
नेपाल में Gen-Z युवाओं के हिंसक विरोध के बाद सेना ने नियंत्रण संभाला, अंतरिम सरकार गठन की तैयारी
नई दिल्ली: नेपाल में भ्रष्टाचार, प्रभावशाली व्यक्तियों की विलासिता और सोशल मीडिया प्रतिबंध के चलते Gen-Z युवाओं ने दो दिन तक बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन किए। राजधानी काठमांडू समेत पूरे देश में कर्फ्यू लागू किया गया है और सेना सड़कों पर गश्त कर रही है। हालात अब धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे हैं।
सेना की मध्यस्थता से Gen-Z प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों के बीच बैठक हुई, जिसमें अंतरिम सरकार गठन पर सहमति बनी। इस प्रस्ताव में पूर्व एवं प्रथम महिला न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने की बात शामिल है। वहीं, नाराज Gen-Z समूहों में से कुछ बालेंद्र शाह को प्रधानमंत्री बनाने की मांग लेकर भी सेना मुख्यालय पहुंचे थे।
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी दफ्तरों व सुप्रीम कोर्ट समेत कई स्थानों पर आगजनी की थी। इससे हुए तनाव के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया था। हिंसा के बीच मरने वालों की संख्या 19 से बढ़कर 30 हो गई। सुरक्षा बलों ने 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से हथियार और नकदी बरामद हुई।
वर्चुअल बैठक में Gen-Z के करीब 7,800 सदस्यों ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने, संसद भंग करने, नया संविधान बनाने और छह माह के भीतर संसदीय चुनाव कराने जैसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए। नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की गिरफ्तारी की मांग भी उठाई गई।
युवाओं ने सार्वजनिक पदों पर रहे 46 वर्षों से लोगों की संपत्ति की जांच, भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच और कठोर कार्रवाई के प्रस्ताव भी रखे। इसके अलावा, राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव, सांसदों को मंत्री न बनाने, केवल स्थानीय व संघीय शासन प्रणाली रखने, तथा संवैधानिक पदों पर मेरिट के आधार पर नियुक्ति कराने के लिए भी प्रस्ताव पारित हुए।
सेना ने प्रदर्शनकारियों से हथियार वापस करने और घर से अत्यावश्यक कार्यों के बिना बाहर न निकलने की अपील की है। सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की आगजनी, तोड़फोड़ या हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा। विदेशियों को निकटतम सुरक्षा चौकी से संपर्क करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
Gen Z (जेन ज़ेड) से तात्पर्य जनरेशन जेड से है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों का समूह है. यह मिलेनियल्स या जेनरेशन Y के बाद की पीढ़ी है. ये ऐसे युवा हैं जो डिजिटल युग, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ बड़े हुए हैं, इसलिए इन्हें डिजिटल नेटिव (डिजिटल मूल निवासी) भी कहा जाता है





