।

भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष मंशाराम पंचोले की मानें तो संघ ने कई बार धरना प्रदर्शन से लेकर ज्ञापन तक दिए सीएम शिवराज को ज्ञापन सौंपे हैं। बावजूद किसानों की मदद नहीं हो पाई हर बार किसान वायरस के चलते मिर्च फेंकने को मजबूर हुआ है। इस बार भी करीब 30 हजार हेक्टयर में लगी मिर्च बर्बाद हो गई लेकिन सरकार के या जवाबदारों के कान तक जूं नही रेंगी।

 

इस मामले में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ डी के जैन का कहना है कि 2014 में कृषि अनुसंधान नई दिल्ली की टीम आई थी। जब पहली बार वायरस का अटैक हुआ था।

उन्होंने इसका मुख्य कारण सफ़ेद मक्खी को माना था। उन्होंने बताया कि उनके अनुसार निमाड़ में वायरस लगातार अटैक कर रहा है। ये भी माना कि इस समय क्षेत्र में मिर्च का क्षेत्रफल घटा है। उसका कारण वायरस ही है और ये भी मानना है कि इसका कोई उपाय नहीं है।

डॉ जैन के अनुसार किसान बीटी कॉटन युक्रोप में मिर्च फ़सल करते हैं जिससे सफ़ेद मक्खी फ़सल पर आ जाती है और वो कई प्रकार के वायरस को जन्म देती है। उनके अनुसार अगर किसान को नुकसान से बचना है तो उन्हें पद्धति बदलना होगी।

डॉ जैन के अनुसार किसान पौधे को नेट या पोली फेवरेट लगा कर उसे करीब 55 से 60 दिन आब्जर्व में रखें ताकि फ़सल तक सफेद मक्खी न पहुँच पाए इसमें खर्च तो होगा लेकिन फ़सल पर वायरस अटैक नहीं कर पाएगा।