
Collector Neetu Mathur अचानक पहुंचीं एकलव्य विद्यालय उमराली: अव्यवस्था और छात्रों के आक्रोश की मिली थी सूचना
ALIRAJPUR: जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उमराली में छात्रों के हंगामे और प्राचार्य तथा शिक्षकों के बीच बढ़ते तनाव की सूचना सीधे जिला प्रशासन तक पहुंची। मामले की गंभीरता समझते हुए कलेक्टर नीतू माथुर अचानक विद्यालय पहुंचीं। निरीक्षण के दौरान बच्चों और स्टाफ ने जो हालात बताए, वे बेहद चिंताजनक थे।
▪️प्राचार्य के व्यवहार से स्टाफ और छात्र दोनों नाराज
▫️बुधवार सुबह से ही छात्रों में भोजन की गुणवत्ता, प्राचार्य के व्यवहार और आवश्यक सुविधाओं की कमी को लेकर आक्रोश था। स्थितियां तब और बिगड़ गईं जब कुछ शिक्षक भी प्राचार्य के रवैये पर असंतुष्ट होकर छात्रों की शिकायतों के समर्थन में खड़े हो गए। विवाद इतना बढ़ा कि बच्चों ने भोजन न करने की जिद पकड़ी। सूचना मुख्यालय पहुंचते ही कलेक्टर नीतू माथुर ने बिना किसी प्रोटोकॉल सूचना के सीधे विद्यालय में प्रवेश किया।
▪️अमानवीय व्यवहार का आरोप
▫️निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्राचार्य द्वारा उनके साथ कठोर और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। बच्चों ने भोजन की खराब गुणवत्ता, आवासीय सुविधाओं की कमी और अनुशासनात्मक दबाव जैसी गंभीर समस्याओं को भी खुलकर रखा।
▪️शिक्षक भी बोले
▫️निरीक्षण के दौरान कई शिक्षकों ने भी प्राचार्य के कार्य व्यवहार पर गंभीर असहमति जताई और बताया कि पिछले एक वर्ष में विद्यालय की सिस्टमेटिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। शिक्षकों का कहना था कि प्राचार्य के आने के बाद से विद्यालय में समन्वय और अनुशासन दोनों कमजोर हुए हैं।
बीते समय में एकलव्य विद्यालयों में प्राचार्य और शिक्षकों की पदस्थापना केंद्र सरकार के अधीन चली गई है, जिससे स्थानीय मॉनिटरिंग कमजोर हुई है। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान इस पहलू को भी गंभीरता से दर्ज किया।
▪️कलेक्टर ने जताई नाराजगी
▫️निरीक्षण में कलेक्टर नीतू माथुर को भोजन की गुणवत्ता से लेकर स्टाफ के व्यवहार तक कई खामियां मिलीं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आवासीय विद्यालयों में रहने वाले बच्चे घर से दूर रहते हैं, ऐसे संस्थानों में दुर्व्यवहार, लापरवाही और व्यवस्थागत ढिलाई बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आगामी सात दिनों तक विद्यालय की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए। भोजन, अनुशासन, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं की रिपोर्ट प्रतिदिन कलेक्टर कार्यालय को भेजना अनिवार्य किया गया। साथ ही जिले के सभी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए।
▪️बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया
▫️भोजन को लेकर नाराज बच्चे हंगामा कर रहे थे और खानपान लेने से इंकार कर रहे थे। कलेक्टर नीतू माथुर ने शांतिपूर्वक बच्चों से चर्चा की, उनका विश्वास जीता और उन्हें आश्वस्त किया कि हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता से होगा। इसके बाद कलेक्टर ने स्वयं बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया, जिसके बाद छात्रों ने भी भोजन ग्रहण किया।

निरीक्षण के दौरान अनुविभागीय अधिकारी मनोज अग्रवाल, प्रभारी सहायक आयुक्त संजय परवाल, तहसीलदार रानू माल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।





