भाजपा महिला नेत्री ने अवैध कॉलोनियों को वैध कराने में अपने वार्ड को रोल मॉडल बताते हुए सहयोग के लिए दिया धन्यवाद

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*भाजपा महिला नेत्री ने अवैध कॉलोनियों को वैध कराने में अपने वार्ड को रोल मॉडल बताते हुए सहयोग के लिए दिया धन्यवाद*

 

*रतलाम।रतलाम की पूर्व पार्षद एवं महिला नेत्री सीमा टाक ने अवैध कॉलोनियों को वैध कराने का श्रेय लेते हुए अपने वार्ड को रोल मॉडल बताते हुए प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी अपने उद्बोधन में इस वार्ड को अवैध कॉलोनियों के विकास के लिए रोल मॉडल कहना बताया।

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सीमा टाक कहती हैं कि इसी वर्ष 28-जनवरी को समाचार पत्रों में शहर की विकसित की जाने वाली अवैध कॉलोनियों की सूची एक बार फिर प्रकाशित हुई हैं।रहवासियों को बडी आशा हैं कि अब तो विकास होगा ही।

विकास की यह यात्रा नयागांव (राजगढ़) से प्रारंभ हुई है। इस यात्रा को मंजिल तक ले जाने के प्रयास में लगे सभी सम्मानित जनों का हृदय से आभार।

वर्ष 2009 में प्रथम बार पार्षद निर्वाचित होने के समय मेरे वार्डक्षेत्र में सभी अवैध और अविकसित कॉलोनियां थी मूलभूत सुविधाओं का पूर्णतः अभाव था।सर्वप्रथम सफाई और स्ट्रीट लाइट के लिए आग्रह किया उत्तर मिला अवैध/अविकसित कॉलोनियों में कोई कार्य सम्भव नही।कार्य कैसे हों पूछने पर सलाह में एकरूपता नहीं थी।

 

इसी बीच वर्ष 2010 का ग्रीष्मकाल आ गया।हैंडपंप और नलकूप सूखने लगे जिससे वार्ड में पानी की मारामारी शुरू हो गई। मेरे आग्रह पर तत्कालीन महापौर महोदय और जल प्रभारी महोदय के सहयोग से टैंकर्स से पानी उपलब्ध कराया गया, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं था इसलिए एक योजना बनाकर टीम के साथ प्रशासन के निर्देशन में जनभागीदारी के माध्यम से सज्जन मिल तालाब का गहरीकरण भूजल स्तर में वृद्धि के लिए किया गया।सज्जन मिल तालाब गहरीकरण कार्य के लिए 15 अगस्त के समारोह में मुझे जिला स्तर पर सम्मानित किया गया।

इन कॉलोनियो के विकास के लिए वार्ड के सहयोगियों की सलाह पर निगम अधिनियम का अध्ययन करना प्रारंभ किया।जब धारा 66 पर पहुंचे तो निगम दायित्व के अनिवार्य कार्य मिल गए और वार्ड में सफाई और स्ट्रीट लाइट के कार्य होने लग गए। आगे बढ़े तो धारा 292 के प्रावधानों के साथ कॉलोनी विकास नियम 1998 मिल गए। इन नियमों के अन्तर्गत अवैध/अविकसित कॉलोनियों के विकास के प्रस्ताव बनाकर 4 अगस्त 2010 को नगर निगम रतलाम में मैंने प्रस्तुत कर दिए। एक वर्ष तक अधिकारीगण के साथ चर्चा और परिषद सम्मेलन में नियमों पर वाद विवाद होता रहा।अन्ततः तत्कालीन महापौर महोदय शैलेन्द्र डागा के साथ नियमों पर विस्तार से चर्चा हुई और महापौर डागा ने अवैध कॉलोनियों के लेआउट और एस्टिमेट बनवाएं। रहवासियों से विकास शुल्क लेकर जमा राशि से विकास कार्य प्रारंभ हो गए। वर्ष 1990 के पूर्व की 2 अविकसित कॉलोनी के बंधक भूखंडों की नीलामी की प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई। वर्ष 2013 में चैतन्य काश्यप विधायक निर्वाचित हुए उनका लक्ष्य रतलाम के सर्वांगीण विकास का हैं।उनके समक्ष भी मैंने नियमों के साथ अवैध/अविकसित कॉलोनियो का विषय विस्तार से रखा। विधायक काश्यप ने इन कॉलोनियों के विकास के लिए प्रदेश शासन से चार करोड़ रुपए स्वीकृत करवाए।इस राशि से कार्य प्रारंभ भी हो गए लेकिन उच्च न्यायालय की रोक के चलते कार्य रुक गए जो अब कॉलोनी विकास नियम 2021 के अंतर्गत करवाने के प्रयास प्रगति पर हैं।

इसी कारण आज हमारा रतलाम शहर प्रदेश में विकास मॉडल हैं। इसके मूल में हमारा राजगढ़ वार्ड हैं।यहां के रहवासियों ने 2 करोड़ रुपए से अधिक राशि विकास शुल्क के रूप में नगर निगम रतलाम में जमा कराई जिससे क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के कार्य-सफाई,स्ट्रीट लाइट,सड़क, पेयजल पाइपलाइन आदि के कार्य संपन्न हुए।इसीलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में इस वार्ड को अवैध कॉलोनियों के विकास के लिए रोल मॉडल कहा हैं।इसके अतिरिक्त कॉलोनाइजरों की 1990 से पूर्व अनुमोदित दो कॉलोनियों के बंधक भूखण्ड नीलाम कर विकास कार्य भी करवाए गए।

वार्ड क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के विकास के लिए स्थानीय नागरिकों सम्मानीय शहर विधायक,तत्कालीन महापौर,तत्कालीन जल प्रदाय प्रभारी,नगर निगम रतलाम प्रशासन और वे सभी जिन्होंने इस कार्य मे मेरा मार्गदर्शन एवम सहयोग किया,सभी का हृदय से आभार।