

Bride Came by Helicopter: हैलीकॉप्टर से लाए बहू, ताकि परिवार से अपनेपन और विश्वास का बने रिश्ता
छतरपुर: छतरपुर ज़िले के हरपालपुर के राजपूत परिवार ने अपनी बहू हिमांशी को बेटी के समान मानते हुए उसे हैलीकॉप्टर से घर लाने का अनूठा तरीका अपनाया। यह वाकया न केवल परिवार की सादगी और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि रिश्ते केवल रक्त के नहीं, बल्कि सम्मान, विश्वास और प्यार से बनते हैं।
मामला छतरपुर जिले में हुआ, जहां एक परिवार ने अपनी बहू को विदा करने के लिए पारंपरिक रीति-रिवाजों से हटकर कुछ खास करने का फैसला लिया। परिवार ने अपनी बहू को विदाई देने के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया, जिससे यह विदाई किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रही थी। जब परिवार ने अपनी बहू को विदाई दी, तो वह पल सचमुच भावुक और यादगार था।
जब बहू को विदा किया गया, तो उसका चेहरा खुशी और आंसुओं से भरा हुआ था, क्योंकि इस विदाई में एक विशेष भावना और स्नेह था। परिवार ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी बहू का स्वागत उतनी ही आदर और प्रेम के साथ हो, जितना कि वे अपनी बेटी का करते।
विदाई के इस खास मौके पर, परिवार ने अपनी बहू हिमांशी को हैलीकॉप्टर से घर वापस लाने का निर्णय लिया। यह एक अनोखा तरीका था, जिसे परिवार ने पूरे हर्षोल्लास के साथ अपनाया। हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल न केवल एक खास तरीके से विदाई देने के लिए किया गया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस परिवार के लिए रिश्ते कितने अहम हैं। यह पल सभी के लिए अविस्मरणीय था, क्योंकि उन्होंने इस दिन को न केवल पारिवारिक संस्कारों के रूप में मनाया, बल्कि इसे एक तरह से परिवार के स्नेह और रिश्ते के नए आयाम के रूप में देखा।
परिवार का मानना था कि बहू को केवल घर की सदस्य मानकर ही नहीं, बल्कि उसे सम्मान और प्यार देने से ही रिश्तों में मजबूती आती है। यह कदम पारिवारिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करता है और बच्चों के बीच स्नेह और समझदारी को बढ़ावा देता है।
इस अनोखी विदाई ने यह भी संदेश दिया कि हर परिवार की अपनी विशेषताएं होती हैं, और पारंपरिक रीति-रिवाजों को नए तरीके से अपनाया जा सकता है। इससे यह साबित हुआ कि सच्चे रिश्ते केवल समय और पारंपरिक संस्कारों पर निर्भर नहीं होते, बल्कि एक-दूसरे के प्रति सच्चे सम्मान और समझ पर आधारित होते हैं।