मीडिया मित्रों के लिए कलेक्टर मनीष सिंह का निमंत्रण जितना चौंकाने वाला था, उतना ही उनका मेहमांनवाजी का अंदाज भी हत्प्रभ करने वाला था उस रात। मनीष सिंह एडीएम, इंदौर विकास प्राधिकरण सीईओ, एकेवीएन के एमडी, नगर निगम आयुक्त आदि के रूप में सफलतम पारी खेलने के बाद अब इंदौर के कलेक्टर हैं। इतने वर्षों के कार्यकाल में उनका मीडिया से मित्रवत व्यवहार तो रहा है लेकिन उस रात वो होस्ट के रूप में जिस अंदाज में मनुहार, हास-परिहास और सबके साथ ठहाके लगाते हुए ग्रुप फोटो में शामिल हो रहे थे तो उनका यह बदला व्यवहार जिला प्रशासन की बीट कवर करने वाले उन पत्रकारों के लिए भी चौंकाने वाला ही था जिनका अधिकांश समय लगभग रोज कलेक्टोरेट में ही बीतता है।इसलिए भी उनके द्वारा मीडिया मित्रों को दिया भोज चर्चा में रहा।
बीते पांच सालों में इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार नंबर वन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री चौहान तक ने कलेक्टर सहित अन्य विभागों की हर बार सराहना तो की ही है, हौंसला बढ़ाने के लिए सब को भोज पर भी आमंत्रित किया।इंदौर के नाम निरंतर दर्ज होती इन उपलब्धियों से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों में मनीष सिंह का कद ऊंचा हुआ है। इन अवार्डों की झड़ी से मप्र के इस शहर की विश्वस्तर पर मजबूत होती छवि ने मुख्यमंत्री की दूरदृष्टा छवि को भी स्थापित किया है। यही कारण है कि सरकारी योजनाओं के सारे नवाचार का श्रीगणेश इंदौर से ही होने लगा है। इन उपलब्धियों ने सफलतम महिला महापौर के रूप में विधायक मालिनी गौड़ को भी स्थापित किया है। प्रशासनिक अधिकारियों, नगर निगम अमले से लेकर सफाई मित्रों तक के लिए महापौर रहीं मालिनी गौड़ भोज भी आयोजित कर चुकी है।
दशकों पहले नवागत कलेक्टर, एसपी आदि की स्थानीय अखबारों और प्रमुख पत्रकारों से मेल मुलाकात कराना जनसंपर्क विभाग का दायित्व रहा करता था। सोशल मीडिया के विस्तार ने जनसंपर्क विभाग को इस दायित्व से तो मुक्ति दिला ही दी है।अब वरिष्ठ अधिकारी भी अपने मिजाज मुताबिक मीडिया से निकटता और पर्याप्त दूरी का पालन करने लगे हैं।यही वजह रही कि प्रशासन और मीडिया के बीच संवाद होते हुए भी एक अघोषित लक्ष्मण रेखा मजबूत होती गई है। ऐसे कारणों से भी मनीष सिंह के संबंध में यह धारणा बनी हुई थी कि मीडिया से वो उतने घुलते-मिलते नहीं हैं।
यही वजह थी कि जब उन्होंने किसी पंचतारा होटल की अपेक्षा अपने बंगले पर ही भोज आयोजित किया और खुद कलेक्टर, जनसंपर्क विभाग की भूमिका में अखबारों के संपादकों-पत्रकारों-इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में सक्रिय मीडियाकर्मियों को फोन कर के भोज में शामिल होने का अनुरोध करते नजर आए तो मीडिया मित्रों का चौंकना लाजमी था।सब पहुंचे तो थे इस उम्मीद में कि जरूर कोई बड़ी खबर मिलेगी लेकिन वहां तो कलेक्टर मेहमांनवाजी और खातिरदारी में व्यस्त थे।कई मित्रों ने कुरेदा भी लेकिन उनका जवाब था कोई न्यूज नहीं है बस आप सब के साथ भोजन करना है।इस दरियादिली के कारण पर उनका कहना था आप सब के सहयोग और आमजन के विश्वास का ही परिणाम है कि एक के बाद एक अवार्ड मिल रहे हैं इंदौर को, बस इसी खुशी को आप सब से शेयर करने का मन था।
उनकी इस बात में इसलिए भी दम था कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जब इंदौर को पहली बार देश में नंबर वन का खिताब मिला तब निगम आयुक्त वे ही थे। बाद में आशीष सिंह (अभी उज्जैन कलेक्टर) ने अवार्ड की इस परंपरा को जारी रखा। उज्जैन में कलेक्टर रहते मनीष सिंह के साथ रही निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को जिस विश्वास और मुख्यमंत्री चौहान से अनुरोध के साथ उन्होंने निगमआयुक्त इंदौर पदस्थ कराया, प्रतिभा पाल ने भी इंदौर को पांचवी बार इंदौर को नंबर वन बनाए रखा है।
अब जबकि इंदौर छठी बार नंबर वन की पायदान पर कायम रहने का संकल्प लिए जिला प्रशासन और नगर निगम की हर कार्ययोजना की सफलता में और अधिक उत्साह से जुट गया है, ऐसे में कलेक्टर के इस भोज के कई अर्थ निकाले जा रहे थे। यही कारण था कि मनीष सिंह के साथ ग्रुप फोटो के दौरान पत्रकार मित्र इस अंदाज में बधाई दे रहे थे कि जैसे छठे नंबर वन अवार्ड की पूर्व संध्या पर यह आयोजन किया गया हो।
🔸2017 से नंबर वन है इंदौर सर्वेक्षण-2021 में इंदौर लगातार पांचवें साल देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। 2017 से ही इंदौर का नंबर वन रहने का यह क्रम जारी है।
स्वच्छता, कल्चर, नवाचार सहित अनेक थीम में भी मिल चुके हैं 6 अवार्ड
केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी सूरत (गुजरात) में “इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्डस कांटेस्ट-2020” में विभिन्न थीम में उल्लेखनीय कार्य करने वाले स्मार्ट सिटीज अवार्ड वितरित किये थे। इंदौर को विभिन्न केटेगरी में 6 अवार्ड मिले।
▪️कल्चर थीम में इंदौर और चंडीगढ़ को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
▪️इंदौर को हेरिटेज के बेहतर संरक्षण पर यह अवार्ड मिला है।
▪️इंदौर को स्वच्छता थीम पर म्युनिसिपल बेस्ट मेनेजमेंट सिस्टम के लिए तिरूपति के साथ संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
▪️इंदौर को इकोनामी थीम पर कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकेनिज्म के लिए, बिल्ट एनवायरमेंट थीम पर छप्पन दुकान के लिए, इनोवेशन अवार्ड में कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकेनिज्म और सिटी अवार्ड में इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से ओवरआल विनर का अवार्ड दिया गया।