New Delhi : टाटा समूह ने 8 अक्टूबर 2021 को एयर इंडिया खरीद ली थी। बोली के बाद एयर इंडिया को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ‘टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड’ (Tata Group’s Holding Company Tiles Private Limited) को बेच दिया गया था। यह डील 18 हज़ार करोड़ रुपए में हुई थी। लेकिन, अभी तक टाटा समूह को एयर इंडिया का आधिपत्य नहीं सौंपा गया था। लेकिन, PMO की नाराजी के बाद इस डील की गति बढ़ाई गई और 27 जनवरी को इसे टाटा समूह को सौंपने का फैसला लिया गया। बोली में जीत के बावजूद अभी तक टाटा ने एयर इंडिया के टेकओवर की तैयारियों पर कोई प्रक्रिया नहीं दी। 69 साल पहले जेआरडी टाटा ने ही एयर इंडिया की स्थापना की थी। कहा जा सकता है कि टाटा की एयर इंडिया फिर टाटा के घर में लौट आई
एयर इंडिया के विनिवेश की शेष रही औपचारिकता अगले कुछ दिनों में पूरी होगी। एयर इंडिया के स्टाफ को एक मेल करके कंपनी के डायरेक्टर (Finance) विनोद हेजमादी ने कहा है कि एयर इंडिया की बैलेंस शीट बंद कर दी गई है, ताकि टाटा की होल्डिंग कंपनी इसकी समीक्षा कर सके।
सरकार ने एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए पिछले साल 8 अक्टूबर को टाटा संस की एक कंपनी ‘टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड’ की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।
एयर इंडिया के विनिवेश में देरी से Prime Minister Office (PMO) नाराज है। इसके विनिवेश के बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि एयर इंडिया के अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, हालांकि इसमें काफी देर हो चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि इस सौदे को लेकर बाकी औपचारिकता अगले कुछ दिन में पूरी हो जाने की उम्मीद है। टाटा एयर इंडिया सौदे के एवज में सरकार को ₹2700 करोड़ नकद देगी और एयरलाइंस पर बकाया 15,300 करोड़ के कर्ज की देनदारी खुद लेगी।
‘टाटा’ कल्चर की ट्रेनिंग दी जाएगी
एयर इंडिया के अलग-अलग ग्रुप के कई अधिकारी को टाटा इथोस और वर्क कल्चर आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। एयर इंडिया के कुछ डिपार्टमेंट के अधिकारी यह ट्रेनिंग लेंगे और उसके बाद वह अपने सहकर्मियों को इस बारे में जानकारी देंगे। इस बारे में टाटा के एक अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में वरिष्ठता के हिसाब से यह तय होता है कि कंपनी का बॉस कौन होगा! जबकि, कॉर्पोरेट सेक्टर में ऐसा नहीं है। एयर इंडिया के स्टाफ को अब इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा कि उनसे कोई कम उम्र का व्यक्ति भी उनका बॉस बन सकता है। उन्हें उसके तहत काम करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।