अगर आप अपने लाइफस्टाइल (Lifestyle) और स्लीप स्केड्यूल (Sleep Schedule) में बदलाव नहीं करेंगे, तो आपका किसी बीमारी से ग्रस्त होना तय है। आजकल के समय में नींद पूरी नहीं होना लोगों के बीच बहुत ही आम समस्या बन गई है। इन दिनों ये समस्या युवाओं के बीच सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। नींद पूरी नहीं होने की वजह से वह बहुत चिड़चिड़े, गुस्से वाले, प्रोडक्टिविटी में कम, भूख नहीं लगना और इस तरह की कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बहुत सी स्टडीज में ऐसा कहा गया है कि युवाओं को बेहतर हेल्थ के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे (Tips For Better Sleep) की नींद लेनी चाहिए। अगर कोई इंसान ऐसा नहीं करता है, तो इससे उनके शरीर पर कई तरह के नुकसानदायक प्रभाव पड़ते हैं। आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में लोग औसतन 6 घंटे की नींद भी नहीं ही ले पाते हैं, जो अपने आप में बीमारियों का घर है। आइये अब हम जानेंगे वो कौन सी समस्याएं हैं, जो नींद पूरी ना होने (Sleep Loss Effects On Health) के कारण हमे घेर लेती हैं।
वजन बढ़ने की समस्या (weight gain problem)
वजन बढ़ने की समस्या लड़के और लड़कियों, दोनों को ही बहुत परेशान करती है। अगर आप 6 घंटे से कम सोते हैं, तो इसकी वजह से आप वजन बढ़ने के कारण मोटापे और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। कम नींद की वजह से इंसान के शरीर में कोर्टिसोल (cortisol), घ्रेलिन (ghrelin), लेप्टिन (leptin) का लेवल बढ़ जाता है, जो भूख को काबू में रखते हैं। जब ऐसा होता है, तो आपको भूख ज्यादा लगती है और आपकी खुराक भी बढ़ जाती है। इन सबकी वजह से आप मोटापे और डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं।
भूलने लगते हैं बातें (memory effect)
जब आप नींद पूरी नहीं करते हैं, तो आपका दिमाग आराम नहीं कर पाता है। नींद की कमी की वजह से इंसान के दिमाग पर बहुत गहरा असर देखने को मिलता है क्योंकि नींद की कमी की वजह से सूजन पैदा करने वाले हानिकारक प्रोटीन को शरीर से बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पाता। इसकी वजह से इंसान की याद्दाश्त कमजोर होने लगती है। इसकी वजह से व्यक्ति डिमेंशिया (dementia) और अल्जाइमर (Alzheimer) जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकता है।
इम्युनिटी बिगड़ जाती है (poor immunity)
नींद पूरी न होने से हानिकारक कीटाणुओं और इंफेक्शन से लड़ने की शरीर की क्षमता पर भी बहुत असर पड़ता है। लोगों को जितनी नींद मिलती है, उसका सीधा असर इस बात पर होता है कि उनका इम्यून सिस्टम आखिर कैसे काम करता है, इंसान किसी भी हानिकारक कीटाणुओं और इंफेक्शन से कैसे लड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि साइटोकिन्स (cytokines) न केवल कीटाणुओं से लड़ते हैं बल्कि अच्छी आरामदायक नींद में भी मदद करते हैं।
कैंसर होने का खतरा (cancer risk)
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि अगर आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो आपको कैंसर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।स्टडीज कि मानें तो नींद में कमी की वजह से कोलन (colon), ओवरी (ovary), ब्रेस्ट (breast) और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है। इसके अलावा 2010 की एक स्टडी में यह भी पता चला कि 6 घंटे से कम समय की नींद बॉवेल कैंसर (bowel cancer) के जोखिम को 50 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
हृदय रोग का खतरा (risk of heart disease)
अगर आप रात में 6 घंटे से कम सोने की समस्या से हाइपरटेंशन (hypertension), हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) और लंबे समय तक दिल का दौरा (heart attack) और हार्ट स्ट्रोक (Heart Stroke) का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी में ये सामने आया है कि नींद रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) की मरम्मत और उन्हें ठीक करने में मदद करती है। इस दौरान आपके हृदय को भी थोड़ा आराम करने का वक्त मिल जाता है।