An IAS Helped a Disabled Person : होनहार दिव्यांग की मदद के लिए कलेक्टर उसके घर पहुंचे!

जानिए, कलेक्टर ने बिना हाथ वाले दिव्यांग के लिए क्या योजना बनाई!

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An IAS Helped a Disabled Person : होनहार दिव्यांग की मदद के लिए कलेक्टर उसके घर पहुंचे!

Mauganj : सामान्यतः यह माना जाता है कि जिले का कलेक्टर सरकारी फाइलों में उलझे रहने वाले एक बड़े अधिकारी का पद है, जिसे जिले से कोई आत्मीय लगाव नहीं होता। लेकिन, कई बार ये धारणा खंडित होते देर नहीं लगती। ऐसे कलेक्टर भी हैं, जिन्होंने अपने रोजमर्रा के काम से आगे बढ़कर परेशान लोगों की मदद की। मऊगंज के कलेक्टर अजय कुमार श्रीवास्तव को ऐसे ही अधिकारियों में गिना जा सकता है जिन्होंने बिना हाथों वाले एक दिव्यांग को जीवन में आगे बढ़ने के लिए हरसंभव मदद देने का फेसला किया। यहां तक कि उन्होंने जिले से जाने के बाद भी इस दिव्यांग को आगे बढ़ाने और पढ़ाई में मदद का भरोसा दिलाया। यह दिव्यांग यूपीएससी क्लियर करके कलेक्टर बनना चाहता है तो कलेक्टर ने उस पढ़ाई के लिए भी हर मदद का आश्वासन दिया।

सोमवार को कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट के घर पहुंचकर उसे पढ़ने के लिए लैपटॉप और यूपीएससी की तैयारी के लिए गाइड्स और किताबें भेंट की। कलेक्टर को जानकारी मिली थी, कि दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट बहुत ही होनहार छात्र है, लेकिन उसके दोनों हाथ नहीं है। उसने अपने पैरों की उंगलियों से लिख-पढ़कर 12वीं की कक्षा में 82% अंक प्राप्त किए थे। उसने कम्प्यूटर के साथ बीए की पढ़ाई की, लेकिन शासन से उसे कोई सहायता नहीं मिली।

ऐसे में कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने एक नवाचार करते हुए दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट के घर पहुंचे। जहां उन्होंने उसकी गरीबी और लाचारी को देखा। दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट कलेक्टर बनना चाहता है लेकिन उसके पास पढ़ने के लिए न तो किताबें हैं और न कोई संसाधन।

ऐसे में कलेक्टर ने दिव्यांग कृष्ण कुमार और उसके परिवार को आश्वस्त किया था कि वह जल्द ही इसकी पढ़ने की व्यवस्था एवं रोजगार की व्यवस्था करेंगे। 11 सितंबर को कलेक्टर अजय श्रीवास्तव लैपटॉप और गाइड्स एवं किताबों को लेकर कृष्ण कुमार केवट के घर जा पहुंचे और उसे लैपटॉप के साथ-साथ किताबें दी।

कलेक्टर ने कहा कि वे कृष्ण कुमार की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जल्द ही व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह जानकारी मिली कि एक दिव्यांग कुछ करना चाहता है, लेकिन उसके पास संसाधन नहीं है। इसके बाद इंदौर से हरमीत कौर का उन्हें फोन आया कि उन्हें आपत्ति न हो, तो वे दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट को लैपटॉप देकर मदद करना चाहती हैं। इस पर कलेक्टर ने उन्हें लैपटॉप देने की सहमति दी।

दो दिन पहले ही लैपटॉप कलेक्टर के पास आ गया था। कलेक्टर ने कहा कि कृष्ण कुमार केवट को आर्थिक सहयोग देने के लिए उसे कलेक्टर कार्यालय में कंप्यूटर का कार्य दिया जाएगा। उसके परिवार की माली हालत ठीक रहे, इसके लिए उन्होंने आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश किया कि समूह बनाकर ऋण देने की व्यवस्था करें।

कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि कृष्ण कुमार केवट कलेक्टर बने, यह मेरी इच्छा है मैं समय-समय पर कृष्ण कुमार केवट की मदद करता रहूंगा। कलेक्टर के इस सहयोग पर दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट के साथ साथ परिवार जनों ने एवं ग्राम वासियों ने उन्हें धन्यवाद दिया है।