After Morvi : मोरवी हादसे के बाद द्वारका का ‘सुदामा केबल ब्रिज’ बंद किया गया!

द्वारका और अहमदाबाद प्रशासन के नए दिशा निर्देश जारी!

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After Morvi : मोरवी हादसे के बाद द्वारका का ‘सुदामा केबल ब्रिज’ बंद किया गया!

Dwarka : मोरवी ब्रिज हादसे के बाद द्वारका के सुदामा पुल को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। अब सुरक्षा मानकों की पूरी जांच के बाद ही इस पुल को फिर से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। द्वारका के कलेक्टर ने आदेश जारी किया है। उन्होंने इस आदेश में साफ कहा कि सुरक्षा मानकों की जांच के लिए पुल को बंद किया जा रहा है।

बीते रविवार को मोरवी ब्रिज टूटने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई। जबकि, दर्जनों लोग घायल हो गए। अभी भी मोरवी में बचाव दल की टीमें लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। द्वारका में भी मोरवी की तरह का केबल ब्रिज है और प्रतिदिन हजारों पर्यटक और तीर्थयात्री इस केबल ब्रिज पर घूमने आते हैं। मोरवी ब्रिज टूटने की घटना सामने आ चुकी है, ऐसे में द्वारका प्रशासन ने भी इस तरह की किसी अनहोनी को रोकने के लिए समय रहते सुदामा पुल की सुरक्षा जांच कराने का फैसला किया है। द्वारका कलेक्टर ने बताया कि तीर्थयात्रियों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता। इसलिए उन्होंने जल्द से जल्द सुदामा पुल की सुरक्षा जांच कराने और सारी औपचारिकताओं के बाद ही पुल को दोबारा से खोलने के निर्देश दिए हैं।

अटल ब्रिज पर पर्यटकों की लिमिट

अहमदाबाद प्रशासन ने भी अटल ब्रिज को लेकर अहम फैसला लिया है। मोरवी हादसे पर संज्ञान लेते हुए अहमदाबाद प्रशासन ने अटल ब्रिज पर एक दिन में अधिकतम तीन हजार लोगों को ही प्रवेश देने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस ब्रिज की क्षमता 12 हजार पर्यटकों का भार झेलने की है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि चूंकि मोरवी मामले को देखते हुए किसी तरह की रिस्क नहीं ली जा सकती। इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के रिवर फ्रंट पर बने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था।

बोटिंग के लिए नए सुरक्षा मानक

ओखा से द्वारका के बीच चलने वाली फेरी सर्विस (नौकायन) को लेकर भी सरकार ने अहम फैसला लिया। सरकार ने फेरी सर्विस के लिए कुछ नए सुरक्षा मानक जारी किए हैं। इन मानकों की प्रतिलिपि सभी बोट संचालकों को दे दी गई। इसमें द्वारका प्रशासन ने साफ कर दिया है कि मानक पूरा किए बिना कोई बोट पानी में नहीं उतरेगी। इसमें खासतौर पर किसी तरह के आपात स्थिति में यात्रियों के बचाव के प्रबंध करने होंगे।