Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

542
Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनियाभर से नेताओं और अधिकारियों की प्रतिक्रिया सामने आई! इनमें कश्मीर के IAS अधिकारी शाह फैसल (Shah Faesal) भी शामिल हैं। उन्होंने सुनक की नियुक्ति के बहाने पाकिस्तान समेत अन्य इस्लामिक देशों पर तंज कसा। शाह फैसल ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक की नियुक्ति पाकिस्तान के लिए एक आश्चर्य की बात हो सकती है, जहां अल्पसंख्यक सरकार में शीर्ष पदों पर नहीं रह सकते! भारतीय लोकतंत्र में ऐसा नहीं है। भारतीय मुसलमान, दूसरे आम नागरिकों के जैसी ही आज़ादी का लुत्फ़ लेते हैं, जो किसी और तथाकथित इस्लामिक देश में अकल्पनीय है। उन्होंने अपने ट्वीट में भारत को ‘समान अवसर की भूमि’ बताया।

Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

याद दिला दें कि ये वही IAS Shah Faesal हैं, जिन्होंने धारा 370 हटाए जाने के बाद 2019 में प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई थी। लेकिन, इसी साल फिर ड्यूटी ज्वाइन कर ली! क्योंकि, उनका इस्तीफ़ा मंजूर नहीं हुआ था। दिल बदल शाह फ़ैसल ने कहा कि मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक भारत हमेशा समान अवसरों की भूमि रहा है। यहां शीर्ष तक का रास्ता सभी के लिए खुला है।

अपने इस्तीफे के समय शाह फैसल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था ‘कश्मीर में बेरोकटोक हत्याओं और केंद्र सरकार की ओर से किसी भी विश्वसनीय राजनीतिक पहल की अनुपस्थिति का विरोध करने के लिए मैंने IAS सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कश्मीरी जीवन मायने रखता है।’ इसके बाद शाह फैसल को इस्तांबुल जाने से रोक दिया गया और सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें जून 2020 में रिहा कर दिया गया था। फिलहाल उनके खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है।

Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

जम्मू-कश्मीर के टॉपर रहे
उत्तरी कश्मीर के सुदूरवर्ती गांव लोलाब के रहने वाले फैसल के पिता को 2002 में आतंकवादियों ने मार दिया था। फैसल ने जम्मू-कश्मीर से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के पहले टॉपर रहे। उन्होंने 2009 में UPSC परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था। फैसल तत्कालीन जम्मू-कश्मीर कैडर के 2010 बैच के IAS टॉपर थे।

Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

सरकार ने अनुरोध स्वीकार किया
सरकार ने IAS अधिकारी शाह फैसल के इस्तीफा वापस लेने के आवेदन को स्वीकार कर उन्हें सेवा में बहाल किया था। जनवरी 2019 में सरकार को अपना इस्तीफा सौंपकर शाह फैसल ने ‘जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ (JKPM) पार्टी बनाई थी। फैसल को तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के तुरंत बाद कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। उन्हें 14-15 अगस्त, 2019 की मध्य रात्रि को दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया और वापस श्रीनगर भेज दिया गया जहां उन्हें हिरासत में रखा गया।


Read More… Kissa A IAS:अनाथालय से निकलकर बने चपरासी और अब IAS की कुर्सी पर! 


उन पर फरवरी 2020 में लोक सुरक्षा अधिनियम लगाया गया, जिसे चार महीने बाद रद्द कर दिया गया। रिहाई के बाद फैसल ने राजनीति छोड़ दी और सरकारी सेवा में फिर से शामिल होने की अपनी इच्छा के संकेत देने शुरू कर दिए। उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। डॉक्टर से नौकरशाह बने फैसल ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक राजनीति को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी पार्टी बनाई, लेकिन उनका राजनीतिक करियर अचानक समाप्त हो गया।

दिल बदलने के बाद की भाषा
एक साक्षात्कार में शाह फैसल ने कहा था कि IAS छोड़ने के तुरंत बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था। इससे मुझे लाभ से अधिक नुकसान हुआ। मेरे कार्य ने बहुत से सिविल सेवा प्रतिभागियों को हतोत्साहित किया और मेरे सहयोगियों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। इसने मुझे बहुत परेशान किया। उल्लेखनीय है कि अधिकारियों ने कहा कि IAS को देखने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अलावा सभी जगहों से रिपोर्ट मिलने के बाद, उनके अनुरोध को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया और उन्हें बहाल कर दिया गया।
जम्मू-कश्मीर के IAS शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और विशेष राज्य का दर्जा देने वाले राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया। शाह फैसल उन 23 याचिकाकर्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी थी। शाह फैसल ने याचिका वापस लेने का फैसला भारतीय प्रशासनिक सेवा में वापस आने और संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव नियुक्त किए जाने के बाद लिया।

Kissa A IAS: Shah Faesal- कभी नौकरी छोड़कर बगावत की,पार्टी बनाई, अब सरकार समर्थक!

2019 में अपने आदर्शवाद के बारे में बात की, जब उन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा था कि मेरे जीवन के 8 महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने मुझ पर इतना दबाव डाला कि मैं लगभग खत्म हो गया था। एक मिथ्या परिकल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया, जो मैंने वर्षों में अर्जित किया था। नौकरी, दोस्त, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक सद्भावना। लेकिन, मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया। उन्होंने यह भी कहा था ‘मुझे अपने आप पर विश्वास था, कि मैंने जो गलतियां की, उन्हें मैं सुधार दूंगा। जिंदगी मुझे एक और मौका देगी। मेरा एक हिस्सा उन 8 महीनों की स्मृतियों से थक गया है और मैं इन्हें मिटाना चाहता था। इसमें से बहुत कुछ पहले ही चला गया। समय बाकी भी भुलवा देगा।’