
Collector’s Promise to Pay Coaching Fees : कानपुर कलेक्टर का UPSC कोचिंग फीस भरने का वादा!
Kanpur : कभी-कभी बहुत छोटी सी घटना किसी की जिंदगी बदलने का कारण बन जाती है। ऐसा ही कुछ कानपुर कलेक्ट्रेट में हुआ। जनसुनवाई में शिकायत के बाद कार्रवाई से एक आवेदक संतुष्ट हो गया। क्योंकि, जनसुनवाई में शिकायत के बाद 25 साल पुराने उसके मकान से कब्जा हट गया था। मकान पर कब्ज़ा करने वाला 1.65 लाख रुपए मांग रहा है। कलेक्टर ने एसीएम प्रथम राजेश कुमार को निस्तारण के निर्देश दिए। एसीएम ने मामले में समझौता कराकर मकान खाली करा दिया।
नौबस्ता के राजकुमार कुशवाहा कलेक्टर (डीएम) जितेन्द्र प्रताप सिंह को इस कार्रवाई के लिए धन्यवाद देने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उसकी बात सुनने के बाद डीएम ने राजकुमार से पूछा ‘साथ में क्या आपकी बेटी है, बिटिया कहां तक पढ़ी है और क्या कर रही है।’ इस पर राजकुमार की बेटी देवांशी बोली ‘गोविंद नगर में डीबीएस कॉलेज से स्नातक का दूसरा साल है। इंटरमीडिएट में अच्छे अंक आने पर तत्कालीन मंडल आयुक्त ने सम्मानित भी किया था। अब मेरी इच्छा यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस बनने की है, लेकिन आर्थिक तंगी हमारी बाधा है।’

देवांशी को पढाई के लिए मार्गदर्शन दिया
यह सुनकर डीएम को लगा कि इस बच्ची की मदद चाहिए। उसे कलेक्टर साहब ने अपना मोबाइल फोन नंबर दिया। उन्होंने शिक्षक व अभिभावक की तरह पढ़ाई को लेकर मार्गदर्शन देते हुए कहा कि बिटिया तुम आईएएस बनो, कोचिंग की फीस हम भर देंगे। कलेक्टर ने तत्काल कोचिंग संचालक को फोन कर देवांशी को प्रवेश देकर उससे फीस न लेने की गुजारिश की। इससे पिता-पुत्री भाव-विभोर हो गए। चेहरे पर संतुष्टि के भाव लेकर वापस अपने घर लौटे। ये देख जनसुनवाई में उपस्थित लोगों ने भी तारीफ के पुल बांध दिए। देवांशी और कलेक्टर के बीच हुई बातचीत से उसकी जिंदगी को नया मोड़ मिला।
पहले भी गरीब बच्चों की मदद की
कलेक्टर ने जिले का चार्ज संभालने के कुछ दिन बाद ही घाटमपुर के तहरापुर निवासी नेत्र दिव्यांग मुन्ना सिंह के दो बेटों शोभित, कन्हैया व बेटी कुंती की मूसानगर स्थित बीआरडी इंटर कॉलेज में 18 हजार रुपए फीस जमा कराई थी। इससे बच्चे फिर स्कूल जाने लगे। कॉलेज प्रबंधन से उन्होंने 50% फीस माफ करा दी थी।





