Ban on Firecrackers : दिल्ली में पटाखों पर बैन, 175 कारोबारियों पर असर पड़ा, 10 हजार लोगों से काम छिना!

कई कारोबारियों का पुश्तैनी काम बंद, जिनके पास स्टॉक वे कहां ले जाएं!

44

Ban on Firecrackers : दिल्ली में पटाखों पर बैन, 175 कारोबारियों पर असर पड़ा, 10 हजार लोगों से काम छिना!

New Delhi : सरकार ने दिल्ली में फिर पटाखों पर बैन लगाकर कारोबारियों की नींद उड़ा दी। पर्यावरण के मद्देनजर सरकार ने इस साल पटाखे बेचने और चलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी। इससे उनमें रोष है। आरोप है कि पटाखों पर लगातार लग रहे बैन की वजह से कई कारोबारियों का लाखों का नुकसान हुआ, जिससे उन्होंने कारोबार ही बदल लिया। बैन की एडवाइजरी आते ही पुलिस पटाखों की दुकान को खाली करने का फरमान देने लगी।

दिल्ली फायर वर्क्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक सदस्य के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 175 कारोबारियों के पास पटाखे बेचने का लाइसेंस है। कारोबारी हर साल दिवाली के सीजन का इंतजार करते हैं। लेकिन, कुछ सालों से पर्यावरण के मद्देनजर पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया जाता है, जिससे कारोबारियों को लाखों का नुकसान होता है। वे बताते हैं कि वह करीब 25 साल से पटाखे का कारोबार करते आ रहे हैं, लेकिन जो समस्या अब इस कारोबार में आई है, वह पहले नहीं थी। बैन के चलते दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने कारोबार छोड़ दिया है। उनका कारोबार कई पीढ़ियों से चला आ रहा था।

अब कहां ले जाएं पटाखे, दुकानें खाली करना होगी

करीब 35 साल से पटाखे का कारोबार कर रहे एक व्यापारी का कहना है कि बैन के चलते पटाखों की कालाबाजारी होने लगती है। बैन की जानकारी मिलते ही उन्होंने पटाखे का कारोबार बंद करके डेकोरेशन का कारोबार शुरू कर दिया। कारोबारी ने बताया कि पुलिस ने अभी से मौखिक तौर पर पटाखे की दुकान खाली करने का फरमान दे दिया है। ऐसे में दुकान में रखे पटाखों को कहां ले जाएं यही समझ नहीं आता।

10 हजार लोग हो गए बेरोज़गार

करीब 6 साल पहले दिवाली के मौके पर दिल्ली पुलिस की ओर से करीब 10 हजार लोगों को अस्थाई तौर पर पटाखे बेचने का लाइसेंस दिया जाता था, जो 10 से 15 दिन तक दुकान लगाते थे। कारोबारी बताते हैं कि पटाखे पर बैन लगने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से दिल्ली पुलिस ने ऐसे करीब 10 हजार लोगों को अस्थाई तौर लाइसेंस देना बंद कर दिया। जिससे ये लोग बेरोजगार हो गए। पीईएसओ यानी भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन की ओर से पटाखे बेचने का लाइसेंस मिलता है, जिसका लगभग पांच साल पर रिन्यूअल होता है। इसकी हर साल की फीस करीब 300 रुपये है।

25 साल पुराना कारोबार छीन गया

रोहिणी के रहने वाले अमित गुप्ता बताते हैं कि वह करीब 25 साल से पटाखे का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन बीते कुछ सालों से बैन के कारण इस कारोबार को लाखों का नुकसान हुआ है। इससे परेशान होकर उन्होंने पटाखे का कारोबार बदल दिया। अब नया कारोबार खिलौने का किया है। लेकिन इसका अनुभव न होने की वजह से यहां भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। अमित बताते हैं कि मैं केवल अकेला ऐसा कारोबारी नहीं हूं, जिसने पटाखे का कारोबार बदल दिया। ऐसे कई कारोबारी हैं, जिनके पास पटाखे का लाइसेंस तो है, लेकिन वह पटाखे का व्यापार नहीं करते।