Aircraft Not Allowed, Child Dies : मालदीव में भारतीय एयरक्राफ्ट को अनुमति नहीं मिलने से बच्चे की मौत!
Maale : मालदीव के 14 साल के गंभीर रूप से बीमार बच्चे की मौत इसलिए हो गई कि प्रेसिडेंट मोहम्मद मुइज्जू ने भारत डॉर्नियर एयरक्राफ्ट के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। इसके चलते समय रहते बच्चे को बचाया नहीं जा सका। उसकी जान बचाने के लिए उसे तत्काल एयरलिफ्ट करके अस्पताल ले जाना जरुरी था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। मालदीव और भारत विवाद के चलते यह एक दुखद घटना है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने भारतीय विमान को उड़ान की इजाजत न मिलने की वजह से बच्चे की मौत पर पर बयान जारी किया है। मालदीव की मुइज्जू सरकार ने अधिकारियों से मरीजों के इमरजेंसी ट्रांसफर से जुड़े प्रोटोकॉल को बदलने के लिए कहा है। मालदीव के 13 साल के मोहम्मद जेह खालिद की मौत इलाज ना मिलने की वजह से हो गई थी।
इस लड़के को इलाज के लिए एयरलिफ्ट करना था। लेकिन, राष्ट्रपति की ओर से जेह को एयरलिफ्ट करने के लिए भारत के डोर्नियर विमान का उपयोग करने की इजाजत नहीं दी। इससे 13 साल के जेह की जान चली गई। मालदीव के गाफ अलिफ विलिंगिली के रहने वाले जेह की मौत के बाद उसके परिवार ने मालदीव सरकार अधिकारियों पर अपनी जिम्मेदारी में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
गैफ अलिफ विलिंगिली के लोगों ने मोइज्जू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। 13 साल बच्चे के जेह के पिता ने बताया कि उसको ब्रेन ट्यूमर था, उसको बुधवार रात को स्ट्रोक हुआ। गुरुवार शाम को उसे बेहतर इलाज के लिए माले रेफर कर दिया गया। जेह के पिता का कहना है कि स्ट्रोक के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया लेकिन उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अगले दिन हमारे फोन का जवाब दिया। बच्चे के लिए परिवहन की व्यवस्था में इतनी देरी हुई कि उसकी जान चली गई।
बच्चा ब्रेन ट्यूमर और स्ट्रोक
बताया गया कि यह बच्चा ब्रेन ट्यूमर और स्ट्रोक पीड़ित था। उसके परिवार ने गाफ अलिफ विलिंगली के आइलैंड विलमिंगटन से बच्चे को मालदीव की राजधानी माले एयरलिफ्ट करने के लिए एयर एंबुलेंस मांगी थी। इसके लिए उन्होंने बुधवार (17 जनवरी) रात से ही एयरलिफ्ट की रिक्वेस्ट की थी। लेकिन, गुरुवार (18 जनवरी) सुबह तक परिवार की मांग को लेकर किसी तरह का जवाब नहीं आया।
गुरुवार सुबह जब देश के एविएशन डिपार्टमेंट ने जवाब दिया, तब तक 16 घंटे बीत चुके थे। आखिरकार मालदीव की आसांधा कंपनी लिमिटेड ने बच्चे को एयरलिफ्ट किया और उसे ICU में भर्ती कराया गया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। बच्चे के पिता ने कहा कि हमने आइलैंड एविएशन को कॉल करके तुरंत मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने हमें जवाब नहीं दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 8:30 बजे फोन का जवाब दिया। ऐसे मामलों में एयर एंबुलेंस का मिलना बहुत जरूरी है।
टेक्निकल गड़बड़ी का हवाला दिया
आसांधा कंपनी ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मदद की रिक्वेस्ट आते ही उन्होंने बच्चे के मेडिकल ट्रांसफर की तैयारी कर ली थी, लेकिन आखिरी वक्त पर एक टेक्निकल ग्लिच की वजह से देरी हुई।