Amit Shah’s Bhopal Visit: नेताओं की मुश्कें कसेगी शाह की पॉलिसी, पुराने नेताओं की पूछ परख कायम रहेगी
भोपाल. चुनावी कैम्पेन में शामिल नेताओं की मुश्कें कसने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली लौट गए हैं। शाह की चुनावी पालिसी में चुनावी बयानों में नपे तुले शब्दों के उपयोग के साथ पुराने नेताओं की पूछपरख कायम रखने पर जोर दिया गया है। करीब 15 घंटे के भोपाल प्रवास के दौरान शाह ने पार्टी के छोटे-छोटे बातों को भी गंभीरता से लेने के लिए कहा है।
शाह ने संकेत दिए हैं कि चुनाव को प्रभावित करने वाले किसी भी बिन्दु को हल्के में नहीं लेना है और उसके फायदे नुकसान का विश्लेषण करना है। उन्होंने चुनाव संबंधी समितियों में पार्टी के पुराने और ऐसे चेहरों को शामिल कर उनसे काम लेने के लिए कहा है जो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे नेताओं की पार्टी में लगातार सक्रियता को लेकर प्रदेश संगठन काम करेगा और चुनाव में उनके अनुभवों का लाभ लेगा।
पंद्रह दिन के अंतराल में दूसरी बार भोपाल पहुंचे केंद्रीय मंत्री शाह ने बुधवार रात करीब चार घंटे तक मैराथन बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में की थी। इस मौके पर पार्टी में एकजुटता और सक्रियता ही मुख्य तौर पर फोकस में रही। इसके लिए संगठन की ओर से जिम्मेदारियां सौंपने का काम एक दो दिनों में करने के लिए कहा गया है। जो समितियां फाइनल हुई हैं, उनके कामकाज की रिपोर्ट शाह की टीम तक प्रतिदिन पहुंचेगी।
सुबह फिर हुई सीएम, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई नेताओं से चर्चा
केंद्रीय मंत्री शाह की चर्चा गुरुवार की सुबह फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा अन्य नेताओं के साथ हुई। उनसे मिलने वालों में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव के अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता रहे। चुनावी कैम्पेन पर एक्शन के निर्देश के साथ शाह करीब 11 बजे भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए।
पार्टी का फोकस इन पर भी ज्यादा
बीजेपी का फोकस 47 आदिवासी विधानसभाओं पर भी है। खासतौर पर जिन विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक हैं। ऐसी विधानसभा 130 हैं और इन सभी विधानसभाओं में भी हर बूथ पर 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। यह काम आदिवासी बाहुल्य विधानसभाओं में एसटी मोर्चा के प्रवासी कार्यकर्ता करेंगे।
इन समितियों को मिला एप्रूवल, नाम आएंगे सामने
केंद्रीय मंत्री शाह की कोर टीम के साथ हुई बैठक में जिन समितियों पर खास तौर पर चर्चा हुई है उनमें केंद्रीय नेतृत्व के प्रवास कार्यक्रम, विशेष संपर्क अभियान, घर-घर झंडा, कमल दीपावली, आर्थिक प्रबपंधन समिति, प्रचार प्रसार, विधानसभा फीडबैक, एविएशन और वाहन व सत्कार, मीडिया व मीडिया मॉनिटरिंग, सोशल मीडिया, कॉल सेंटर, चुनाव आयोग, हर प्रत्याशी पूर्व विधानसभा तक नामांकन भरने के लिए जरूरी निर्देश, सहायता उपलब्ध कराने वाली समिति, प्रदेश कार्यालय में निर्वाचन संबंधी शिकायत, कंट्रोल रूम के इंचार्ज, माइक्रो मैनेजमेंट कार्यालय संबंधी समिति, मतदान अभियान आदि के लिए भी पार्टी के नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है और जल्द ही इनमें शामिल नाम सामने आएंगे।