Bhopal : सरकारी रिकॉर्ड में एक अक्टूबर को मानसून की विदाई हो गई हो, पर आसार बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश से अभी मानसून गया नहीं है। अभी बारिश का एक और बाकी है। समझा जा रहा है कि 15 अक्टूबर तक बारिश होगी। 13 साल बाद इस बार मानसून की विदाई बहुत देर से हुई है।
एक बार फिर मानसून मध्यप्रदेश को तरबतर करेगा। इसलिए बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बन रहा है। यह सिस्टम ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रास्ते MP में प्रवेश करेगा। दशहरे पर भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश होने के आसार हैं। अक्टूबर में पहली बार यह सिस्टम बना रहा है। इससे 5, 6 और 7 अक्टूबर को प्रदेशभर में जमकर बारिश होगी।
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के 21 जिलों में हल्की से तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। भोपाल-इंदौर में झमाझम होने की संभावना है। प्रदेश से मानसून की विदाई अभी तक की स्थिति में 15 अक्टूबर तक या उसके बाद होने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर एरिया के कारण 4 अक्टूबर से MP में बारिश का नया सिस्टम एक्टिव हो जाएगा। यह रीवा-सतना के रास्ते MP में आएगा। इसलिए सबसे रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली में ही बारिश होगी। मौसम विभाग ने चारों जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इसके बाद 8 से 11 अक्टूबर तक प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से तेज बारिश हो सकती है। मुख्यत: उतरी इलाकों ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड-बघेलखंड में कहीं-कहीं और पूर्वी मध्यप्रदेश यानी महाकौशल, बुंदेलखंड-बघेलखंड में 2 दिन कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
24 घंटे में यहां हुई बारिश
प्रदेश के पश्चिम इलाकों यानी मालवा-निमाड़ में कहीं-कहीं हल्की रिमझिम हुई। धार, इंदौर, खरगोन, देवास, खंडवा, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, बड़वानी, विदिशा, नीमच और खंडवा में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान अलीराजपुर, बड़वानी और बालाघाट में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
13 साल में एक बार ही ऐसा हुआ, जब यह सितंबर में विदा हुआ। 2011 में 30 सितंबर को मानसून की विदाई हुई थी। मानसून की एंट्री 18 जून को हुई थी। इस दौरान करीब 45 इंच बारिश हुई थी। यह सामान्य से करीब 18% ज्यादा थी।
अभी तक 48 इंच बारिश
1 जून से अब तक प्रदेश में 48 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य 38 इंच से 23% ज्यादा बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश नर्मदापुरम में 71.48 इंच, भोपाल में 70 और राजगढ़ में 69 इंच हुई। प्रदेश के 32 जिलों में 40 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है।
मानसून की गतिविधियां
प्रदेश में मानसून 16 जून को एक्टिव हुआ था। जुलाई में यह कुछ थमा सा रहा, लेकिन उसके बाद रफ्तार पकड़ ली। सितंबर के अंतिम सप्ताह से प्रदेश के कुछ इलाकों में रिमझिम होती रही, लेकिन अन्य इलाकों में ज्यादा बारिश नहीं हुई। अब प्रदेश में एक बार फिर सिस्टम एक्टिव होने वाला है। अगले 2 दिन में मानसून की गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। मध्यप्रदेश में 4 अक्टूबर से बादल छाने लगेंगे। इसके बाद बारिश होने के आसार बन गए हैं। अभी बारिश की गतिविधियां 15 अक्टूबर तक चलने की संभावना है।