बच्चों का सवाल: देश में दूध की दुकानें कम और शराब की दुकानें ज्यादा क्यों?

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बच्चों का सवाल: देश में दूध की दुकानें कम और शराब की दुकानें ज्यादा क्यों?

बच्चों का सवाल: देश में
दूध की दुकानें कम और शराब की दुकानें ज्यादा क्यों?

अशोक मेहता की विशेष रिपोर्ट

बच्चा पूछता है मम्मी मैं दूध पीयू या शराब । मम्मी आश्चर्य से ऐसा क्यों पूछ रहे हो? बेटा दूध पीना अच्छी बात है, शराब पीना बहुत बुरी बात है, यह जहर है। पर मम्मी हमारे यहां तो दूध की दुकान कम और शराब की दुकाने ज्यादा है। यदि शराब बुरी है तो इन की दुकानें क्यों खुली है। सरकार इनको क्यों नहीं बंद कराती है। बच्चे का यह प्रश्न- रात को दूध की दुकान इक्का-दुक्का मिलेगी पर शराब की दुकान हर जगह खुली मिलेगी।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक सरकार जानती है कि शराब पीना गलत है फिर भी सरकार ने शराब बेचने की बनाने की अनुमतियां दे रखी है। इसका मूल कारण सरकार को शराब से अथाह कमाई होती है, सरकार क्यो नहीं सोचती कि उनकी कमाई के बदले कितने घर परिवार बर्बाद हो रहे हैं, जहरीली शराब से अनेक मर चुके हैं। सरकार ने महंगी विदेशी शराब और सस्ती देसी दारू को बनाने और बिक्री के लाइसेंस दे रखे है। चोरी छुपे शराब बनाने और बेचने वालों सरकार छापा मार उन्हे गिरफ्तार करेगी। सोचिए जो सरकार जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बनी है वहीं सरकार कुछ पैसों के लिए जहर को बनाने, बेचने और पिलाने की जगह की सरकारी नीतियां बनाती है। सरकारी विज्ञापनों में कहते है शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यदि है तो तुरंत शराब बनाने, बेचने और पिलाने पर क्यों न रोक लगना चाहिए।