नपा सम्मेलन में पास हुए सभी 23 प्रस्ताव, बहुचर्चित सूखा सरोवर मैदान अब कहलाएगा वीर सावरकर मैदान, 5 कांग्रेस पार्षद रहे मौन

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जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रपट

इटारसी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर के नाम पर सूखा सरोवर पुरानी इटारसी के जिस मैदान के नामकरण को लेकर पिछले दो दिनों से जो कांग्रेस सोशल पर काफी उग्र व आक्रोशित नजर आ रही थी, वह युद्ध के मैदान अर्थात नपा परिषद बैठक में प्रभावहीन व खाली हाथ नजर आई। नगरपालिका परिषद की बैठक में कांग्रेस के पार्षद वीर सावरकर के मुददे पर भाजपा का प्रभावी विरोध भी नहीं कर पाए।

वीर सावरकर के मुद्दे पर नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पंकज चौरे के वीर सावरकर के जीवन चरित्र, उनके प्रखर राष्ट्रवाद का वर्णन करीब 13 मिनिट के ओजेस्वी उदबोधन के बाद जब उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए समस्त पाषर्दों से कहा कि यह प्रस्ताव इतिहास में कहीं न कहीं लिखा जाएगा, क्योंकि देश के वीर महापुुरूष, क्रांतिकारी वीर सावरकर ने अपना सारा जीवन देश के लिए समर्पित किया था। यदि यह परिषद इस प्रस्ताव को पास नहीं करती, ऐसी गलती करती है तो इतिहास में आपको कोसा जाएगा।

इसके बाद नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग करा ली। जिसमें पक्ष में सम्मेलन में मौजूद 30 पार्षदों में से उपस्थित सभी 19 भाजपा पार्षदों ने पक्ष में हाथ उठाए और विपक्ष में मात्र 6 कांग्रेस पार्षदों ने ही हाथ उठाकर अपना विरोध दर्ज कराया। नपा अध्यक्ष के भावनात्मक और ओजस्वी उदबोधन के बाद 5 कांग्रेस पार्षद मौन रहे।

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नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि जो 05 कांग्रेस पार्षद मौन थे, उन्होंने अपनी मौन स्वीकृति दी है। वे अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर वीर सावरकर का विरोध नहीं कर सके। इस मुददे पर कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कांग्रेस का विरोध संबंधित प्रस्ताव पर दर्ज कराया। परिषद के इस सम्मेलन में कुछ 23 प्रस्ताव चर्चा के लिए रखे गए थे, ये सभी पारित हो गए हैं।

नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने अपने उदबोधन में कहा कि देश भर में अब तक 8 हजार से अधिक पुल, ब्रिज, संस्थाओं का नाम वीर सावरकर जी के नाम पर रखे जा चुके हैं। हम भोपाल जाते हैं तो पहला ही नया ओवर ब्रिज वीर सावरकर के नाम पर है। अपनी गलतियों को कांग्रेस के सम्मानिय सदस्य सुधारें। वीर सावरकर वीर क्यों थे तथ्य जाने आप सभी।

राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्म चक्र लगाने का सुझाव सर्वप्रथम उन्होंने ही दिया था जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने माना। उन्होंने ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया। वे ऐसे प्रथम राजनीतिक बंदी थे जिन्हें विदेशी (फ्रांस की) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा। वे पहले ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया तथा बंदी जीवन समाप्त होते ही जिन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।

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दुनिया के वे ऐसे पहले कवि थे जिन्होंने अंडमान के एकांत कारावास में जेल की दीवारों पर कील और कोयले से कविताएं लिखीं और फिर उन्हें याद किया। इस प्रकार याद की हुई 10 हजार पंक्तियों को उन्होंने जेल से छूटने के बाद पुनः लिपिबद्ध किया। उनकी लिखित पुस्तक शद इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 एक सनसनीखेज पुस्तक रही, जिसने ब्रिटिश शासन को हिला डाला था। विनायक दामोदर सावरकर दुनिया के अकेले स्वातंत्र्य-योद्धा थे जिन्हें 2-2 बार आजीवन कारावास की सजा मिली, उन्होंने सजा को पूरा किया और फिर से वे राष्ट्र जीवन में सक्रिय हो गए।

