Ajwain Benefits: किचन में मौजूद इस मसाले से दूर करें ,10 समस्याएं
किचन में कई तरह के मसाले मौजूद हैं जो हमारी हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। लेकिन महिलाएं इनका सही इस्तेमाल करना नहीं जानती हैं। इसलिए हम समय-समय पर आपको इन मसालों के बारे में बताते रहते हैं।आज हम आपको एक बहुत ही जबरदस्त मसाले के फायदे और इसे इस्तेमाल करने के सही तरीके के बारे में बता रहे हैं
आयुर्वेद में इसे हम यवानी कहते हैं। यह एक प्रसिद्ध भारतीय मसाला है, जो आमतौर पर पूरे भारत में उपलब्ध है। भारतीय घरों में, हम ज्यादातर इस पौधे को अपने घर के बगीचे में देखते रहे हैं। इन 2 सुपर आसान और प्रभावी घरेलू उपचारों के साथ इसके जबरदस्त लाभों के बारे में आप जान सकती हैं।
अजवाइन का प्रमुख घटक थाइमोल नामक एक एसेंशियल ऑयल है जो लगभग 35-60% होता है। बीज में p-cymene, limonene, α-pinene, और γ-terpinene जैसे यौगिक भी होते हैं।इसके अलावा, अजवाइन के बीजों में प्रोटीन, फैट, फाइबर, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, कैरोटीन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, थायमिन और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। यह 100 ग्राम अजवायन में पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं।
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अजवायन के बहुत से गुण हैं। इसे अपने साथ यात्रा में भी रखा जा सकता है। इसका प्रयोग रोगों के अनुसार कई प्रकार से होता है। यह मसाला, चूर्ण, काढ़ा, क्वाथ और अर्क के रूप में भी काम में लायी जाती है। इसका चूर्ण बनाकर व आठवाँ हिस्सा सेंधा नमक मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन किया जाये तो पेट में दर्द, मन्दाग्नि, अपच, अफरा, अजीर्ण तथा दस्त में लाभकारी होती है। इसका सेवन दिन में तीन बार करना चाहिए।
अजवायन को रात में चबाकर गरम पानी पीने से सवेरे पेट साफ हो जाता है। अजवायन का चूर्ण बच्चों को 2 से 4 रत्ती और बड़ों को दो ग्राम, गुड़ में मिलाकर दिन में तीन-चार बार दिया जाये तो पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं। रात को पेशाब आने पर भी इसके सेवन से लाभ होता है। अजवायन के फूल को शक्कर के साथ तीन- चार बार पानी से लेने से पित्ती की बीमारी ठीक होती है।
अजवायन को सेंक कर चूर्ण बनाकर शरीर की गर्मी कम होने या पसीना आने पर पैर के तलवों और शरीर पर मालिश करने से उष्णता आती है।
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खाँसी या कफ की दुर्गन्ध खत्म होती है। इसका एक छटॉक अर्क पुरानी खॉसी, बड़ी खॉसी तथा कफ में लाभकारी होता है। इसका अर्क या तेल 10-15 बूँद बराबर लेते रहने से दस्त बंद होते हैं। इसका चूर्ण दो-दो ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से ठंड का बुखार शान्त होता है। अजवाइन मोटापे कम करने में भी उपयोगी होती है। रात में एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है।
100 तोले पानी में अजवायन के फूल का चूर्ण मिलाकर उस घोल से धोने पर घाव, दाद, खुजली, फुंसियाँ आदि चर्मरोग नष्ट होते हैं। अजवायन वायु को नष्ट करने और बल को बढ़ाने में सहायक है। इसके तेल की मालिश से शरीर दर्द रहीत होता है। इसका चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से या अर्क को गुनगुना करके पीने से इसका प्रकोप शान्त होता है। इसका प्रयोग प्रसव के बाद अग्नि की प्रदिप्त करने और भोजन को पचाने, वायु एवं गर्भाशय को शुद्ध करने के निमित्त किया जाता है। इसका प्रयोग करपे समय चूर्ण 2 से 4 ग्राम, तेल हो तो 4 ग्राम बूंद, फूल हो तो 1 रत्ती और अर्क हो तो 50 ग्राम तक मात्रा रखनी चाहिये।
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