रिश्वतखोर शिक्षक को अलग-अलग धाराओं में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास, अर्थ दंड भी

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रिश्वतखोर शिक्षक को अलग-अलग धाराओं में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास, अर्थ दंड भी

बड़वानी: लोकायुक्त इंदौर द्वारा दर्ज एक पुराने रिश्वत प्रकरण में न्यायालय से बड़ा फैसला सामने आया है। वेतन और एरियर भुगतान के एवज में रिश्वत मांगने के दोषी शासकीय शिक्षक को माननीय विशेष न्यायालय बड़वानी ने दोषसिद्ध कर सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

▪️वेतन एरियर के बदले मांगी थी रिश्वत

▫️अपराध क्रमांक 569/2015 के अनुसार आरोपी पुन्टा वार्डे, अध्यापक शासकीय हाई स्कूल गेरू घाटी संकुल, तहसील धवली जिला बड़वानी ने शिकायतकर्ता रमेश कोटे, सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय आश्रम पलिया खट्टी तहसील वरला जिला बड़वानी से वेतन एवं एरियर की राशि 45000 रुपये निकलवाने के बदले 4000 रुपये की अवैध मांग की थी।

▪️लोकायुक्त इंदौर में की गई शिकायत

▫️रिश्वत मांग से परेशान होकर शिकायतकर्ता ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का विधिवत सत्यापन किया गया, जो जांच में सही पाया गया।

▪️रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

▫️सत्यापन के बाद लोकायुक्त टीम ने 27 नवंबर 2015 को ट्रैप कार्रवाई की। इस दौरान आरोपी को 4000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

▪️न्यायालय का सख्त फैसला

▫️लगभग एक दशक तक चले न्यायिक परीक्षण के बाद माननीय विशेष न्यायाधीश, विशेष न्यायालय बड़वानी ने 26 दिसंबर 2025 को फैसला सुनाया। न्यायालय ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13(1) तथा 13(2) के तहत दोषी मानते हुए प्रत्येक धारा में चार-चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक धारा में 5000-5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

▪️भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश

▫️यह फैसला शासकीय सेवकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्ट आचरण किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोकायुक्त की प्रभावी जांच और न्यायालय के कठोर निर्णय से आमजन में कानून के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।