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श्री चौरे ने कहा कि वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को 2-2 देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया। वे पहले स्नातक थे, जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण अंग्रेज सरकार ने वापस ले लिया। वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई।

श्री चौरे ने कहा कि वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे,जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया। फलस्वरूप उन्हें वकालत करने से रोक दिया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के लिए नपाध्यक्ष श्री चौरे ने कही यह बात

नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कांग्रेस पार्षदों से कहा कि तथ्य यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कभी नाभा रियासत में प्रवेश ना करने का बॉन्ड भर कर अपनी सजा माफ कराई। उनके पिता उन्हें छुड़ाने के लिए वायसराय तक सिफारिश लेकर पहुंच गए। लेकिन इसके बाद भी नेहरू भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी हैं, जबकि 50 साल की सजा पाए सेल्युलर जेल में 10 साल काटने वाले सावरकर जैसे महान देश भक्त पर आप सवाल उठा रहे हैं।

गांधी, तिलक ने रिहा कराने लिखी थी चिट्ठी

नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि इतिहास में दर्ज है, महात्मा गांधी द्वारा प्रकाशित यंग इंडिया अखबार में लिखा है कि वे वीर सावरकर को भाई मानते थे। उन्होंने खुद लिखा है कि उन्होंने वीर सावरकर व कालापानी की सजा काट रहे उनके भाई गणेश सावरकर के लिए पत्र लिखकर रिहाई की मांग अंग्रेज सरकार से की थी।

किस प्रस्ताव पर क्या हुई बहस और कैसे हुए पारित

प्रस्ताव 01- वार्ड के 34 में स्थित पलकमति नगर (हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कालोनी ) को नगरपालिका में हस्तांतरण किये जाने के संबध में।

पारितः भाजपा के वरिष्ठ पार्षद शिववकिशोर रावत ने कहा हाउसिंग बोर्ड से विकास राशि ली जाए, वहां क्या-क्या विकास कार्य होना है, यह सूची बनाई जाए। सीएमओ हेमेश्वरी पटले ने कहा कि 5 करोड़ का स्टीमेट बना था, उसमें से 10 प्रतिशत राशि मिलने का प्रावधान है, हाउसिंग बोर्ड ने 50 लाख रूपये दे दिए हैं।

प्रस्ताव 02- बेसहारा एवं अतिनिर्धन लोगों के अंतिम संस्कार के लिये लकड़ी की व्यवस्था शांतिधाम ( श्मशान घाट ) जनभागीदारी समिति इटारसी ( म.प्र.) को किये जाने के लिये कलेक्टर महोदय से मार्गदर्शन लेने के लिये विचार।

पारितः नपा 3 लाख रूपये इसके लिए दे सकती है। सभापति राकेश जाधव ने इसके लिए नपाध्यक्ष को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपने मेरे प्रस्ताव पर सहमति जताई इसके लिए धन्यवाद।

प्रस्ताव 03- एम.जी.एम. कॉलेज के सामने रिक्त भूमि की नीलामी करने पर विचार।

पारितः बिना बहस पारित हुआ।

प्रस्ताव 04- बैल बाजार (पुराना बस स्टैंड) की भूमि का सीमांकन कर नीलामी की कार्यवाही।

पारितः कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने इस पर जानकारी मांगी कि किस भूमि को नीलाम करेंगे। नपाध्यक्ष पंकज चैरे ने कहा कि पुराना बस स्टेंड की भूमि नीलाम होगी।

प्रस्ताव 05 – एस.बी.आई. चैराहा पुरानी इटारसी पर वीर महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा स्थापित करने पर विचार बाबत।

पारितः सभापति अमता मनीष ठाकुर ने विधायक जी, नपाध्यक्ष व परिषद का आभार जताया। कहा राजपूत समाज व समस्त समाज आपका आभारी है। महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा हमारी आगामी पीढी को प्रेरणा देगी।

