Colony on Govt Land : सरकारी पट्टे की 84 एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटने की शिकायत!

जांच के नाम पर पटवारी ने बगैर मौका मुआयना किए ही पंचनामा बनाया!

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Colony on Govt Land : सरकारी पट्टे की 84 एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटने की शिकायत!

इंदौर से गोविंद राठौर की विशेष रिपोर्ट

Indore : रंगवासा पंचायत में करोड़ों की पट्टे की जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा कॉलोनी काटने के मामले में एडवोकेट जितेंद्र पटेल ने भी शिकायत की है बताया गया कि इलाके के पटवारी ने जो पंचनामा बनाया, वह घर बैठे ही बना दिया। उसमें मौका मुआयना का कोई जिक्र नहीं है। वहीं राऊ एसडीएम भी दबी-जुबान में मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई करने की बात कही। 84 एकड़ सरकारी जमीन को भूमाफिया हेरफेर करके कॉलोनी काटने की कोशिश में है।
शिकायतकर्ता जितेंद्र पटेल ने बताया कि सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं की कॉलोनी काटकर करोड़ों कमाने की योजना है। जबकि, 84 एकड़ पट्टे की जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी काटने के मामले में राऊ तहसीलदार जांच कर रहे हैं। उन्होंने पटवारी को मौका मुआयना कर दस्तावेज सहित रिपोर्ट सौंपने को कहा। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक पटवारी ने बगैर मौका मुआयना और पंचों के साइन के ही पंचनामा बना दिया।

ऐसे में सही जांच रिपोर्ट पेश होना संशय में है। यह जांच रिपोर्ट भू-माफियाओं के पक्ष में प्रतीत हो रही है। इसके पहले भू-माफियाओं ने पट्टाधारी किसानों को 4-4 लाख रुपए भी दे दिए हैं। इनमें से कुछ नकद और अधिकतर राशि किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि प्रशासन यदि इन पट्टाधारी किसानों के खातों की जांच करे तो पूरा मामला सामने आ जाएगा।

भरण-पोषण के लिए दिया था पट्टा
जानकारी अनुसार भूमिहीन किसानों को भरण पोषण के लिए शासन ने जमीन दी थी। करीब 18 लोगों को इस दो-दो जमीन बीघा के पट्टे भी दिए, ताकि उन्हें भविष्य में कोई परेशानी न आए। अब ये जमीन करोड़ों की हो गई है और इस पर भू-माफियाओं की नजर पड़ी। पहले तो किसानों ने शिकायत की, पर उसे चालबाजी से दबा दिया गया।

जमीन को बेचा या ख़रीदा नहीं जा सकता
अब इस मामले में एडवोकेट जितेंद्र पटेल ने शिकायत की है। उन्होंने बताया कि भू-माफिया राहुल तंवर, हेमचंद मितले, शिवा गारी, राजेश ठाकुर आदि ने इस सरकारी पट्टे की जमीन पर कॉलोनी काटने की तैयारी की है। बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने किसानों के साथ सौदा करने की भी योजना बनाई है। नियम के अनुसार जिस जमीन (भूखंड) का पट्टा सरकार द्वारा दिया जाता है, वह सरकारी होती है। पट्टे की शर्तों के मुताबिक इस जमीन को न तो पट्टेदार बेच सकता है और न कोई अन्य खरीद सकता है। इसके बाद भी हाई लेवल की सांठगांठ के चलते भू-माफिया इस पर नजर गड़ाए हुए हैं। सभी 18 पट्टों को मिलाकर जोड़ा जाए तो यह 84 एकड़ जमीन होती है।