
Art Camp Concludes: मूर्तिकारों ने बनाए वाद्य यंत्र, चरखा, चमरौधा और गमबूट
चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कल सांय बरसते पानी में आधा दर्जन मूर्तिकारों ने कलाकृतियों को अंतिम रूप देते हुए 18 सितंबर से प्रारंभ इस बीस दिवसीय कला शिविर की इतिश्री की।
बरसात में भीगी पीले पत्थर की औसतन 7 फुटी नवनिर्मित कलाकृतियां पूरे शबाब पर दमक रही थीं। शिविर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,झारखंड, उड़ीसा, गुजरात और मणिपुर से पधारे मूर्तिकारों और राजस्थान के स्टोन कटर सहायकों ने एकजुट होकर कलाकृतियों का माकूल सृजन किया।

वाद्य यंत्रों में छत्तीसगढ़ से मूर्तिकार डॉ उमेश कुमार नेताम ने प्रमोद के सहयोग से ‘तोड़ी’ वाद्य, गोवर्धन मंडल ने सोनू के सहयोग से ‘गिटार’, मध्य प्रदेश के रंजीत कुमार ने मनोज के सहयोग से वाद्य यंत्र ‘चिकारा’ बनाया। रांची के धर्मजय कुमार ने अपने सहयोगी के साथ ‘चरखा’ बनाया, गुजरात के शत्रुघन कुमार सिंह ने अपने सहयोगी राजेंद्र के साथ मिलकर पत्थर का ‘चमरौधा’ अर्थात जूती जोड़ा और मणिपुर के मूर्तिकार जैनिसन ने सहयोगी रती राम के साथ वृहद् आकार वाला वर्षा में भीगता ‘गमबूट’ तैयार किया।