प्रस्ताव 06- तवाकॉलोनी गेट पुरानी इटारसी में महानायक बिरसा मुण्डा की प्रतिमा स्थापित करने पर विचार।

पारितः युवा पार्षद राहुल प्रधान ने नपाध्यक्ष व परिषद का आदिवासी समाज की ओर से आभार जताया। कहा भगवान बिरसा मुंडा जी की भव्य प्रतिमा उनके योगदान को प्रदर्शित करेगी।

प्रस्ताव 07 – एस.बी.आई. चौराहा सूरजगंज पर झूलेलाल जी की प्रतिमा स्थापित करने बाबत विचार ।

पारितः पार्षद धर्मदास मिहानी ने परिषद का आभार जताया।

प्रस्ताव 08- सब्जी मंडी गेट पर महर्षि बाल्मिकी की प्रतिमा स्थापित करने बाबत विचार।

पारितः युवा पार्षद व सभापति मंजीत कलोसिया ने विधायक डाॅ सीतासरन शर्मा, नपाध्यक्ष पंकज चौरे व परिषद का आभार जताया।

प्रस्ताव 09- श्री भीमराव अंबेडकर प्रतिमा स्थापना के लिये स्थल चयन करने पर विचार बाबत।

पारितः नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा एमजीएम काॅलेज चौराहे पर भव्य रूप से स्थापित होगी। परिषद के सदस्य मंजीत कलोसिया, जिमी
कैथवास, ज्योति बाबरिया, राजेश्री धुरिया, राहुल प्रधान सहित अन्य सभी ने नपाध्यक्ष को धन्यवाद प्रेषित किया।

प्रस्ताव 10- इटारसी सरोवर के पास श्री सहस्त्रबाहु की प्रतिमा स्थापित करने विचार बाबत।

पारितः परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मोहर लगाई।

प्रस्ताव 11- दशहरा मैदान ( सूखा सरोवर ) पुरानी इटारसी का नाम वीर सावरकर दशहरा मैदान रखने पर विचार।

पारितः इस मुददें पर बहस हुई। भाजपा की ओर से पार्षद राजेश्री धुरिया ने प्रस्ताव को सभा के समक्ष रखा और वीर सावरकर के राष्टवाद पर बोलकर सभी से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान के लिए कहा। विरोध में बैठक में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अमित कापरे ने अपनी बात रखी। उन्होंने विरोध में पोस्टर छपवाकर लगाए थे। मुददे पर नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने 12 मिनिट 54 सेकेंड में अपनी बात रखी और प्रस्ताव पारित कराया।

प्रस्ताव 12 – वार्ड के 28 में सांची गिल्क पार्लर से बीजू तिवारी के मकान तक आरसीसी नाली निर्माण कार्य लागत 2612300/- रूपये की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति बाबत।

पारितः सर्वसम्मिती से पारित।

प्रस्ताव 13 – चांवल लाईन, तुलसी चौक एवं दुर्गा चैक की पक्की छत वाली दुकानों की छत नीलामी पर विचार।

पारितः कांग्रेस पार्षद धर्मदास मिहानी ने विरोध किया, कहा जिनकी नीचे दुकानें हैं, उन्हें ही छत दी जाए। नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि परिषद को यह अधिकार नहीं है। परिषद सिर्फ नीलामी में ही संपत्ति किसी को दे सकती है, वह भी कलेक्टर गाइड लाइन पर या अधिक पर। श्री चौरे ने कहा कि बिना नीलामी यदि संपत्ति किसी को देते हैं तो परिषद के सदस्य जेल जा सकते हैं।

श्री चौरे ने कहा कि जो व्यापारी पहले से रोजी रोटी कमा रहे हैं, उनके पास नीचे दुकान हैं, उन्हें कैसे ऊपर भी छत दे दें। छत पर शहर के बेरोजगार युवाओं का अधिकार है, वे छत खरीदकर दुकानें बनाएंगे तो रोजगार मिलेगा, उनका परिवार चलेगा। पर किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि जिन दुकानदारों को पूर्व भाजपा शासित नपा परिषद ने ऊपर की दुकानें बिना नीलामी के दे दीं,उनके लिए क्या पूर्व परिषद के सदस्य जेल जाएंगे? उन दुकानों व दुकानदारों का क्या होगा?

