Indore : दो लोगोंं को गूगल पर नंबर सर्च करना महंगा पड़ गया। गूगल पर जो नंबर मिला उस पर कॉल करने के बाद जालसाजों ने उन्हें बातों में उलझाया और खाते व क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी लेकर हजारों रुपए की चपत लगा दी। दोनों ही मामले लसूड़िया थाने में सामने आए, जिसमें जांच के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के केस दर्ज किए।
पुलिस के अनुसार पहले मामले में अल्केश पिता कैलाश निवासी संत रविदास नगर दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह पेशे से ड्राइवर है। कुछ दिन पहले उसमें एसबीआई का नया क्रेडिट कार्ड बनवाया था। क्रेडिट कार्ड की डिलीवरी उसके घर पर ही होनी थी। लेकिन, तय समय तक जब कार्ड उसे नहीं मिला तो उसने क्रेडिट कार्ड डिलीवरी करने वाले का नंबर गूगल पर सर्च किया। गूगल से नंबर निकालकर उसने फोन किया तो सामने वाले ने अपना नाम दीपक शर्मा बताया।
अल्केश ने उससे कहा कि उसने SBI का नया क्रेडिट कार्ड बनवाया था, जो उसे अभी तक नहीं मिला है। इस पर जालसाजों ने उससे मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करवाया। आरोपी ने उससे कहा कि यहां पर वह अपना नाम, पता और पुराने क्रेडिट कार्ड की जानकारी भर दे और पांच रुपए का भुगतान कर एंट्री कर दे। आरोपी के कहने पर अल्केश ने पूरी जानकारी दे दी। इसके बाद आरोपी ने उससे कहा कि आपका क्रेडिट कार्ड रोहित शर्मा डिलीवरी करने आएगा।
आरोपी के फोन रखते ही अल्केश के मोबाइल पर ओटीपी आया, जिसे उसने किसी के साथ शेयर नहीं किया लेकिन इसके बाद भी उसके अकाउंट से दो बार में 15-15 हजार कर 30 हजार रुपये निकाल लिए गए। इसके बाद वह अपने साथ हुई ठगी की शिकायत करने क्राइम ब्रांच पहुंचा। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
फर्जी मैसेज के झांसे में हजारों गंवाए
दूसरे मामले में एक सुरक्षाकर्मी फर्जी मैसेज के झांसे में आकर हजारों रुपए गंवा बैठा। दरअसल उसे क्रेडिट कार्ड बनाने और उसकी लिमिट 5 लाख रुपए करने का मैसेज आया था। सुरक्षाकर्मी ने गूगल से मैसेज की सच्चाई का पता लगाने के लिए फोन नंबर ढूंढ़ा। यहां फोन लगाते ही उसके खाते से हजारों रुपए उड़ गए। लसूड़िया पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया।
पुलिस के मुताबिक शंभू पुत्र किशोर शर्मा की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बजाज फाइनेंस के नाम से फर्जी मैसेज भेजकर क्रेडिट कार्ड में पांच लाख की लिमिट देने के नाम पर धोखाधड़ी की थी। पुलिस मामले में मोबाइल नंबर के आधार पर जांच कर रही है। शंभू को अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए पैसों की जरुरत थी। साथ ही स्कूल खुलने के बाद एक बेटी और बेटे की स्कूल फीस भी जमा करना थी।
शंभू इन सबके के लिए पैसों के इंतजाम में लगा था। इस बीच शंभू के मोबाइल पर बजाज फाइनेंस के नाम से किसी ने क्रेडिट कार्ड बढ़ाने का मैसेज भेजा। शंभू ने इसकी सच्चाई जानने के लिए गूगल पर बजाज फाइनेंस का कॉल सेंटर नंबर ढूंढ़ा। उन्हें यहां से फर्जी नंबर मिला। शंभू ने इसे ही असली समझकर फोन लगा दिया। कस्टमर केयर ने शंभू से पहले से इस्तेमाल कर रहे क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगी।
शंभू ने बताया कि वह SBI कार्ड इस्तेमाल करते हैं। तब बदमाशों ने कहा कि हम इसी कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख कर देते हैं। आप अपना क्रेडिट कार्ड का नंबर बता दो। जैसे ही शंभू ने क्रेडिट कार्ड का नंबर बताया तो बदमाशों ने उनके ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी भेजा। ये ओटीपी पूछकर उन्होंने तीन बार में 36 हजार रुपए निकाल लिए। जैसे ही शंभू के अकाउंट से पैसे निकले उन्होंने कॉल सेंटर पर दोबारा फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद शंभू ने लसूड़िया थाने और साइबर से शिकायत की। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद थर्ड पार्टी पेमेंट गेट-वे से बात करके 16 हजार रुपए वापस करा दिए। गार्ड ने अपना क्रेडिट कार्ड भी ब्लॉक करवा दिया