Chandipura Virus Infection: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप , 5 दिन में 6 बच्चों की मौत, जानें क्या है यह बीमारी और इसके लक्षण,मच्छरों से बचें !
बच्चों में जानलेवा चांदीपुरा वायरस तेजी से फैल रहा है। गुजरात में इस वायरस से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। डॉक्टर से जानिए कितना खतरनाक है ये चांदीपुरा वायरस? क्या हैं लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है?
इन दिनों गुजरात और राजस्थान में एक जानलेवा वायरस तेजी से फैल रहा है। बच्चों में फैल रहे इस संक्रमण को लेकर लोगों के मन में खौफ बैठ गया है। इस नए वायरल संक्रमण का नाम है चांदीपुरा वायरस, जो बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले कुछ दिनों में गुजरात के अरावली और साबरकांठा जिले में इस वायरस से संक्रमित बच्चों मामले सामने आए हैं। जिसमें कई बच्चों की मौत हो चुकी है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण फ्लू से काफी मिलते जुलते हैं जिसकी वजह से लोग इस बुखार को नजरअंदाज कर बैठते हैं. गुजरात के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चांदीपुरा वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क जरूर रहने की जरूतर है. वैसे बता दें कि चांदीपुरा वायरस का सबसे पहला मामला गुजरात में नहीं बल्कि सालों पहले महाराष्ट्र में सामने आया था. हालांकि, इसका नाम ‘चांदीपुरा वायरस’ है.
चांदीपुरा वायरस का नाम चांदीपुरा इसलिए पड़ा क्योंकि इसका सबसे पहली बार आउटब्रेक साल 1964-65 में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में हुआ था. यह उस एक ही जगह में आइसोलेट वायरस था. फ्लू और जापानीज इंसेफेलाइटिस के संयुक्त लक्षणों वाला यह वायरस बच्चों को संक्रमित करता है
चांदीपुरा वायरस एक दुर्लभ और खतरनाक पैथोजन है जो बुखार, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ ही एक्यूट एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन) का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से मच्छरों, टिक्स और सेंडफ्लाई के जरिए फैलता है।
इससे शुरुआत के पहले 24 घंटों के अंदर ही न्यूरोलॉजिक समस्याएं और संभावित रूप से घातक ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस हो सकता है। इस बीमारी के गंभीर मामलों में मृत्यु दर 56% से 75% तक दिखाई दी है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
चांदीपुरा वायरस बीमारी की शुरुआत अक्सर तेज बुखार के साथ होती है। इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति को बुखार के बाद दौर पड़ना, दस्त और उल्टी जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। ऐसे में इस बारे में अगर जागरूकता कम हो, तो यह मौत का कारण बन सकती है।
चांदीपुरा वायरस का इलाज
इस खतरनाक वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन अगर समय रहते इस बीमारी का पता लगा लिया जाए, तो हॉस्पिटल में एडमिड करने के साथ ही अन्य लक्षणों से राहत दिलाने के लिए सही इलाज किया जा सकता है।
कैसे करें बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले मच्छरों से बचना जरूरी है। मच्छर न सिर्फ चांदीपुरा वायरस, बल्कि अन्य कई गंभीर बीमारियों की भी वजह बन सकता है। ऐसे में अपने घर के आसपास सफाई रख और मच्छरों के काटने से अपना और बच्चों का बचाव करना जरूरी है।
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