Building Collapsed, 2 Workers Injured : अवैध बेसमेंट के ऊपर बन रही बिल्डिंग गिरी, 2 मजदूर घायल!
Indore : शहर के पश्चिमी इलाके उषा नगर के मुख्य मार्ग पर निर्माणाधीन बिल्डिंग गिर गई। इस हादसे में तल मंजिल पर काम कर रहे 3 मजदूर मलबे में फंस गए। जिन्हें निकालने के लिए फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची। बिल्डिंग की दो छतों की स्लैब भर दी गई थी, जो गिरने के कारण झुक गई। एक मजदूर को मामूली चोट आई है,जबकि 3 मजदूर घायल हुए।
बताया गया कि कई शिकायतों के बाद भी अवैध बेसमेंट के ऊपर तल मंजिल का निर्माण किया गया था और पहली मंजिल की छत भरी जा रही थी। तभी अचानक वजन बढ़ने से छत भर भराकर गिर गई। आश्चर्य की बात यह कि मात्र 15 बाय 50 के प्लॉट पर ही अवैध रूप से बेसमेंट बना लिया था। इस अवैध निर्माण की शिकायत निगम आयुक्त तक को किए जाने के बावजूद किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बेसमेंट में फंसे मजदूरों पर ज्यादा मलबा नहीं गिरा, लेकिन सरियों के जाल के कारण वे जल्दी बाहर नहीं निकल पाए। जेसीबी से लोहे के जाल को एक तरफ हटाकर मजदूरों को बाहर निकाला गया। मलबा गिरने के कारण मजदूरों के कंधे, हाथ और सिर पर चोटें आईं हैं। एक मजदूर के हाथ में फ्रेक्चर हुआ। कुछ देर बाद पुलिसकर्मियों ने धराशायी बिल्डिंंग से मजदूरों को बाहर निकाल लिया। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया।
जानकारी अनुसार 206 उषा नगर में अवैध बेसमेंट के ऊपर भवन का निर्माण किया जा रहा है। यह बिल्डिंग भर-भराकर गिर गई। तकनीकी जानकारों के अनुसार ज्यादा वजन होने के कारण बिल्डिंग की तल मंजिल और प्रथम मंजिल की छत धंस गई। बताया जा रहा है कि इतनी कम जमीन पर किए गए बेसमेंट के निर्माण के कारण वजन सहन नहीं हो पाया और बिल्डिंग धंस गई।
झोन-15 के बीओ ने नहीं की कार्रवाई
15 बाय 50 के प्लॉट पर अवैध रूप से बेसमेंट बनाए जाने के खिलाफ लगातार रहवासियों की शिकायत होने पर भी झोन-15 के बीओ सुधीर गुलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस अवैध बेसमेंट के ऊपर यह भवन बनाया जा रहा था, जिसका वजन सहन नहीं होने के कारण यह हादसा हो गया।
शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
मात्र 750 स्क्वायर फीट के प्लॉट पर अवैध बेसमेंट निर्माण किए जाने की शिकायत जनहित में निगम कमिश्नर और अपर आयुक्त को भी की गई थी। लेकिन, अवैध बेसमेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हादसे के बाद अवैध बेसमेंट के ऊपर हो रहे निर्माण के संबंध में निगम का पक्ष जानने के लिए जब निगम आयुक्त हर्षिका सिंह, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, निगम के झोन 15 के बीओ सुधीर गुलवे को फोन लगाया तो किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया।
जल्दबाजी बिल्डिंग गिरने की वजह
बिल्डिंग की छतों को भरने में की गई जल्दबाजी बिल्डिंग के गिरने की वजह बनी। छोटे से प्लाॅट पर तल मंजिल का निर्माण किया गया था और दीवार के निर्माण के बजाए अेापन छत भरी जा रही थी। इस कारण पिलर वजन नहीं झेल पाए और सोमवार दोपहर दूसरी मंजिल की छत भरभराकर गिर पड़ी। आसपास के लोगों का कहना है कि 8 दिन के भीतर ही दो फ्लोर की छतों की स्लैब भर दी गई। जबकि, एक छत को खोेलने में 21 दिन का समय लगता है।