Change in Act : Drug कम हो, तो जेल न भेजें,जेल के बजाए Rehabilitation Center भेजा जाए
New Delhi : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) में बदलाव करना चाहता है।
मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार Drug की कम मात्रा की बरामदगी और व्यक्तिगत उपभोग को गैर-आपराधिक बनाया जा सकता है। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) पर चल रहे Drug केस को लेकर NDPS Act और इसके प्रावधानों पर चर्चा के बीच इसे प्रासंगिक माना जा रहा है।
Ministry of Social Justice and Empowerment की सिफारिशों को राजस्व विभाग को भेजा गया है, जो एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के लिए नोडल एजेंसी है। विभाग ने कई मंत्रालयों से कानून में बदलाव को लेकर सलाह मांगी थी। आर्यन खान (Aryan Khan) पर इस कानून की धाराएं लगी हैं और उनकी जमानत याचिका को एनडीपीएस कोर्ट ने खारिज कर दिया।
आर्यन पर अधिनियम की धारा 27 लगाई गई है, जिसमें किसी भी मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20 हज़ार रुपए तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। यह Act ड्रग्स के आदी या इसके पहली बार इस्तेमाल करने वाले में कोई फर्क नहीं करता।
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इस सजा से कोई छूट का लाभ तभी उठा सकता है, जब वह खुद रीहबिलटैशन (Rehabilitation) के लिए पहल करे। इसके अलावा एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत राहत या छूट का कोई प्रावधान नहीं है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) की सलाह है कि जिनके पास कम मात्रा में ड्रग्स मिले, उन्हें जेल की सजा की जगह Rehabilitation Center भेजा जाए।