Action on Flaws in Flyover : भोपाल के ‘भीमराव अंबेडकर सेतु’ में खामियां पाए जाने पर 2 सस्पेंड, 2 जवाब-तलब!  

CM के उद्घाटित इस सेतु का PWD के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने निरीक्षण किया और तत्काल कार्रवाई की!  

416

Action on Flaws in Flyover : भोपाल के ‘भीमराव अंबेडकर सेतु’ में खामियां पाए जाने पर 2 सस्पेंड, 2 जवाब-तलब!  

 

Bhopal : गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक बनाए गए फ्लाय ओवर ‘भीमराव अंबेडकर सेतु’ का आज पीडब्लयूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने निरीक्षण किया। विभाग के प्रमुख अभियंता सेतु मंडल के वरिष्ठ अधिकारी तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी मुख्य अभियंता श्रवण कुमार सिंह भी उनके साथ इस निरीक्षण में शामिल थे। उल्लेखनीय है कि इस फ्लाय ओवर का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था।

निरीक्षण में खामियां पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की गई। गुणवत्ता में सुधार की गुंजाइश और मैन्युअल रूप से पटरी में किए गए कंक्रीट कार्य में पाई गई कमियों के आधार पर भी कार्रवाई की गई। लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के उपयंत्री उमाकांत मिश्रा एवं प्रभारी सहायक यंत्री रवि शुक्ला जो परियोजना के प्रभारी हैं, उनके तकनीकी निरीक्षण में यह एलिवेटेड कॉरिडोर पूरा किया गया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग (भोपाल) के कार्यपालन यंत्री (ईई) जावेद शकील को पर्यवेक्षक में लापरवाही के फलस्वरुप कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं मुख्य अभियंता सेतु परिक्षेत्र भोपाल जीपी वर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा गया।

IMG 20250201 WA0166

अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने सेतु निर्माता कंपनी अनुबंधकर्ता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के विभाग को निर्देश दिए। संबंधित कंपनी पर अनुबंधात्मक अर्थदंड लगाए जाने एवं सुधारात्मक कार्रवाई अपने व्यय पर कराए जाने के भी निर्देश दिए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी मुख्य अभियंता श्रवण कुमार सिंह द्वारा दिए गए तकनीकी सुझावों के आधार पर ब्रिज के विभिन्न डिजाइन किए हुए गैप सीलेंट आदि लगाए जाकर राइडिंग सरफेस को उच्च गुणवत्ता का बनाए जाने के भी निर्देश दिए।

IMG 20250201 WA0165

इस फ्लाय ओवर के बारे में पिछले कई दिनों से शिकायतें सामने आ रही थी। इसी को देखते हुए आज अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने भौतिक परीक्षण किया। इसका कारण यह भी है कि इस फ्लाई ओवर को लेकर अखबारों में भी कई शिकायतें प्रकाशित हुई। बताया गया कि किनारे की पटरियां जो क्रैश बैरियर और मुख्य कैरेज-वे के बीच में लगभग 18 इंच चौड़ी है का मुख्य स्लैब से जोड़ के कार्य की गुणवत्ता अपेक्षित स्तर की नहीं पाई गई। इस वजह से पटरी के किनारे अनेक स्थानों पर मुख्य स्लैब और पटरी के जोड़ों में शरण होने के चिन्ह स्पष्ट दिखाई दिए।

निरीक्षण के दौरान तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि लगभग 3 किलोमीटर लंबे फोर लेन के इस डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेतु की डिजाइन और सुरक्षा स्ट्रक्चरल गुणवत्ता तथा अन्य किसी मामले में कोई शिकायत नहीं है। परंतु नवनिर्मित लोकार्पित हुए महत्वाकांक्षी परियोजना के राइडिंग सरफेस की गुणवत्ता तथा फिनिशिंग कार्य निरीक्षण में संतोषप्रद नहीं पाई गई। विशेष रूप से दो-दो स्थानों पर जहां एक्सपेंशन जॉइंट लगाए गए थे, वहां अधिक क्षरण होना पाया गया। मौके पर बताया गया मुख्य कैरेज-वे का कार्य पेवर मशीन से किया गया था। परंतु किनारे के 18 इंच की पटरी को मैन्युअल भरा गया, क्योंकि वहां पेवर मशीन चलाना संभव नहीं था।