प्रस्ताव 14 – प्रियदर्शनी नगर इंदिरा नगर के काम्पलेक्स का पुनः निर्माण करवाकर दुकान के उपर छतों की नीलामी पर विचार।

पारितः सर्वसहमति से पारित।

प्रस्ताव 15- शासन द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार कायाकल्प अभियान अंतर्गत नगर के मुख्य मार्गों का उन्नयन, मजबूतीकरण, चौड़ीकरण कराए जाने हेतु राशि रूपये तीन करोड़ की प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति बाबत विचारार्थ।

प्रस्तावः सर्वसहमति से पारित।

प्रस्ताव 16 – समरसता नगर में लगभग 20 वर्ष से म्यूनिसिपल कमेटी की भूमि पर काबिज परिवारों को शासन की योजना के तहत पटटे प्रदान करना एवं श्री वाल्मिकी नगर वार्ड 18 में निवासरत परिवारों को पटटे प्रदान करना एवं पत्ती बाजार में निवासरत परिवारों का व्यवस्थापन ओझा बस्ती के समीप करने पर विचार।

पारित: वार्ड 18 की पार्षद मनीषा कौर बंजारा ने नपाध्यक्ष व परिषद का आभार जताया। प्रस्ताव में वार्ड 12 अम्बेडकर नगर का एरिया भी सभापति मंजीत कलोसिया की मांग पर जोड़ा गया।

प्रस्ताव 17 – नपा की सीमा से लगे क्षेत्र देहरी, मेहरागांव, सनखेडा रोड, जमानी रोड, सोनासांवरी, पथरौटा क्षेत्र में भवन निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा जारी करने बाबत विचार।

पारितः सीएमओ ने कहा यह ऐसे एरिया हैं जिनमें ग्राम क्षेत्र से भी भवन अनुज्ञा नहीं मिलती इसलिए यह जरूरी है। सर्वसहमति से पारित।

प्रस्ताव 18- न्यास कालोनी डॉ दुबे हास्पिटल के पास स्थित काम्पलेक्स की दुकान संबंधी प्राप्त शिकायत के निराकरण बाबत विचार।

पारितः मौजूदा दुकानदारों को नोटिस जारी कर प्रीमियम जमा करने के लिए कहा जाएगा।

प्रस्ताव 19 – इटारसी क्षेत्र में जमानी रोड पर इंडियन ऑयल डिपो तक, पुरानी इटारसी में पथरोटा नहर तक सीमा क्षेत्र में वृद्धि पर विचार।

पारितः सर्वसहमति से पारित।

प्रस्ताव 20- न्यास कालोनी में स्थित खसरा सर्वे नं. 55 रकवा 1.327 हेक्टेयर पर स्थित भूमि को एमपीईबी को हस्तांतरण करने बाबत विचार।

पारितः तय हुआ कि एमपीईबी को 78 लाख रूपये जमीन का प्रीमियम जमा करने के लिए नोटिस देंगे या फि र मासिक किराया लिया जाएगा।

प्रस्ताव 21 – आश्रय निधि से ओझा बस्ती क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिये ओझा बस्ती के आवासों पर टीन के स्थान पर आरसीसी छत डलवाने एवं अन्य कार्यों के लिये राशि रूपये 02.00 करोड की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति बाबत विचार।

पारितः नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि प्रस्ताव कलेक्टर को भेजेंगे, वहां से वह सहमति देते हैं तो शासन से विषेश निधि लेते हुए काम कराया जाएगा।

