राम की निकली अनूठी बारात,20 दूल्हों संग, दुल्हन सा सजा पुरानी इटारसी बना जनकपुरी

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राम की निकली अनूठी बारात,20 दूल्हों संग, दुल्हन सा सजा पुरानी इटारसी बना जनकपुरी

इटारसी से वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट

इटारसी।श्री देवल मंदिर काली समिति द्वारा श्री पंचमी पर आयोजित श्री राम विवाह एवं 20 जोड़ों का निः शुल्क सामूहिक विवाह आज धूमधाम से संपन्न हुआ । शाम को गोधूली बेला में द्वारकाधीश मंदिर से भगवान राम एवं सभी 20 दूल्हे राजाओं की भव्य बारात जनकपुरी देवल मंदिर के लिए रवाना हुई। विधायक डा. सीतासरन शर्मा ने देवल मंदिर पहुंचकर भगवान राम का विधि पूर्वक पूजन किया। हाथी-घोड़े, ढोल ढमाकों से सजी-धजी बग्गी, रामसखियों और अखाड़ा प्रदर्शन के बीच करीब तीन किमी. की ऐतिहासिक बारात निकाली गई। जो रात 11 बजे बारात जनकपुरी पहुंची।

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यहां भगवान राम एवं सभी दूल्हों का द्वारचार एवं अन्य वैवाहिक रस्में पूरी कर रात में मंडप के नीचे हिन्दू रीति से विवाह एवं पाणिग्रहण संस्कार कराया गया। हिन्दू आस्था एवं भारतीय संस्कृति के महाकुंभ भगवान श्री राम विवाह एवं निः शुल्क सामूहिक विवाह का ऐतिहासिक आयोजन आज शहर की धरती पर 38 वें वर्ष में हुआ। देवल मंदिर काली समिति पिछले 37 वर्षो से राम विवाह एवं निशुल्क विवाह सम्मेलन का आयोजन कर रही है। देवल मंदिर काली समिति के सदस्य जयप्रकाश करिया पटेल एवं अन्य साधु संतों की मौजूदगी में भगवान राम ने माता जानकी के साथ अग्नि के फेरे लिए, साथ में सभी नवयुगलों ने भी अपने दांपत्य जीवन का शुभारंभ किया। पूरा शहर इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना। ओवर ब्रिज पर पहुंची लंबी बारात की छठा देखते ही बनती थी, पूरे मार्ग पर जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे।

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बारात में हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर राजा राम के जयकारे लगाए। राम जी की निकली सवारी, राम जी की लीला है न्यारी धुन पर युवा थिरके। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का विवाह श्री पंचमी पर हुआ था, इसे विवाह पंचमी भी कहते हैं। इस पंचमी पर रामलला की जन्मस्थली अयोध्या, बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा और इटारसी में श्री देवल मंदिर काली समिति द्वारा श्री राम विवाह एवं निः शुल्क श्री राम विवाह का आयोजन परंपरानुसार विगत 37 वर्षों से हो रहा है। जगह-जगह स्वागत द्वार, तोरण एवं रंग-बिरंगी रोशनी की साज-सज्जा की गई थी। कार्यक्रम में मप्र के अलावा दूसरे राज्यों से साधु-संत इस विवाह के साक्षी बने। पुरानी इटारसी उल्लास और उमंग में डूबी रही। सुबह से विवाह की सभी रस्में पूरी की गई।

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बारात में डीजे-ढोल की धुन पर रामभक्तों ने नृत्य किया। एक सजी बग्गी में श्री राम का दरबार सजा हुआ था, साथ में झांकी भी सजाई गई थी। शोभायात्रा में हाथी एवं घाेड़े भी आकर्षण का केन्द्र रहे। जगह-जगह बारात का स्वागत कर मिष्ठान वितरण किया गया। शहर में कई सालों से यह ऐतिहासिक विवाह का आयोजन होता है, जिसमें पूरा शहर बाराती बनता है। अब तक करीब 2000 जरूरत मंद जोड़े बिना कुछ भी खर्च किए परिणय बंधन में बंध चुके हैं। देवल मंदिर जनकपुरी माता सीता का पीहर होता है, जहां विवाह की सभी रस्में पूरी की गई। हजारों लोगों ने भव्य भंडारे में भोजन प्रसादी ग्रहण की ।