KISSA-A-IAS: मैं 24 घंटों और सातों दिन मां भी हूं और कलेक्टर भी!
ये हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा में केरल कैडर की महिला IAS डॉ दिव्या S अय्यर। उनकी प्रतिभा, योग्यता और कार्यशैली का कोई जोड़ नहीं है। वे डांसर हैं, गाने लिखती हैं, कंपोज करती हैं, पेंटिंग करती हैं और बहुत अच्छी लेखिका होने के साथ वक्ता भी हैं। पेशे से डॉक्टर होने के साथ वे IAS भी हैं।
उन्होंने केरल के कांग्रेस नेता सबरीनाथन से उस समय शादी की जब वे विधायक थे। सबरीनाथन केरल में 2 बार विधायक रह चुके हैं और इस समय प्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। किसी IAS अधिकारी की राजनीतिज्ञ, वह भी विधायक से शादी का संभवत पूरे देश का यह अनूठा उदाहरण है।
लेकिन, फिलहाल उनका जिक्र किसी और संदर्भ में सामने आया। उन्होंने कुछ ही दिन पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने तीन साल के बेटे को गोद में लेकर मंच पर भाषण दिया। अधिकारी के इस तरह से अपने बेटे को किसी कार्यक्रम में साथ लेकर जाने और फिर गोद में लेकर भाषण देने पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई! इस मुद्दे पर दो गुट बन गए! विरोध करने वालों से इसे प्रोटोकॉल से जोड़ा! जबकि, समर्थकों ने इसे एक IAS और एक मां की सम्मिलित जिम्मेदारी से जोड़कर अपने तर्क दिए!
बाद में खुद IAS अधिकारी दिव्या एस अय्यर और उनके बचाव में उतरे उनके पति सबरीनाथन ने इस मामले में जो कहा उसके बाद उनके विरोधियों की बोलती बंद हो गई! केरल के पथानामथिट्टा की कलेक्टर डॉ दिव्या एस अय्यर का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने बेटे मल्हार को गोद में लेकर भाषण देती दिखाई दी। उन्होंने अदूर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तीन साल के बेटे को गोद में लेकर भाषण दिया था!
उनके सामने कई तरह के सवाल पूछे गए। सवाल किया गया कि क्या ऐसा करना ‘उचित’ है! इस पर इस अधिकारी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जो लोग उनकी आलोचना करते हुए सवाल उठा रहे हैं, क्या ऐसा करना ‘उचित’ है। कलेक्टर डॉ. दिव्या एस अय्यर ने बताया कि उनके बेटे ने भाषण देने के लिए उसके नाम की घोषणा होने तक इंतजार किया। मुझे नहीं पता कि स्टेज पर मेरे पास दौड़ते हुए आने पर उन्हें क्या अच्छा लगा! लेकिन, जब वो मेरे पास आ गया तो मेरे पास इसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं था!
दिव्या एस अय्यर ने कहा कि मैं 24 घंटे और सातों दिन मां भी हूं और कलेक्टर भी! हम महिलाएं जीवन में कई बार ऐसी दोहरी भूमिकाएं निभाती हैं, हम इसे शिफ्ट करने का जोखिम भी नहीं उठा सकतीं। यह सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम था, जो आधिकारिक नहीं था। उन्होंने कहा कि यही वो तरीका है, जब हम अपने काम और जिम्मेदारियों में संतुलन में बना सकते हैं। मैं अपने बेटे के साथ समय बिताने के साथ उसे अलग-अलग अनुभव देने की कोशिश करती रहती हूं।
Read More… KISSA-A-IAS: 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल, पर UPSC पहली कोशिश में क्रेक !
समर्थन में उतरे लोगों ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री का उदाहरण दिया और कहा कि एक कामकाजी मां का यह मतलब यह नहीं कि वह अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को कम गंभीरता से लेती है। अय्यर ने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद केरल और देशभर की कई महिलाओं ने उनसे कहा कि यह सिर्फ आपकी समस्या नहीं है। इस वीडियो को एक भाकपा नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, फिर आलोचना होने पर हटा दिया। अय्यर के समर्थन में उतरे लोगों ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न का उदाहरण भी दिया कि वे 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी तीन महीने की बेटी को लेकर शामिल हुईं थीं। तब तो किसी ने उन पर उंगली नहीं उठाई, इसलिए कि इसमें गलती क्या है!
