Amitabh At Kokilaben Ambani Hospital: अमिताभ ने कहा ‘देश का सबसे स्वच्छ शहर, अब सबसे स्वस्थ शहर बनेगा! 

अस्पताल के उद्घाटन भाषण में अमिताभ बच्चन ने कई संस्मरण सुनाए! 

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Indore : कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल का उद्घाटन करने इंदौर आए फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा कि इंदौर आकर मुझे बहुत आनंद आया। ये देश का सबसे स्वच्छ शहर है, पर इस अस्पताल के उद्घाटन के बाद में कहना चाहता हूं, कि इंदौर सबसे स्वच्छ शहर तो है, अब सबसे स्वस्थ शहर भी होगा। उन्होंने मुंबई के इस अस्पताल से जुड़ा संस्मरण भी सुनाया कि इस अस्पताल की शुरुआत कैसे हुई।

अपने भाषण में अमिताभ बच्चन ने अंबानी परिवार से अपने संबंधों का जिक्र किया और बताया कि मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की शुरुआत कैसे हुई! उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं टीना भाभी (टीना अंबानी) का इस बात के लिए आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने एक बार फिर मुझे इस आयोजन में बुलाया है। हमारे परिवारों में बहुत ही गहरे संबंध है। लेकिन, इस अस्पताल की शुरुआत बहुत छोटी सी बात से हुई थी।

उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि अंबानी परिवार ने मेरी उस बात पर ध्यान दिया, जो मैंने उनसे कही थी। अमिताभ ने बताया कि मुंबई में एक विख्यात डॉक्टर थे डॉ मांडगे, उनकी इच्छा थी कि मुंबई में ऐसा अस्पताल बनाया जाए, जहाँ हर तरह का इलाज हो! उन्होंने मुझसे मदद मांगी, मैंने की भी! थोड़ा-बहुत काम भी शुरू हुआ था। लेकिन, अचानक दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गई और उनका यह सपना अधूरा रह गया। एक दिन उनकी पत्नी जो कि मुझे जानती थी, वे मेरे पास आई और उन्होंने कहा कि मैं अपने पति की इच्छा को पूरा करना चाहती हूं। आप अपने मित्र अनिल अंबानी से कहें। यदि वे इसमें रूचि दिखाएंगे, तो शायद यह सपना पूरा हो सकेगा।

अमिताभ ने आगे बताया कि मैंने अनिल जी से इस बारे में बात की। मैं आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे केवल एक ही बार कहने पर इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने श्रीमती मांडगे से एक ही मुलाकात की और अस्पताल बनाने में पूरा योगदान देने का भरोसा दिलाया। अभी टीना भाभी ने बताया कि अब बहुत सारे अस्पतालों की इमारत खड़ी हो गई है और चिकित्सा के क्षेत्र में उनका योगदान बहुत याद आ रहा है।

जब टीना भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे एक और अस्पताल के उद्घाटन में यहां उपस्थित होना पड़ेगा, तो मुझे आना पड़ा। न केवल इसलिए कि हमारे पारिवारिक संबंध है, बल्कि मुझे लगा कि कई रूपों में उन्होंने उद्घाटन के लिए सही आदमी को चुना है। इसलिए नहीं कि मैं फिल्म कलाकार हूं और अपनी कलाकारी दिखाता रहता हूं। बल्कि, इसलिए कि 50 के दशक से लेकर सन 2000 के दशक तक शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसने मेरे से ज्यादा अस्पताल के दर्शन किए हो। न जाने कितने ऑपरेशन थिएटर, न जाने कितने डॉक्टरों से मेरा इलाज होता रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं अपना आभार और धन्यवाद प्रकट करता हूं कि उन डॉक्टरों की वजह से ही मैं आज यह कह पा रहा हूं। जितनी भी दुर्घटनाएं मेरे साथ हुई। कई बार मुझे लगा कि मेरे पास साधन हैं, मेरे परिवार के पास साधन हैं मैं जाकर विदेश जाकर भी अपना इलाज करवा सकता था। लेकिन, मैंने ऐसा नहीं किया। क्योंकि, मुझे भारत की चिकित्सा व्यवस्था और भारत के डाक्टरों पर पूरा विश्वास था और आज भी यह विश्वास हैं। आज भी कभी ऐसी स्थिति आई कि मुझे अस्पताल जाना पड़े, तो मैं फिर भारत के अस्पतालों और डॉक्टरों पर ही विश्वास करूँगा।

अब एक अच्छी बात ये हो गई कि अब जांच करवाना आसान हो गया है। जब इमरजेंसी होती है, तो ही जांच करवाना आवश्यक नहीं, अपनी जांच जरूर करवाएं। अपने भाषण में अमिताभ ने कहा कि इतना सुंदर एक अस्पताल खुला हुआ है तो यहां आकर आपको अपनी जांच करवाते रहना चाहिए। जांच क्यों जरुरी है यह बात में इसलिए कह रहा हूँ कि एक बार जब मैं 1982 में घायल हुआ था, तब किसी ब्लड डोनर ने का मुझे ऐसा ब्लड दिया गया जिसमें हेपेटाइटिस-बी का वायरस था। तब टेस्ट की ऐसी व्यवस्थाएं नहीं थी। इसलिए वो वायरस मेरे शरीर के अंदर चला गया।

सन् 2006 में जाकर पता चला कि उसने मेरे लीवर को डैमेज किया है। मैंने जांच करवाई तो मुझे पता चला कि मेरा 75 प्रतिशत लिवर खराब हो गया। आज मैं जीवित हूं तो सिर्फ 25 प्रतिशत लिवर के साथ। उसका इलाज करवाया और एक बार फिर मैं कह रहा हूं कि उसकी वजह से मैं आपके सामने खड़ा हूं। यह तभी संभव हो पाता है, जब समय पर अपनी जांच करवाई जाए। डाइबिटीज और हेपेटाइटिस बीमारी का सही समय पर पता नहीं चल जाए तो आप किसी भी मुश्किल में पड़ सकते हैं।

अभी थोड़ी देर पहले मेरे भाई और मेरे मित्र अनिल जी से पता चली कि जब भी व्यवसाय की बात आती है तो आमतौर पर अस्पताल के मैनेजमेंट से पूछा जाता है कि कितने बेड खाली हैं? जबकि, अनिल पूछते हैं कि कितने बेड खाली हुए, यानी इलाज पाकर कितने लोग बाहर आए हैं। यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। इंदौर में इतना भव्य अस्पताल खोला गया है, मैं उम्मीद करता हूं कि आप इसका उपयोग करेंगे और स्वस्थ रहेंगे।