ज्योतिरादित्य के सामने बराबर के योद्धा साबित होंगे अरुण यादव…

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ज्योतिरादित्य के सामने बराबर के योद्धा साबित होंगे अरुण यादव…

गुना लोकसभा सीट‌ पर भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने मैदान में आकर ताल ठोकने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण सुभाष यादव तैयार हैं। यदि कांग्रेस चुनाव समिति गुना से अरुण यादव का नाम तय करती है, तब एक बार फिर गुना लोकसभा सीट‌ चर्चित सीटों में शामिल हो जाएगी। अरुण यादव अभी तक कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जिनके चेहरे पर अभी तक दलबदल के भाव नहीं पढ़े जा सके हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में वह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी चुनौती दे चुके हैं। हालांकि शिवराज अजेय चेहरा रहे हैं। पर जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को केपी यादव ने मात देकर सबको चौंका दिया था। ऐसे में अरुण यादव का मनोबल सिंधिया के खिलाफ ऊंचा रहेगा, भले ही पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर केपी यादव से हार का स्वाद चख चुके ज्योतिरादित्य इस चुनाव में भाजपा से खड़े होकर अरुण यादव पर भारी पड़ जाएं।

अरुण सुभाषचन्द्र यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं 14वीं और 15वीं लोक सभा के सदस्य थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और 13 जनवरी 2014 से 1 मई 2018 तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। 15 जनवरी 1974 को जन्मे अरुण यादव अभी युवा राजनेता हैं और पिछड़ा वर्ग के सर्वमान्य चेहरा भी हैं। अरुण यादव दिग्गज कांग्रेस नेता रहे सुभाष यादव और दमियंती यादव के बड़े पुत्र हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डेली कालेज इंदौर से और स्नातक शिक्षा (बैचलर ऑफ कॉमर्स) एस. एस.सुबद्ध जैन कॉमर्स कॉलेज जयपुरराजस्थान से की है। वह केंद्रीय राज्य मंत्री, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम और केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का दायित्व निर्वहन कर चुके हैं। 11 मार्च 2024 को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रस्तावित है। इसमें प्रदेश की कुछ सीटों के प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसमें गुना से अरुण यादव का नाम भी शामिल हो सकता है। गुना से भाजपा ने केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि गुना संसदीय क्षेत्र में यादव मतदाता कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रभावी भूमिका में हैं। विधानसभा चुनाव के समय गुना और शिवपुरी के यादव समाज से जुड़े नेताओं को अरुण यादव ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी। इनमें बैजनाथ यादव और राव यादवेंद्र सिंह यादव शामिल थे। दोनों को पार्टी ने विधानसभा चुनाव भी लड़ाया था। ऐसे में गुना में अरुण यादव का स्वागत करने के लिए एक टीम पहले से तैयार है।

सुंदर कांड में हनुमान और मेघनाद युद्ध का एक वर्णन है। जिसमें दोनों योद्धा बराबर की टक्कर के थे। हालांकि लोकतंत्र के इन नेताओं की त्रेतायुग के उन योद्धाओं से कोई तुलना नहीं है। पर चौपाई यह हैं कि ‘तिन्हहि निपाति ताहि सन बाजा। भिरे जुगल मानहुँ गजराजा॥मुठिका मारि चढ़ा तरु जाई। ताहि एक छन मुरुछा आई॥ यानि मेघनाद के संग आए योद्धाओं को मारकर हनुमान जी फिर मेघनाद से लड़ने लगे। लड़ते हुए वे ऐसे मालूम होते थे मानो दो गजराज यानि श्रेष्ठ हाथी भिड़ गए हों। हनुमानजी उसे एक घूँसा मारकर वृक्ष पर जा चढ़े। उसको क्षणभर के लिए मूर्च्छा आ गई। तो गुना लोकसभा सीट‌ पर कांग्रेस से अरुण यादव को टिकट मिलने पर वह और ज्योतिरादित्य सिंधिया बराबर के योद्धा साबित होंगे। भले ही फिर जीत-हार किसी की भी हो, पर यह मैच तो रोमांचक रहेगा…।