Caste Census : दर्जी के रूप में दर्ज होने से बचे श्रीवास्तव और लाला

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Caste Census : दर्जी के रूप में दर्ज होने से बचे श्रीवास्तवऔर लाला

बिहार में श्रीवास्तव और लाला एक अलग तरह की घटना के शिकार होते होते बच गए। दरअसल बिहार में हाल ही में हुई जाति जनगणना (Caste Census) में लाला, लाल और श्रीवास्तव को दर्जी का दर्जा प्रदान कर दिया गया था।
जाति जनगणना में कर्मियों को जातियों के कोड वितरण के बाद श्रीवास्तव, लाला और लाल दर्जी के उपनाम के रूप में दर्ज कर दिया गया था। इसके बाद बिहार सरकार सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगी। कायस्थ समाज के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया।

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बिहार सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और फौरन संशोधन करवाया। अब श्रीवास्तव, लाला और लाल कायस्थ जाति में रहेंगे। उनका कोड 21 नंबर होगा।

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कायस्थ जाति का न सिर्फ बिहार वरन देश के निर्माण में बड़ा योगदान रहा है।कायस्थों में 12 उप-जातियां हैं। ‘श्रीवास्तव’ कायस्थों की एक उप-जाति है। उत्तर प्रदेश एमपी और बिहार में इस उप-जाति के कायस्थ सबसे ज्यादा संख्या में हैं। इसके अलावा कायस्थों को ‘लाला’ भी कहा जाता है। लाला का अर्थ हिसाब-किताब संभालने वाले के रूप में लगाया जाता है। कहीं-कहीं कायस्थों के लिए यह प्रमुख टाइटल भी है। इसी तरह ‘लाल’ भी टाइटल है।

दरअसल, जनगणना कर्मियों को जातियों का कोड विवरण जारी किए जाने के बाद सामने आया था। जारी कोड में एक तो कायस्थ जाति के लिए जारी किया गया थ, लेकिन दूसरी जगह एक कोड के तहत हिंदू धर्म के दर्जी के उपनाम के रूप में श्रीवास्तव/ लाला/ लाल/ दर्जी प्रकाशित कर जनगणना कर्मियों को दिया गया था।

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