Air India: अब TATA का हुआ, 18 हज़ार करोड़ की बोली के साथ बनी विनिंग बिडर

दिसंबर के अंत तक सौदा पूरा होने की उम्मीद

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New Delhi: कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India), अपने पुराने मालिक के पास लौट हाई है। 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज था। एयर इंडिया (Air India) के लिए विनिंग बिड टाटा सन्स (Tata Sons) की इकाई ने जीती ली।

DIPAM के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने शुक्रवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि टाटा सन्स की इकाई (Talace Pvt Ltd) 18000 करोड़ रुपये के साथ एयर इंडिया के लिए Winning Bidder रही। सौदा दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

केंद्र सरकार एयर इंडिया (Air India) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) में अपनी पूरी हिस्सेदारी और एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS में भी 50% हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने व्यक्तिगत बोली लगाई थी। मोदी सरकार के निजीकरण कार्यक्रम में Air India की बिक्री सबसे अहम है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों की एक समिति खुद इसकी निगरानी कर रही है। मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक एयर इंडिया को 23 हज़ार करोड़ रुपए के कर्ज के साथ नए मालिक को ट्रांसफर किया जाएगा। कंपनी का बाकी कर्ज Air India Asset Holdings Ltd (AIAHL) को ट्रांसफर किया जाएगा।

68 साल बाद घर वापसी
एयर इंडिया की 68 साल बाद घर वापसी होने जा रही है। Tata Group ने एयर एशिया इंडिया (Airasia India) के माध्यम से एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली लगाई। एयर इंडिया को टाटा समूह ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया, टाटा समूह की झोली में है। जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।

कितना है कर्ज
DIPAM के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने कहा कि सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में कैश सपोर्ट के तौर पर 54,584 करोड़ रुपए डाल चुकी है। इसके अलावा 55,692 करोड़ गारंटी सपोर्ट के तौर पर डाले गए। इस तरह सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में कुल 1,10,276 करोड़ रुपए डाल चुकी है। 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज था। विनिंग बिडर टाटा सन्स 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा।

कर्मचारियों का भविष्य
नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल ने कहा है कि आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि विनिंग बिडर टाटा सन्स सभी कर्मचारियों को अगले एक साल तक बरकरार रखेगी। दूसरे साल में अगर उन्हें बरकरार नहीं रखा जाता, तो कंपनी उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश करेगी।