Jait (Sehore) : समझा जाता है कि जो मुख्यमंत्री का गांव होता है, वो सारी सुविधाओं से सम्पन्न होता है। वहां किसी भी तरह की कोई परेशानी किसी रहवासी को नहीं होती। पर, ऐसा नहीं है। आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह सीहोर जिले के अपने गृह ग्राम जैत जाकर पानी की समस्या को लेकर जिस तरह गुस्सा हुए, उससे लग गया कि सरकारी विभागों के लिए सारे गांव एक जैसे हैं।
माजरा ये हुआ कि मुख्यमंत्री आज अपने गांव आए थे। वहां उन्हें ग्रामीणों से मालूम पड़ा कि आधे गांव में पानी आ रहा है आधे गांव के नल सूखे हैं। इसके बाद तो शिवराज सिंह चौहान PHE के अधिकारियों पर बिफर पड़े। उन्होंने गुस्से में कहा कि अब क्या मुख्यमंत्री हम्माली करेगा? एक-एक घर के नलों की टोंटी चेक ल करेगा? ये देखेगा कि पानी आ रहा है कि नहीं? तुम लोग करते क्या हो?
मुख्यमंत्री ने उसी गुस्से में कहा कि 15 दिन का समय दे रहा हूं। पानी की समस्या पूरी तरह चेक करो और ठीक करो। उसके बाद मुझे रिपोर्ट करो। फिर कहीं से भी शिकायत आई तो किसी की खैर नहीं। एक-एक को सही कर दूंगा।
सामान्यतः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे तेवर कम ही दिखाते हैं, पर आज वे अपने गृह ग्राम जैत की पानी की समस्या से आपा खो बैठे, जो स्वाभाविक ही। ग्रामीणों ने पानी को लेकर शिकायत की तो CM ने PHE के अधिकारियों की परेड ले ली। आज जब मुख्यमंत्री जैत दौरे के दौरे पर आए तो उनके और आसपास के कई गांव के लोगों ने उनसे पानी नहीं आने की शिकायत की और कई आवेदन थमा दिए। यह देखकर शिवराज सिंह नाराज हो गए। उन्होंने PHE के अधिकारियों को 15 दिन का समय देकर सब कुछ सही करने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे ही क्षेत्र में सभी गांव में पानी नहीं आ रहा। मैं एक-एक आवेदन कहां तक देखूंगा? यह मेरा काम है क्या? एक साथ आवेदन दे रहा हूं और 15 दिन बाद मैं पूछूंगा। यदि एक जगह से भी शिकायत आ गई तो तुम यहाँ नहीं रहोगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टंकी बनने में टाइम लगेगा। नर्मदा का पानी लाने में इतना पैसा सरकार ने इन्वेस्ट किया है। फिर भी आधे गांव में पानी, आधे में नहीं। 15 दिन बाद कमिश्नर और कलेक्टर खुद यहाँ आकर चेक करेंगे कि सबको पानी मिल रहा है कि नहीं! जहां गड़बड़ मिली, वहां मैं एक तरफ से सबको ठीक कर दूंगा।
राहत आवासों का वर्चुएल लोकार्पण
CM शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आज ‘मुख्यमंत्री बाढ़ राहत आवास योजना’ के तहत बुदनी और नसरुल्लागंज तहसील के 47 गांव में निर्मित्त साढ़े 400 आवासों का सोमलवाड़ा से वर्चुअल गृह प्रवेश (Virtual Home Entrance) कराया। मुख्यमंत्री ने रिमोट से लगभग एक दर्जन गांव में वर्चुअल गृह प्रवेश के बाद सोमलखेडा में मुकेश और जगदीश के घर पहुंचकर उनका विधिवत गृह प्रवेश (Home Entrance)कराया। उन्होंने यहाँ परिवार के साथ चाय भी पी। सांसद रमाकांत भार्गव भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के उत्पादों और हुनर को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए महिलाओं के स्व-सहायता समूह को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें बैंक से मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
बाढ़ राहत के तहत आवास निर्माण
मुख्यमंत्री ने बताया कि बुधनी और नसरुल्लागंज के करीब 47 गांव गत वर्ष बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इन गांवों में मुख्यमंत्री राहत आवास (Chief Minister Relief Residence) के तहत 626 आवासों का पुनः निर्माण करवाया गया है, जिसमें से आज करीब सवा 450 आवास में आज गृह प्रवेश करवाया जा रहा है। इन आवासों के लिए मुख्यमंत्री राहत के रूप में 95100, मनरेगा से 17 हजार के अलावा पशुपालन हितग्राहियों को अतिरिक्त सहायता दी गई। बुधनी जनपद के 18 गांव के 224 तथा नसरूल्लागंज जनपद पंचायत के 29 ग्रामों के 402 हितग्राहियों को 626 बाढ़ राहत आवास स्वीकृत किए गए।