ग्वालियर-चंबल का रण: केंद्रीय मंत्री तोमर, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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ग्वालियर-चंबल का रण: केंद्रीय मंत्री तोमर, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

भोपाल,विधानसभा चुनाव में इस बार ग्वालियर-चंबल संभाग में भी खासा रोचक मुकाबला माना जा रहा है। यहां पर कई नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। जिनमें सबसे बड़ा नाम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का है। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को लेकर आने वाले चुनाव परिणाम पर भी प्रदेश के हर सियासी जानकार की नजर है। कांग्रेस के भी कई बड़े नेता इस क्षेत्र से अपना भाग्य अजमा रहे हैं, कांग्रेस के कुछ नेताओं का राजनीतिक भविष्य चुनाव की जीत हार तय करेगी।

नरेंद्र सिंह तोमर- लंबे अरसे बाद नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा के चुनाव में मैदान में उतरे हैं। केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर के चुनाव परिणाम पर देश भर के राजनीतिक दलों की नजर लगी हुई है। उनका प्रदेश भाजपा की राजनीति में भी खासा दखल है। उनके मुकाबला कांग्रेस विधायक रवींद्र सिंह तोमर और बसपा के पूर्व विधायक बलवीर दंडौतिया से है। उनकी सीट पर 69.79 प्रतिशत मतदान हुआ है।

नरोत्तम मिश्रा- गृह मंत्री मिश्रा दतिया विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। अपनी बेबाक अंदाज के कारण उनकी प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अलग ही छवि है। विपक्ष पर आक्रमक बयान देने के चलते वे देश भर में जाने जाते हैं। वे प्रदेश सरकार में ताकतवार मंत्रियों में शुमार रहे हैं। कांग्रेस भी उन्हें उन्हें ताकतवर नेता के रूप में मानती है। उनका मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र भारती से है। उनके क्षेत्र में 79.40 प्रतिशत मतदान हुआ है।

लाल सिंह आर्य- गोहद सीट से भाजपा उम्मीदवार आर्य अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। वे पिछला चुनाव हार गए थे, पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा की कमान होने के कारण उनका कद प्रदेश के साथ ही देश की राजनीति में बढ़ा है। ऐसे में चुनाव में उनके लिए आने वाले परिणाम खासे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। प्रदेश भर की नजर उनके चुनाव परिणाम पर है। उनकी सीट पर मतदान का प्रतिशत कम माना जा रहा है। गोहद में 61.52 प्रतिशत मतदात हुआ है।

माया सिंह- ग्वालियर पूर्व से माया सिंह का मुकाबला विधायक सतीश सिकरवार से है। माया सिंह पूर्व में मध्य प्रदेश की मंत्री रह चुकी है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के भाई ध्यानेंद्र सिंह की पत्नी माया सिंह हैं। इसलिए यह पूरा क्षेत्र उन्हें मामी के नाम से भी जानता है। इस सीट पर मतदान बहुत कम हुआ है। यहां पर 57.94 प्रतिशत ही मतदान हुआ है। सिंधिया परिवार से जुड़ी होने के साथ ही भाजपा में विभिन्न पदों पर रही रहने के कारण इस सीट के परिणाम को लेकर प्रदेश भर में रूचि है।

इमरती देवी- ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई इमरती देवी भाजपा में आकर दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। उप चुनाव में वे डबरा सीट से हार गई थी, अब फिर से भाजपा ने उन्हें उसी सीट से चुनाव में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के विधायक सुरेश राजे से हैं। इस क्षेत्र में 72.37 प्रतिशत मतदान हुआ है।

डॉ. गोविंद सिंह – लहार विधानसभा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे डॉ. गोविंद सिंह 15 वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्हें हराने के लिए हर बार भाजपा पूरी ताकत लगाती है, लेकिन डॉ. सिंह का किला वह गिराने में सफल नहीं हो सकी है। इस बार यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां पर भाजपा के अलावा बसपा भी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में हैं। यहां से बसपा से पूर्व विधायक रसाल सिंह और भाजपा से अमरीश शर्मा मैदान में हैं। यहां पर 67.24 प्रतिशत मतदान हुआ है।

रामनिवास रावत- कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में शुमार रहे रावत इस बार भी कांग्रेस के विजयपुर सीट से उम्मीदवार हैं। वे सिंधिया के समर्थक होने के बाद भी कांग्रेस छोड़कर नहीं गए। पिछला चुनाव में हार गए थे। वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें कांग्रेस में ताकतवर नेता के रूप में देखा जाता रहा है। उनका मुकाबला भाजपा के बाबूलाल मेवारा के साथ हैं।

केपी सिंह कक्काजू- कक्काजू को इस बार पिछोर की जगह पर शिवपुरी से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वे कांग्रेस के टिकट पर लगातार जीतने वालों विधायकों में शुमार हैं। इस बार उनकी सीट बदल दी गई है। इसलिए उन पर प्रदेश के राजनीतिक दलों के साथ ही ग्वालियर-चंबल के वोटर्स की भी नजर है। उनका मुकाबला भाजपा के देवेंद्र कुमार जैन से है। यहां पर 75.98 प्रतिशत मतदान हुआ है।

इनके अलावा इन पर भी टिकी है नजर
इन नेताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह और चाचौडा से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के चुनाव परिणाम को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। इसी तरह भांडेर से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया और भितरवार से कांग्रेस उम्मीदवार लाखन सिंह यादव को लेकर भी लोगों की नजर हैं। वहीं अटेर से भाजपा उम्मीदवार एंव मंत्री अरविंद भदौरिया और कांग्रेस उम्मीदवार हेमंत कटारे, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिकरवार, जजपाल सिंह जज्जी और बृजेंद्र सिंह यादव पर भी नजर बनी हुई है। आईपीएस अफसर रहे और पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह के चुनाव परिणाम पर भी लोगों की नजरें हैं।

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