Heart attack: हार्ट अटैक से बचा सकती है ये एक दवा, डॉक्टर से जानें कब और कैसे लेनी है!

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Heart attack: This medicine can save you from heart attack
Heart attack: This medicine can save you from heart attack

Heart attack: हार्ट अटैक से बचा सकती है ये एक दवा, डॉक्टर से जानें कब और कैसे लेनी है!

बीते तीन सालों में दिल का दौरा पड़ने के केस काफी बढ़े हैं. हार्ट अटैक के अधिकतर मामलों में मरीज देर से अस्पताल पहुंचता है.

इसका कारण यह होता है कि लोगों को इसके लक्षणों और बचाव के बारे में जानकारी नहीं होती. कई मामलों में तो मौके पर ही मरीज की मौत हो जाती है. बीते कुछ महीनों में ऐसे केस देखे भी गए हैं जहां अचानक हार्ट अटैक आया और कुछ ही मिनटों में मरीज की डेथ हो गई. हालांकि दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में बचाव भी किया जा सकता है. केवल एक दवा लेने से मरीज को मौत के खतरे से बचाया जा सकता है. ये दवा आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है.

tv9hindi की एक खबर अनुसार मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा में कार्डियोलॉजी और सीटीवीएस डिपार्टमेंट में डायरेक्टर एंड चीफ डॉ. समीर गुप्ता Tv9 से बातचीत में बताते हैं कि कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक वाले मरीजों में इजाफा हुआ है. दिल का दौरा पड़ने का एक बड़ा कारण ब्लड क्लॉट ( खून के थक्के) होता है. अब ब्लड क्लॉट किसी भी उम्र के लोगों को हो रहा है. इस वजह से युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ रहे हैं. चिंता की बात यह है कि अधिकतर मामलों में लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि उनके शरीर में खून के थक्के बन रहे हैं. लक्षणों की जानकारी भी नहीं होती है. यही कारण है कि हार्ट अटैक के अधिकतर मामलों में मरीज देरी से अस्पताल पहुंचता है.

ये एक दवा हार्ट अटैक से बचाती है

डॉ बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हैं तो इस स्थिति में जीभ के नीचे एस्पिरिन दवा को रख लेना चाहिए. इससे हार्ट अटैक आने का खतरा काफी कम हो जाता है. यह दवा ब्लड थिनर का काम करती है और क्लॉट को रोक देती है. जिससे दिल का दौरा नहीं पड़ता है, लेकिन ध्यान रखें कि इस दवा की एक डोज ही लें और मेडिसन लेने के तुरंत बाद अस्पताल चले जाएं.

डॉ समीर कहते हैं कि बीते कुछ सालों से इस दवा के लेने का चलन बढ़ा भी है. यह दवा हार्ट अटैक के साथ-साथ स्ट्रोक से भी बचाती है. हालांकि एस्पिरिन को बिना डॉक्टरों की सलाह के नहीं लेना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति इस दवा का ज्यादा इस्तेमाल करता है तो उसको नुकसान भी हो सकता है.

हाई बीपी वाले मरीज सतर्क रहें

डॉ समीर कहते हैं कि हाई बीपी वाले मरीजों में हार्ट अटैक आने का रिस्क अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है. ऐसे मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इनको नियमित रूप से बीपी की जांच करानी चाहिए. अगर छाती में दर्द, तेज पसीना या सांस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. समय पर ट्रीटमेंट से दिल का दौरा पड़ने से खुद को बचाया जा सकता है.

नोट -सावधान रहिये ,जागरुक बनिए ,और यह खबर केवल आपको  सतर्क करती है ,दवाई के बारे अपने डॉक्टर से जानकारी लेकर  ही दवाई खायी जानी चाहिए .प्राथमिक जानकारी के लिए यह लेख आपको जागरूक करता है .कोई भी मेडिसिन   की पुष्टि डॉक्टर से जरुर करें .