Lashed Out by HC : मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ हाईकोर्ट गए राजवर्धन सिंह को लताड़! 

हाईकोर्ट ने कहा 'याचिकाकर्ता खुद मंत्री, खुद विधानसभा में कानून क्यों नहीं बनवा देते!   

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Lashed Out by HC : मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ हाईकोर्ट गए राजवर्धन सिंह को लताड़! 

Indore : खुद के खिलाफ हो रही मीडिया रिपोर्टिंग रुकवाने हाईकोर्ट गए उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को हाईकोर्ट ने फिर लताड़ लगाई। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद सत्तादल के मंत्री हैं, वे खुद ही कोई कानून क्यों नहीं बनवा देते। बुधवार को मामले की सुनवाई होना थी, पर अब 4 जनवरी को होगी। इसलिए कि ये अर्जेंट मामला नहीं है।

प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के दिन इन दिनों ठीक नहीं चल रहे। कुछ दिन पहले बदनावर की एक होटल में भोपाल से आई एक युवती ने आईडी मांगे जाने पर राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का चरित्र हनन कर दिया था। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ और मीडिया में भी ख़बरें छपी। मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ मंत्री हाईकोर्ट पहुंचे और इस पर रोक लगाने की याचिका दायर की। लेकिन, हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत न देते हुए उल्टी लताड़ लगा दी।

राजवर्धन सिंह पर आरोप लगाकर पलटने वाली महिला के मामले में मीडिया रिपोर्टिंग रोके जाने को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले को अर्जेंट नहीं मानते हुए 4 जनवरी को सुनवाई करना तय किया है। इस बीच हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता और शासन यह बताए कि आर्टिकल 226 के तहत किस तरह ऐसे मामलों में आदेश जारी किए जा सकते हैं!

हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि याचिकाकर्ता खुद विधायक मंत्री हैं। वे खुद विधानसभा से कानून बनवा सकते हैं। इस तरह रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के आदेश जारी किए, तो हर कोई अपने मामले में हाईकोर्ट का रुख करने लगेगा। फिलहाल हाईकोर्ट से मंत्री को कोई राहत नहीं मिली। मंत्री की और से याचिका में उल्लेख किया गया है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी वायरल होने से छवि खराब हो रही है। उसे रोकने के लिए डीजीपी और पुलिस को आदेश जारी किए जाएं।

 

महिला पर कोई बयान नहीं दिया

उल्लेखनीय है कि उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पर उनके चुनाव क्षेत्र बदनावर की एक होटल में ही भोपाल की एक युवती ने चरित्र हनन के आरोप लगाए थे। बाद में वह आरोपों से पलट गई। उद्योग मंत्री मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ तो हाईकोर्ट पहुंच गए, पर आरोप लगाने वाली युवती उन्होंने कोई कार्रवाई की हो ये जानकारी नहीं मिली।

 

जो बवाल हुआ

बदनावर के प्राचीश्री रिसोर्ट में 15 दिसंबर को भोपाल की कथित पत्रकार महिला ने राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का नाम लेते हुए भारी बवाल कर दिया था। वह बिना आईडी के एक युवक के साथ आकर यहां रुकी थी। आईडी मांगने को लेकर होटल स्टाफ से महिला की बहस हुई और उसने मंत्री को ‘रेपिस्ट’ तक कहा। महिला ने यह भी कहा था कि मंत्री आकर उसके पैर छुएगा और इस बार उसे टिकट भी नहीं मिलेगा।      इस पूरे विवाद के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। दूसरे दिन एक और वीडियो वायरल हुआ इसमें वह युवती कहती नजर आई कि सोशल मीडिया पर उसके नाम से वायरल वीडियो से उसका कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना की ख़बरें सोशल मीडिया और अख़बारों में छपी और कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके मामला उठाया था। मंत्री राजवर्धन इन्हीं ख़बरों को रुकवाने हाईकोर्ट गए थे, पर उन्हें राहत मिलने के बजाए लताड़ ही पड़ी। अब देखना है कि 4 जनवरी को हाईकोर्ट में क्या होता है।