Big Action By Administration: 17 शिक्षक सस्पेंड, 5 की सेवा समाप्त

नकल कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश - प्रशासन की बड़ी कार्यवाही

Big Action By Administration: 17 शिक्षक सस्पेंड, 5 की सेवा समाप्त

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट

खरगोन: जिले के दूरस्थ महाराष्ट्र की सीमावर्ती सिरवेल परीक्षा केन्द्र पर नकल कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश के बाद अब प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 22 शिक्षकों पर गाज गिराई है। केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष सहित 17 शिक्षकों को निलंबित किया है वहीं 5 अतिथि संविदा शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है।

कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा के निर्देश पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने आदेश जारी किये हैं। यह सम्भवत: मध्यप्रदेश में पहली बार नकल पर नकेल कसने को लेकर अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है।

दरअसल कलेक्टर वर्मा को सूचना मिली थी कि सिरवेल परीक्षा केन्द्र पर नकल कराई जाती है। 7 मार्च को कक्षा 10 वीं  के सामाजिक विज्ञान के पेपर के दौरान कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा के निर्देश पर एसडीएम ओमनारायण सिंह बड़कुल की अगुवाई में प्रशासन की सयुंक्त टीम ने नकल रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 9 लोगों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही की थी।

एसडीएम ओमनारायाण सिंह बड़कुल ने मीडिया को बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर सिरवेल परीक्षा केन्द्र पर कार्यवाही के दौरान नकल कराने वाले रैकेट को पकड़ा था। आज कलेक्टर के निर्देश पर परीक्षा केन्द्र अध्यक्ष और सहायक केंन्द्रध्यक्ष सहित 17 शिक्षकों को निलंबित किया गया वहीं 5 संविदा अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। सिरवेल में ठेका लेकर विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा पास कराने की चर्चा को लेकर एसडीएम का कहना था कि जाँच की जा रही है। परीक्षा अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में पुलिस ने 9 लोगों, जिसमें एक महाराष्ट्र का भी आरोपी है, पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस विवेचना के बाद ठोस कार्यवाही करेंगे।

 

एसडीएम ओमनारायण सिंह बड़कुल ने बताया कि कलेक्टर महोदय को सूचना थी और रात में ही टीम गठित कर ली गई थी। 7 मार्च सुबह सुबह हम मौके पर पहुंच गए थे। दूसरे रास्ते से वेश बदलकर हम लोग पहुंचे थे। सेंट्रल के पीछे ही एक स्थान पर बैठकर शिक्षक नकल सामग्री तैयार कर नकल करवा रहे थे। वहां जाने पर पता चला सहायक अध्यापक एक सुनसान मकान में नकल कराने की सामग्री तैयार करा रहा था। सुनसान मकान में जा पहुंचे तो वहां पर नकल कराने की सामग्री तैयार की जा रही थी और सुनियोजित तरीके से रैकेट काम कर रहा था। यह संभवतः प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही है। बताया जा रहा है कि ठेका पद्धति से सामूहिक नकल कराई जा रही थी। सुनसान स्थान पर बैठे शिक्षकों के पास से मोबाइल और मोबाइल में पेपर्स भी पाए गए। किताबें, कापियां और अन्य सामग्री भी पाई गई थी। जानकारी मिली है कि परीक्षा सेंटर का परिणाम 85 प्रतिशत था। आदिवासी बाहुल्य छोटे से स्कूल का परीक्षा परिणाम 85 प्रतिशत आने के बाद में पूर्व अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा के संज्ञान के बाद नकल कराकर पास कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।