पत्नी के समर्थन में उतरे सबरीनाथन
बेटे को गोद में लेकर मंच पर भाषण देने वाले मुद्दे पर पति केएस सबरीनाधन भी पत्नी के बचाव में सामने आए और एक अंग्रेजी अखबार में पूरा लेख लिखा। उन्होंने लिखा कि माता-पिता बनना शायद किसी के भी जीवन का सबसे बड़ा अनुभव होता है। वे जिस तरह से दुनिया को देखते हैं, वह सब बदल जाता है। कई भूमिकाएँ निभाना पड़ती है। अभी भी हमारे समाज में कई जड़ें हैं, जिनको उखाड़ना बाकी है। मेरी पत्नी डॉ दिव्या एस अय्यर (जिला कलेक्टर, पठानमथिट्टा) और बेटे मल्हार को लेकर हाल में उठा बवंडर हमारे लिए एक सबक है। एक समारोह में बच्चे को मंच पर लाने के लिए मेरी पत्नी की मुट्ठीभर लोगों ने आलोचना की। लेकिन, उसके समर्थन में खड़े होने वालों की संख्या ज्यादा रही। लोग दिव्या के समर्थन में सामने आए और कई लोगों ने अपना खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि एक कामकाजी मां के रूप में कई भूमिकाएं निभाना कितना मुश्किल है।
हमेशा सुर्ख़ियों में रहीं ये IAS
केरल की यह महिला IAS अधिकारी डॉ दिव्या एस अय्यर अपनी सक्रियता को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रही हैं। वे सिंगर हैं, राइटर हैं, कंपोजर हैं और डांसर भी हैं। उन्होंने शादी भी कांग्रेस के तत्कालीन एमएलए केएस सबरीनाथन के साथ की है। तिरुवनंतपुरम की रहने वाली दिव्या बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थीं। उनका राइटिंग, स्पीच, पेंटिंग, म्यूजिक और डांसिंग में खासा इंटरेस्ट था। वे डॉक्टर बनना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने वेल्लोर से MBBS किया। बाद में उनका मन बदला तो वे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई और 2013 में सिविल सर्विसेज के एग्जाम में 48 वीं रैंक हासिल की। इससे पहले उनका सिलेक्शन दो बार रेवेन्यू सर्विस में भी हो चुका था। 2014 बैच की आईएएस दिव्या के पिता सेशा अय्यर ‘इसरो’ में काम करते हैं और मां भगवती अम्मल एसबीटी अफसर रह चुकी हैं।
कोट्टायम में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर काम करने के दौरान उन्होंने वोटिंग को प्रमोट करने के लिए बिना किसी पार्टी को सपोर्ट किए वोटरों को अवेयर करने गाना तैयार किया था। मलयाली भाषा के इस गीत में उन्होंने वोट की ताकत बताई है और जनता से इलेक्शन में हिस्सा लेने की अपील की। कोट्टायम के तत्कालीन कलेक्टर स्वागत भंडारी रविचंद्रन ने इस सांग लॉन्च किया था। उनका गाया और कंपोज किया गीत काफी पॉपुलर हुआ था। दिव्या कई शो में अपना डांस परफॉर्मेंस भी दे चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं।
ऐसे करीब आए दोनों
33 साल के सबरीनाथन ने उस समय शादी से पहले सोशल मीडिया पर अपनी शादी का जिक्र करते हुए लिखा था कि कुछ वक्त से मेरे करीबी, मेरी शादी को लेकर सवाल कर रहे थे। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि डॉ दिव्या से तिरुवनंतपुरम में मेरी मुलाकात हुई। हम एक-दूसरे के करीब आए और एक-दूसरे को जाना-समझा। जल्द ही उनसे मेरी शादी भी होने वाली है। उसी पोस्ट पर डॉ दिव्या ने भी सहमति जताते हुए लिखा था तारीख अभी तय नहीं हुई है। लेकिन, शादी जल्दी हो जाएगी। आगे लिखा कि, यह सब कुछ बहुत जल्दी हो गया। हम 6 महीने पहले ही मिले थे, जब तिरुअनंतपुरम में सब-कलेक्टर की पोस्ट पर मेरा अपॉइंटमेंट हुआ था।
TCS के काम कर चुके सबरीनाथन
अरुवी क्करा सीट से MLA सबरीनाथन के पिता का नाम कार्तिकेयन है, जो कि असेंबली स्पीकर रह चुके हैं। उनकी मां एमटी सुलेखा हैं। सबरीनाथ MBA के स्टूडेंट रहे हैं और TCS कंपनी में बेंगलुरु में काम कर चुके हैं। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने 2015 में पॉलिटिक्स में कदम रखा और पिता की सीट से पहले ही बाई-इलेक्शन में सीपीएम के मजबूत कैंडिडेट के खिलाफ जीत हासिल कर महज 31 साल की उम्र में एमएलए बने।
सुरेश तिवारी
MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।