तो 156 सीटों ने आठ माह पहले के हमारे पुर्वानुमान पर लगाई पक्की मुहर…

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तो 156 सीटों ने आठ माह पहले के हमारे पुर्वानुमान पर लगाई पक्की मुहर…

56 इंच छाती वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात के मतदाताओं ने 156 विधानसभा सीटों का तोहफा देकर यह साबित कर दिया है कि गुजराती मतदाता के मन में मोदी का चेहरा बसा है और गुजराती मतदाताओं का दिल बस मोदी में रमा है। इस जीत के साथ गुजरात में भाजपा ने जीत का नया रिकॉर्ड बना दिया है। कांग्रेस ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 विधानसभा सीटें जीती थीं, तो भाजपा ने 156 सीटें जीतकर 85.71 फीसदी सीटों पर कब्जा जमा लिया है। और इसके साथ ही आठ माह पहले के हमारे उस पूर्वानुमान पर मुहर लग गई है, जिसमें अप्रैल 2022 के गुजरात के दस दिवसीय दौरे में हमने मतदाताओं का मर्ज जानने की कोशिश की थी। और यह साफ तौर पर निष्कर्ष निकाला था कि गुजरात के मतदाताओं के दिल पर मोदी का ही राज है। गुजरात की महिलाओं को मोदी राज ने सुरक्षा का जो तोहफा दिया था, उसका असर तब तक कायम रहेगा, जब तक मतदाताओं की वह पीढी जिंदा रहेगी जिसने असुरक्षा का दंश महसूस किया है। मोदी राज तब तक रहेगा जब तक गुजरात का विकास होता रहेगा। और मोदी राज तब तक रहेगा, जब तक मोदी का चेहरा गुजरात के मतदाताओं को नजर आता रहेगा।

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गुजरात कांग्रेस मुक्त होने की राह पर है। 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में अब aकांग्रेस पिछले चुनाव से 60 सीटें खोकर महज 17 पर सिमट गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, जिसमें 57 सीट का इजाफा हुआ है। निर्दलीय 6 से घटकर 4 रह गए हैं। पर अगर गौर करें तो पंजा को धक्का देकर आम आदमी पार्टी ने चार उंगली और अंगूठे को मिलाकर गुजरात में पंच मार दिया है। यह पांच सदस्य किस तरह हुनर दिखाते हैं, इसकी झलक देखने के लिए अगले विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा। पंजाब का उदाहरण सबके सामने है, लेकिन पंजाब और गुजरात के हालात जुदा हैं और यहां सत्ता का मान हासिल करना आप के लिए बहुत आसान नहीं है। क्योंकि यहां किसी मुख्यमंत्री का चेहरा जनमानस की आंखों के सामने नहीं है, यहां तो बस मोदी का सुशासन और विकास जनता के मन में समाया हुआ है। इसीलिए यहां चुनाव के ठीक पहले पूरा मंत्रिमंडल बदलने पर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर मध्यप्रदेश गुजरात जैसी बंपर जीत का रिकार्ड बनाना चाहता है तो उसे भी साहसिक फैसले लेकर मतदाताओं को यह संदेश देना पड़ेगा कि जो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा, उसके लिए मंत्री पद पर रहना मुमकिन नहीं है।

तो खुशी होती है, जब आपका अनुमान सच्चा साबित होता है। मैदान में पहुंचकर  हकीकत समझकर जो निष्कर्ष निकाला जाए, उस पर परिणाम भी मुहर लगाते हैं…तो बहुत कुछ बेहतर महसूस होता है। बहुत बहुत बधाई गुजरात और बहुत बहुत बधाई गुजरात के मतदाताओं और फिलहाल देश के मतदाताओं के दिल पर राज करने वाले मोदी। क्योंकि गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलीं 156 सीटों ने आठ माह पहले के हमारे पुर्वानुमान पर पक्की मुहर लगा दी है…।