प्रस्ताव 22 – अध्यक्ष के लिये एक वाहन मासिक किराये पर लिये जाने पर विचार बाबत।

पारितः सर्वसहमति से पारित।

प्रस्ताव 23 – शासन के अनुदान प्राप्त राशि से मिनी फायर वॉटर टेंडर कय किये जाने पर होने वाले अनुमानित व्यय राशि रूपये 26.00 लाख की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति बाबत।

पारितः सर्वसहमति से पारित।

बैठक की शुरूआत में यह भी हुआ

कांग्रेस से वार्ड 05 की पार्षद रमा अरविंद चंद्रवंशी ने कहा कि अध्यक्ष जी कांग्रेस के पार्षदों से भेदभाव करते हैं, उनके यहां विकास नहीं करते। आप बताएं वार्ड 05 में क्या कराया अब तक। नपाध्यक्ष श्री चौरे ने इस पर जबाब देते हुए कहा कि हम दलगत राजनीति से उपर उठकर काम करते हैं, आप पहले वार्ड का अध्ययन करें, हमने वहां क्या क्या कराया है। सिर्फ आरोप लगा देना ठीक नहीं है।

अध्यक्ष श्री चौरे ने कहा कि आपके वार्ड में 28 लाख 33 हजार 338 रूपये के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। 20 फरवरी को इसके भूमिपूजन विकास यात्रा के दौरान होंगे। अभी पुलिया, नालियां भी बन चुकी है आपके यहां।

कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कहा कि 10 लाख रूपये से पार्षदों की इच्छा अनुसार काम करने की बात आपने कही थी, क्या वह भी जुमला है। इस पर नपाध्यक्ष श्री चौरे ने कहा कि आपकी ही अनुशंसा से वार्डों में काम कराए जा रहे हैं, हमनें तो महज 10 लाख की घोषणा की थी, लेकिन इससे ज्यादा के काम हम आपकी अनुशंसा पर करा रहे हैं, यह चीज भी देखिए, सिर्फ विरोध ही करना है तो मैदान खुला है।

सभी प्रस्ताव सर्वसम्मिति से पास हुए हैं। सूखा सरोवर दशहरा मैदान का नाम पर वीर सावरकर के नाम पर करने पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों की आपत्ति थी। हमनें सभी को समझानेका प्रयास किया, कहा कि यह इतिहास में दर्ज होगा कि एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का आप विरोध कर रहे हैं,जिस पर अधिकांश कांग्रेस पार्षदों ने अपनी* मौन सहमति प्रस्ताव के पक्ष में दर्ज कराई।सिर्फ आधे ही कांग्रेस पार्षदों ने हाथ उठाकर विरोध दर्ज कराया। इसलिए यह माना जाएगा कि 19 भाजपा पार्षदों के, 05 कांग्रेस के पार्षदों की देश के वीर सपूत वीर सावरकर के नाम पर सहमति थी। सिर्फ 06 कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताया है।

– पंकज चौरे, अध्यक्ष, भाजपा शासित नगरपालिका परिषद, इटारसी

नगर पालिका के अध्यक्ष पंकज चौरे, भाजपा पार्षद दल और वे लोग जिन्होंने वीर सावरकर जी के नाम पर सूखा सरोवर मैदान करने का समर्थन किया, उनका आभार व्यक्त करता हूं।हमारे देश के स्वतंत्रता के इतिहास को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है और अभी भी यह षड्यंत्र कतिपय लोगों के द्वारा जारी है। इसलिए यह आवश्यक है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता के सेनानियों के बारे में सही जानकारी मिले। सही तरीके से सही बातें जानी चाहिए। जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं, उनके निहित स्वार्थ हैं। उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना। मैं वीर सावरकर को आज प्रणाम करता हूंनगर पालिका परिषद के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं। जो राष्ट्रवादी कांग्रेसी हैं, वह इस मामले में शायद इसके पक्ष में होंगे, इसलिए आज साथ आए। जो राष्ट्रवादी नहीं हैं और टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थक हैं वो डेफिनेटली इसके विरोध में जाएंगे, यह शुरू से ही तय था।

– डॉ. सीतासरन शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवम विधायक, नर्मदापुरम इटारसी