Amarwada By Election: GGP को छोड़ कांग्रेस और BJP के घट गए वोट,7 महीने में ही कमलेश शाह के 26 हजार वोट हुए कम
भोपाल:अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में भले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच में कड़ा मुकाबला रहा हो, लेकिन इस उपचुनाव में कांग्रेस सात महीनों में ही जबरदस्त पिछड़ गई। सात महीने पहले उसे जो वोट मिले थे, उसके मुकाबले में उसे उपचुनाव में तीस हजार वोट कम मिले। जबकि कमलेश शाह और भाजपा भी वोट पाने के मामले में नुकसान में रहे। यहां से वोट पाने में सबसे ज्यादा फायदा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को हुआ है।
*जीते लेकिन रहे नुकसान में*
कमलेश शाह यहां से 3027 वोटों से उपचुनाव जीते हैं, लेकिन वे 26 हजार 660 वोट के नुकसान में रहे। नवंबर में हुए चुनाव में उन्हें इसी सीट से एक लाख 9 हजार 765 वोट मिले थे, तब उन्होंने चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। जबकि अभी हुए उपचुनाव में उन्हें 83 हजार 105 वोट मिले हैं। यानि वे 26 हजार 660 वोटों के नुकसान में रहे। शाह इस सीट से 2013 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। उन्हें सबसे ज्यादा वोट 2023 के चुनाव में ही मिले थे। इससे पहले वर्ष 2018 के चुनाव में उन्हें 71 हजार 662 वोट मिले थे। जबकि वर्ष 2013 में हुए चुनाव में उन्हें 55 हजार 684 वोट मिले थे। खासबात यह है कि अमरवाड़ा के वे अजय नेता हैं, जो लगातार चारों चुनाव जीते हैं।
भाजपा को भी हुआ नुकसान
भाजपा यहां से चुनाव जीत गई, लेकिन सात महीने के अंतर में उसके वोट भी कम हो गए। नवंबर 2023 में यहां से भाजपा ने मोनिका शाह बट्टी को उम्मीदवार बनाया था। उन्हें इस सीट से 84 हजार 679 वोट मिले थे, जबकि इस बार भाजपा को यहां से 83 हजार 105 वोट ही मिल सके। भाजपा को यहां पर डेढ़ हजार वोटों का नुकसान हुआ।
कांग्रेस तीस हजार के नुकसान में
इधर कांग्रेस की यह सीट भाजपा ने न सिर्फ जीत ली, बल्कि कांग्रेस को वोट मिलने में भी इस बार खासी कमी आई है। सात महीने में कांग्रेस ने इस सीट पर 29 हजार 687 वोटों का नुकसान इस चुनाव में उठाया है। नवम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 1 लाख 9 हजार 765 वोट मिले थे, जबकि उपचुनाव में उसे 80 हजार 78 वोट ही मिले सके।
*जीजीपी रही फायदे में*
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इस उपचुनाव में फायदे में रही। नवंबर में हुए चुनाव से उसे दस हजार से ज्यादा वोटों का फायदा हुआ है। दोनों ही चुनाव में उम्मीदवार देवीराम भलावी ही उम्मीदवार थे। उन्हें सात महीने पहले यहां से 18 हजार 231 वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में उन्हें 28 हजार 723 वोट मिले। यानि वे दस हजार 492 वोट बढ़ाने में सफल रहे।