CMO Suspend: जीवित मजदूर को मृत बता, परिजनों को बांट दी अनुग्रह राशि, CMO निलंबित

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Project Officer Suspended

CMO Suspend: जीवित मजदूर को मृत बता, परिजनों को बांट दी अनुग्रह राशि, CMO निलंबित

भोपाल
नगरीय निकायों में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी करिश्मा कर रह है। भिंड की नगर परिषद आलमपुर में मुख्य नगर पालिका अधिकारी रहे अमजद गनी ने एक जीवित मजदूर को मृत बताते हुए संबल योजना के अंतर्गत उसके परिजनों को दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि का भुगतान कर दिया। यही नहीं भिंड से सिवनी तबादला होंने के बाद भी वे वहीं जमे रहे और न केवल जमे रहे बल्कि अवैधानिक रुप से भुगतान भी करते रहे। इसके चलते नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय ने तीस मार्च 2022 को गनी को नगर परिषद आलमपुर भिंड में पदस्थ किया गया था। चार अप्रैल से वे वहां मुख्य नगर पलिका अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। 23 अप्रैल 2022 को गनी ने मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत एक जीवित श्रमिक रामदास राठौर को मृत बताते हुए अनुग्रह राशि के रुप में उनके परिजनों को दो लाख रुपए स्वीकृत कर दिए। इस तरह उन्होंने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।

उन्हें 12 जून 2023 कों मुख्य नगर पालिका परिषद आलमपुर जिला भिंड से परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण सिवनी के पद पर पदस्थ किए जाने के बाद कलेक्टर भिंड ने 19 जून को भारमुक्त कर दिया था। लेकिन अमजद गनी ने स्थानांतरण आदेश के पालन में जिला शहरी विकास अभिकरण सिवनी में परियोजना अधिकारी का पदभार ग्रहण नहीं किया। परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण सिवनी ने इस संबंध में सात अगस्त को प्रतिवेदन में बताया कि उन्होनें अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन ग्वालियर-चंबल ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि अमजद गनी ने भारमुक्त होंने के बाद अवैधानिक रुप से नगर परिषद आलमपुर में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का कार्य संपादित किया और निरंतर अनाधिकृत रुप से वे भुगतान भी करते रहे। गनी ने अप्रैल 2023 से वर्तमान तक ई नगर पालिका पोर्टल पर जेड पे केशबुक भी संधारित नहीं की। ई नगर पॉलिका पोर्टल के कई मॉडयूल क्रियाशील नहीं है इसी प्रकार निकाय की राजस्व वसूली और स्वच्छता सर्वेक्षण से संबंधित तैयारियों में भी निकाय की स्थिति खराब है।

अमजद गनी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी आलमपुर से किए गए तबादले को उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ में चुनौती दी थी। न्यायालय ने आदेश पारित कर कहा था कि यदि याचिकाकर्ता को आदेश के पहले ही भारमुक्त किया गया हो तो वे नवीन स्थानांतरण स्थल पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्हें न्यायालय के आदेश दिनांक 21 जून 2023 के पूर्व भारमुक्त कर दिया गया था लेकिन उन्होंने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। इसलिए उनके कार्य को गंभीर अनुशासनहीनता और शासकीय सेवक की मर्यादा और आचरण के विपरीत मानते हुए उन्हें कदाचरण का दोषी माना गया है।इसके चलते नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव ने उन्हें निलंबित कर दिया और संयुक्त संचालक नगरीय विकास सागर में अटैच किया है। इस दौरान उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा।